1 Heated cosmic bodies 2 Planets 3 Atmosphere 4 Super-terrestial space 5 Suns 6 Says of ethereal space 7 Satellities 8 Stars . These eight are called Vasus, because they are abode of all that lives, moves or exists.
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कुत्तों की हिम्मत कैसे हुई । शेरों से आँख मिला बैठे । या तो कुत्तों में ताकत आई । या शेर बुजदिल बन बैठे । गीदड़ ने आखिर कैसे । शेरों का रस्ता मोड़ दिया । क्या गीदड़ में है दम । या शिकार शेरों ने छोड़ दिया । शायद शेरनियों ने अब शेर जनना छोड़ दिया । या शेरों का खून पानी है । तभी लड़ना छोड़ दिया ।
कुत्ते करेंगे राज अब । और शेर मांद में सोयेगा । बैठ कर किसी कोने में । किस्मत को अपनी रोयेगा ।
थुकेगी दुनियाँ जो शेर होकर । कुत्तों से तुम डर जाओगे । फट जाये कलेजा कुत्तों का । जो एक बार गुर्राओगे ।
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दूध पीने के नियम - बोर्नविटा हार्लिक्स के विज्ञापनों के चलते माताओं के मन में यह बैठ जाता है कि बच्चों को ये सब डाल कर 2 कप दूध पिला दिया ।
बस हो गया । चाहे बच्चे दूध पसंद करें । ना करें । उल्टी करें । वे किसी तरह ये पिला कर ही दम लेती हैं । फिर भी बच्चों में कैल्शियम की कमी । लम्बाई न बढना इत्यादि समस्याएँ देखने में आती हैं । आयुर्वेद के अनुसार दूध पीने के कुछ नियम हैं ।
- सुबह सिर्फ काढ़े के साथ दूध लिया जा सकता है ।
- दोपहर में छाछ पीना चाहिए । दही की प्रकृति गर्म होती है । जबकि छाछ की ठंडी ।
- रात में दूध पीना चाहिए । पर बिना शक्कर के । हो सके तो गाय का घी १- २ चम्मच डाल कर लें । दूध की अपनी प्राकृतिक मिठास होती है । वो हम शक्कर डाल देने के कारण अनुभव ही नहीं कर पाते ।
- एक बार बच्चे अन्य भोजन लेना शुरू कर दें । जैसे - रोटी । चावल । सब्जियां । तब उन्हें गेंहूँ । चावल और सब्जियों में मौजूद कैल्शियम प्राप्त होने लगता है । अब वे कैल्शियम के लिए सिर्फ दूध पर निर्भर नहीं ।
- कपाल भांति । प्राणायाम । और नस्य लेने से बेहतर कैल्शियम एब्ज़ोर्प्शन होता है । और कैल्शियम । आयरन । और विटामिन्स की कमी नहीं हो सकती । साथ ही बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास होगा । - दूध के साथ कभी भी नमकीन या खट्टे पदार्थ ना लें । त्वचा विकार हो सकते हैं ।
- बोर्नविटा । कॉम्प्लान । या हार्लिक्स । किसी भी प्राकृतिक आहार से अच्छे नहीं हो सकते । इनके लुभावने विज्ञापनों का कभी भरोसा मत करिए । बच्चों को खूब - चने । दाने । सत्तू । मिक्स्ड आटे के लड्डू खिलाइए । - प्रयत्न करे कि
देशी गाय का दूध लें । - जर्सी या दोगली गाय से भैंस का दूध बेहतर है ।
- दही अगर खट्टा हो गया हो । तो भी दूध और दही ना मिलायें । खीर और कढ़ी एक साथ न खायें । खीर के साथ नमकी्न पदार्थ न खायें । - अधजमे दही का सेवन ना करें । - चावल में दूध के साथ नमक ना डालें ।
- सूप में । आटा भिगोने के लिये । दूध इस्तेमाल न करें ।
- द्विदल यानी कि दालों के साथ दही का सेवन विरुद्ध आहार माना जाता है । अगर करना ही पड़े । तो दही को हींग जीरा की बघार देकर उसकी प्रकृति बदल लें । - रात में दही या छाछ का सेवन न करें ।
