18 सितंबर 2012

कोशिश मत करो सफलता की कोई आशा नही


आधुनिक शोधो से मानव मन के 2 प्रकार ज्ञात हुए हैं - चेतन व अवचेतन । चेतन या जागृत मन । जिसका हम केवल 1 से 15% उपयोग करते हैं । इन्द्रिय नियंत्रण । शरीर की हलचल । विचार एवं तर्क शक्ति । बुद्धिमत्ता । सही अवसर की पहचान । एवं उसका सही फायदा उठाना । अच्छे बुरे की पहचान । इच्छा की उत्पत्ति । आदि सब जागृत मन की शक्तियां हैं ।
ये सब मानवीय शक्तियां हैं । जो केवल 15% हैं । बाकी की 85% शक्ति अवचेतन मन के पास है । जिसे हम दैवीय शक्ति । ईश्वरीय शक्ति । या अलौकिक शक्ति भी कहते हैं । इन्द्रियों पर चेतन वा अवचेतन दोनों मन का नियंत्रण होता है । टेलीपैथी । याद शक्ति । भावनायें । ज्ञान । प्रज्ञा । सही अवसर खड़े करने की क्षमता । ऐसी कई शक्तियां अवचेतन मन के पास हैं । इस मन के पास 1 नैसर्गिक घडी व कलेंडर भी है । इसके अलावा शरीर के स्व संचालित तंत्र पर काबू । घाव भरना । इच्छा मृत्यु । मनोबल आदि एवं आध्यात्मिक शक्तियां अवचेतन मन के पास होती हैं ।
जागृत अवस्था में मस्तिष्क में 14-35 तरंगे प्रति सेकंड होती हैं । जिसे बीटा वेव या मन की बीटा अवस्था कहते हैं । और अर्ध जागृत अवस्था में 7-14 तरंगे प्रति सेकण्ड होती हैं । जिन्हें अल्फ़ा वेव या मन की अल्फ़ा अवस्था कहते हैं ।
अल्फ़ा अवस्था में कल्पना शक्ति के माध्यम से जो भी सृजन या आदेश.. चेतन । जागृत । मन से अवचेतन मन को देते हैं । वह बिना तर्क के स्वीकार कर लेता हैं । और हमारे जीवन में ठीक वैसा ही अवसर खड़ा करता है । रोज

सोने से पहले अर्ध निद्रा की अवस्था में । अल्फ़ा अवस्था में । हम प्राकृतिक रूप से होते हैं । इसके अलावा RELAXATION वा MEDITATION से इच्छा अनुसार अल्फ़ा अवस्था में जाया जा सकता हैं । हमे रोज अपने सकारात्मक विचारों वाले आत्म सुझाव ( जैसा हम बनना चाहते हों । जो करना चाहते हों ) सोने से पहले दुहराना चाहियें । आत्म सुझावों में - न । नही । या वास्तविकता से परे । कुछ भी नहीं होना चाहिये । उदाहरण के लिये - मैं बहुत फुर्तीला हूँ । मैं सफल रहूँगा । तो आपका मन सफलता की उम्मीद के लिए तैयार करता है । यदि आप सोचें कि - मैं असफल रहूँगा । तो आपका मस्तिष्क आपके शरीर को कहता है कि - कोशिश भी मत करो । क्योंकि सफलता की कोई आशा नही है ।
सोचने का मतलब । मस्तिष्क में रासायनिक क्रियायें करना हैं । जिससे शरीर सीधा जुड़ा होता हैं । इसलिये हर वक्त सकारात्मक व उच्च विचार रखें । सही विचार अपने दिमाग को

लगातार देते रहना चाहिये । नहीं तो गलत विचार अपने आप खाली दिमाग को भर लेंगे । एक विद्यार्थी कामयाब लोगों की जीवनियो को पढ़ता है । जिन्होंने कठिनाईयों के वावजूद सफलता को हासिल किया है । और अपनी कमियों को खूबियों में बदला हैं ।
मेरी दुनिया में सब  कुछ और बेहतर होता ही जा रहा है । हर पल । हर क्षण । और हर सांस के साथ सकारात्मकता मुझमे जा रही है । मेरे आस्तित्व के केन्द्र में प्रेम का एक विशाल कूप है । जिससे असीम प्यार छलकता ही रहता है । हर पल । हर क्षण । मैं मुस्कुराता रहता हूँ । चाहे जैसी 

परिस्थितियां हों । क्योंकि मुझे पता है । परिस्थितियां अस्थाई हैं । ये आपके धैर्य की परीक्षा ले सकती है । किन्तु आपका मूल स्वभाव । मौलिकता । खुश रहने को । नही छीन सकती । और अपने एहसासों के अनुसार ही मैं परिस्थितियाँ आकर्षित करता हूँ । जीवन बहुत सरल है ।
मानसिक तस्वीर देखने की आपकी योग्यता । शायद सबसे प्रबल शक्ति है । आपके जीवन के सभी सुधार मानसिक तस्वीरों से शुरू होते हैं । आप आज जहाँ हैं । जो भी हैं । काफी हद तक उन मानसिक तस्वीरों के कारण हैं । जो इस वक्त आपके चेतन मन में हैं । जब आप भीतर से अपनी 