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अगर हम कोई खाने पीने की वस्तु खरीदते हैं । तो उस पर शाकाहारी के लिये हरा बिंदू । और माँसाहारी के लिये
लाल बिंदू बना रहता है । लेकिन कोई वस्तु स्वदेशी है । या विदेशी । इसका पता करने की कोई विधि नहीं थी । आईये अब आपको बताते हैं । अधिकतर आप जो भी वस्तु खरीदते हैं । उस पर बार कोड जरुर अंकित रहता है । और उस बार कोड के पहले 3 नम्बर आपको देखने हैं । ये 3 नम्बर जरुर याद रखें । जो कि इस प्रकार हैं ।
( 890 ) MADE IN INDIA ( 690, 691, 692 ) Then it is MADE IN CHINA
( 00 - 09 ) USA and CANADA ( 30 - 37 ) FRANCE ( 40 - 44 ) GERMANY
( 471 ) Taiwan ( 49 ) JAPAN ( 50 ) UK
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ये है कारण कि - क्यों मुस्लिम समुदाय के लोग अधिकतर कांग्रेस के वोट बैंक हैं । हज सब्सिडी का सच ?
सत्ता की मलाई चाटते रहने के लिये । और अपने वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिये । यूपीए UPA GOV
सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपनाये हुये है ।
इसके लिये खुले आम संविधान की धज्जियां उड़ाई जाती हैं । और उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन भी नही किया जाता । पंथ निरपेक्ष शासन में सरकार का यह उत्तरदायित्व नहीं बनता कि वह पक्षपात
करते हुये समुदाय विशेष के नागरिकों को उनके धार्मिक कर्मकांड अथवा परंपरा को पूरा करने के लिए आर्थिक सहायता दे ।
सरकार कर्मकांड के लिए सुविधाएं जैसे - कानून व्यवस्था कायम रखने । लोगों को जन सुविधायें उपलब्ध कराने । और यातायात के लिए सड़क आदि बनाने में तो सार्वजनिक धन का इस्तेमाल कर सकती है । लेकिन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से कर्मकांड के लिए उस धन का इस्तेमाल नहीं कर सकती ।
आइये देखते हैं । सरकार किस तरह आम जनता द्वारा दिये टैक्स का दुरुपयोग कर रही है ।
हज सब्सिडी के सदर्भ में उच्चतम न्यायालय ने 8 मई 2012 को सरकार को आदेश दिये कि -
1 हज सब्सिडी को बंद किया जाये । और उच्चतम न्यायालय ने इसके लिये 10 वर्ष की समय सीमा निधरित कर दी ।
2 प्रधानमंत्री के सदभावना शिष्टमंडल में प्रतिनिधियों की संख्या में कमी करने का भी निर्देश सरकार को दिया ।
3 - 15 अप्रेल 2012 को आदेश दिया कि - हज सब्सिडी 5 वर्ष में 1 बार के स्थान पर जीवन में 1 बार दी जाये ।
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अब देखते हैं । कैसे काग्रेस सरकार सविंधान के पंथ निरपेक्षता के सिद्धान्त की धज्जियां उड़ाती हैं ।
पहले बात इस वर्ष की । इस वर्ष कुल 5 लाख हज आवेदन में से 1 लाख 45 हजार लोगों को सरकार
ने हज की अनुमति दी है । जो पिछले वर्ष से 25 हजार अधिक है । गत वर्ष 1 लाख 20 हजार हाजी सरकारी सब्सिडी पर हज पर गये थे । गत वर्ष 900 करोड़ रुपये हज सब्सिडी पर खर्च हुये ।
कुछ दिनों पहले दिल्ली में हज कमेटी के साथ एक बैठक में विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि - रुपये के अवमूल्यन । ईधन की कीमतों में वृद्धि के कारण इस वर्ष प्रत्येक हाजी पर 30-35 हजार का अधिक खर्चा होगा ।
और इस वर्ष हज सब्सिडी पर खर्च की रकम का आकड़ा लगभग 1500 करोड़ पहुँचेगा । इसे सरकार वहन करेगी । मतलब उच्चतम न्यायालय के 8 मई 2012 को दिये गये आदेशों की अवमानना । 10 वर्ष में कम करते हुये खत्म करने के आदेश दिये । लेकिन
सब्सिडी कम करने के स्थान पर बढाई जा रही है ।
आपको जानकर हैरत होगी कि सरकार ने पिछले पांच साल में 3750 करोड़ रुपये हज सब्सिडी पर खर्च किये हैं ।
सदभावना शिष्टमण्डल के नाम पर मुस्लिम नेताओं की जनता के पैसे पर विदेश यात्रा की मौज
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भारत सरकार सऊदी अरब हर वर्ष 30 लोगों तक का शिष्ट मंडल अपनी तरफ से हज यात्रा पर भेजती है ।
जबकि उच्चतम न्यायालय ने इस पर रोक लगाते हुये कहा था । इसके लिये 2 सदस्य पर्याप्त हैं ।
गत वर्ष नवम्बर में राज्य सभा के उप सभापति के. रहमान खान 3 दर्जन से अधिक मुस्लिम नेताओं का सदभावना मंडल लेकर गये ।
साथ ही डाक्टरों मेडिकल सहायकों का एक बड़ा दल भी गया । इस पर कुल 200 करोड़ खर्च हुये ।
इस वर्ष इसी तरह के सदभावना दल पर 300 करोड़ खर्च होने का अनुमान हैं ।
अति विशिष्ट कोटे से हर साल 1100 कांग्रेसी कार्यकर्ता और नेता सरकारी सब्सिडी पर हज करते हैं ।
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हज कमेटी में सरकारी दखल और कमीशन खोरी भृष्टाचार का आलम यह है कि कुर्रा ( लाटरी ) निकालने से पहले ही अवैध रुप से सरकारी कारिन्दों के नाम तय हो जाते हैं ।
सरकार को लथेड़ते हुये उच्चतम न्यायालय ने 8 मई 2012 वी आई पी कोटे की 800 सीटें प्राइवेट टूर वालों के कोटे को देने के आदेश दिये ।
इस वर्ष हज कमेटी सऊदी सरकार की मदद से हज यात्रियों को मुफ्त सिम बांटेगी । जिसमें हज कमेटी के अधिकारियो के अस्पताल व अन्य आपातकालीन सुविधाओं के नम्बर रहेंगे । ताकि हज यात्रियों को अरब में असुविधा ना हो ।
हालांकि इसके लिये भारत सरकार कोई खर्च नहीं करने वाली है । यह सिम केवल उन्हें दी जायेगी । जो सरकारी हज कमेटी के माध्यम से हज करने वाले हैं ।
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जानिये । कैसे दी जाती है - हज सब्सिडी ।
सरकार प्रत्येक हज यात्री से मात्र 16 हजार रुपये लेती है । बाकी खर्च सरकार देती है । सब्सिडी नकद नहीं दी जाती । इसे सब्सिडी का बड़ा हिस्सा हवाई कंपनियों और खासतौर से सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को बड़े पैमाने पर हज यात्रियों को जेद्दा ले जाने
और वापस लाने के लिए किराये में राहत के रूप में दिया जाता है ।
सरकारी विमानन कंपनी के घाटे और पायलटों को वेतन ना मिलने का ये भी एक कारण है । क्योंकि सरकार एयर इण्डिया को भी नकद भुगतान नहीं करती । बल्कि ईंधन के बाण्ड जारी किये जाते हैं ।
भारत में 26 शहरों से हज यात्रा के लिये विमान उड़ान भरते हैं । इस वर्ष 1500 करोड़ रुपये एयर इण्डिया को भुगतान किये जायेंगे ।
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कैसे हुई शुरुआत - हज सब्सिडी की ?
आजादी के बाद 1952 तक मुम्बई की मुगल शिपिंग कम्पनी के जहाजों से लगभग सात हजार
लोग ही हज पर जाते थे । इसके बाद तब यात्रियों के बढते दबाव और तस्करी और मानव व्यापार की बढती
घटनाओं के कारण सरकार ने मुगल शिपिंग कम्पनी का अधिग्रहण कर लिया । इसके बाद सरकार ही हज यात्रियों की व्यवस्था करने लगी ।
पानी के जहाज़ से की जाने वाली हज यात्रा की लागत लगातार महंगी होते जाने के बाद जब सरकार ने इसका किराया बढ़ाने का प्रस्ताव किया । तो मुस्लिम समाज ने इसका जमकर इस आधार पर विरोध किया कि ऐसा करने से उनका एक धार्मिक कर्तव्य पूरा होना कठिन होता जायेगा ।
चूंकि हज यात्रियों के अलावा बाकी लोगों ने हवाई यात्रा का विकल्प उपलब्ध होने के कारण जल यात्रा को थकाऊ और लंबा समय लगने से लगभग छोड़ दिया था ।
इसलिये 1954 में कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम समाज के सामने यह विकल्प रखा कि वह अगर जल यात्रा की जगह हवाई यात्रा करने को राज़ी हो जाये । तो ऐसा करने से दोनों के यात्रा व्यय में जो अंतर आयेगा । उसकी पूर्ति सब्सिडी के रूप में सरकार कर
देगी ।
नेहरु सरकार द्वारा शुरु की गई इस मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति को किसी भी सरकार ने खत्म नहीं किया । सभी वोट बैक की राजनीति में लगे रहे । हज सब्सिडी को बन्द करने के लिये वाजपेयी सरकार के समय ससदीय कमेटी ने सिफारिश की थी । लेकिन बन्द नहीं कर पाये । उसके बाद 2004 में काग्रेस गठबधन की सरकार आने के बाद मामला ठडे बस्ते में डाल दिया गया ।
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हज सब्सिडी पर सवाल ?
विश्व भर में भारत ही ऐसा देश है । जो हज पर सब्सिडी देता है । मक्का मदीना में सबसे ज्यादा भारतीय मुस्लिम हज पर जाते हैं । कांग्रेसी सरकार द्वारा शुरु की गई हज सब्सिडी समाज में वैमनस्य बढाती है । समुदायों में झगड़े होते हैं । क्योंकि पक्षपात होता
है । तो अन्य धर्म के लोगों का रोष आना स्वाभाविक है ।
आखिर इस देश का हर नागरिक टैक्स देता है । फिर केवल मुस्लिमो को ही अपने धार्मिक कर्मकाण्ड के लिये सरकार सब्सिडी देती है । सरकार क्यों नहीं - हिन्दुओं को अमरनाथ यात्रा । कैलाश मान सरोवर के लिये सब्सिडी देती है ? ईसाइयो को येरुशलम जाने के लिये क्यों नही सरकार सब्सिडी देती है ? सिखों को पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारों के लिये सरकारी सहायता क्यों नहीं मिलती ?
ये सब ये साबित करता है कि - इस देश में सरकार खुद संविधान का उलंघन कर रही है । और इसके लिये न्यायपालिका से भी झूठ बोला जाता है । आंकड़े छुपाये जाते हैं । अवमानना की जाती है । अगर समाज में इस पक्षपात को लेकर धार्मिक संगठन और राजनैतिक
कार्यकर्ता आपस मे भिड़ते हैं । समाज में तनाव फैलता है । तो इसके लिये यूपीए UPA GOV सरकार खुद दोषी है ।
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When despair for the world grows in me . and I wake in the night at the least sound . in fear of what my life and my children's lives may be, I go and lie down where the wood drake . rests in his beauty on the water, and the great heron feeds . I come into the peace of wild things who do not tax their lives with forethought of grief . I come into the presence of still water . And I feel above me the day-blind stars . waiting with their light . For a time I rest in the grace of the world, and am free .- Wendell Berry
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Surrender means that you open to your lover every aspect of self for their exploration . It means that you can allow yourself to be taken on a journey ‘without knowing the destination . Only in sharing every part of self, even the parts or secrets you are ashamed of, and especially the parts that hurt, can you truly surrender – Anonymous
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