मानसिक तस्वीरों को बदल लेते हैं । तो आपका बाहरी संसार उन तस्वीरों के अनुरूप बदलने लगेगा ।
वेन डायर कहते हैं - जब आप इस पर यकीन कर लेंगे । तो आप इसे देख लेंगे ।
जिम कैथ्कार्ट कहते हैं - जो आप देखते हैं । वही वही आप बनेंगे ।
डेनिस वेतली कहतें हैं - आपकी मानसिक तस्वीरें । आपके जीवन के आगामी आकर्षणों का प्रीव्यू हैं ।
अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था - कल्पना तथ्यों से ज्यादा महत्वपूर्ण है ।
लेस ब्राउन कहते हैं - जिस चीज को आपने पहले कभी हासिल नहीं किया । उसे हासिल करने के लिये आपको वैसा व्यक्ति बनना पड़ेगा । जैसे आप पहले कभी नही थे ।
हर क्षेत्र में लाख लोग शून्य से शिखर पर पहुंचे हैं । आप एक एक कदम । एक एक योग्यता । एक बार में एक छोटा सा सुधार करके शिखर पर पहुँच सकते हैं ।
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आईये अब इस शक्तिशाली मन का सदपयोग करने की कुछ विधियां अपनाएँ ।
सेल्फ टाक । खुद से सकारात्मक बातचीत । या आत्म सुझाव ।

यह परम शक्तिशाली तकनीक है । जिससे हम मन की प्रोग्रामिंग कर सकते हैं । वह विचार जो हम लगातार सोचते रहते हैं । अक्सर हकीकत बनकर हमारे सामने आते रहते हैं । 
मान लीजिये । आपको डाक्टर बनना है । तो आपको अपने विचारों में AIPMT/CPMT/NEET आदि में सफलता के लिए सोचना होगा । 
सही दिशा की मेहनत । और सही तरह की मेहनत । बहुत महत्वपूर्ण है । जीवन में लक्ष्य का तो बहुत ही ज्यादा महत्व है । एक सही लक्ष्य हमें हमारे सपनों के करीब बहुत तेजी से ले जाता हैं । 
जीवन में सही लक्ष्य का बहुत महत्व है । लक्ष्य यानी जीवन का नक्शा ।
मान लीजिये । आपको इलाहाबाद से लखनऊ जाना है । और आपको कानपुर का नक्शा दिया है । तो क्या आप उस नक्शे की सहायता से लखनऊ जा सकते हैं । नहीं ना ?
फिर हम गलत नक़्शे की सहायता से अपने जीवन में जो चाहते हैं । वो कैसे हासिल कर सकते हैं ?
कुछ लोग लक्ष्य का निर्धारण 5 मिनट में कर लेते हैं ।
आप बाजार एक पैंट खरीदने जाते हैं । सैकड़ों पैंटों में से एक पैंट चुनते हैं । फिर आपकी जिंदगी इतनी कीमती है । उसके लिए लक्ष्य निर्धारण इतने अल्प समय में कैसे कर लेते हैं ? 
पूरा सोच विचार । आकलन करने के पश्चात । अपनी स्थिति का सही निर्धारण करने के बाद ही स्मार्ट लक्ष्य 

बनाने चाहिये । 
हमें अपने ज्ञान को लगातार बढाते रहना होगा । क्योंकि बीते हुये कल में आपका शैक्षिक जानकारी स्तर क्या था ? यह आज पुराना हों चुका है । आज के अनुसार अपडेट करना होगा ।
खुद को लगातार प्रेरित करना होगा । यदि हमे हमेशा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना हैं । तो ज्ञान मे शक्ति बनने की परम शक्ति है ।
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विजुलायिजेसन । रचनात्मक कल्पना करना ।
अपनी मनचाही बात । व्यक्ति । या घटना को । अपने मस्तिष्क में देखना ही रचनात्मक कल्पना है । यह एक क्रिया है । जिसमें मनुष्य - सृजन । दृष्टि । कल्पना । अनुभव द्वारा अपने मानस पटल पर हमें प्राप्ति का । अपने पसंद के नये व्यक्तित्व का चित्रांकन करते हैं । अपने लक्ष्य की कल्पना कीजिये । और उसका मानसिक पर्दे पर इस प्रकार चित्रांकन कीजिये । जैसे आपने उसे पा लिया हो । पूरे मनचाहे परिणाम को देखना है । उसे इन्द्रियों द्वारा महसूस 

करना है । गंध महसूस कीजिये । रंग देखिये । ताप महसूस कीजिये । सफलता खुशी का अनुभव कीजिये ।
इन रहस्यों को जानने के बाद । अब आपके सफल होने का मौका 10 गुना बढ़ जाता है । 
आंकडों के अनुसार । आपके साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले 90 % लोग ABSOLUTELY AND TOTALLY कमिटेड नहीं होते । और यदि आप ABSOLUTELY AND TOTALLY कमिटेड हैं । तो आपका कम्पटीशन सिर्फ 10 % लोगों से होता है ।
आप खुद से सवाल कीजिये । कितना DEEPLY और STRONGLY आपको विश्वास है कि - आप सफल होंगे ?
क्या आप अपनी अधिकतम सफलता के लिए कुछ भी करेंगे । मसलन -
DECIDE TO WORK HARD + SMART WORK .

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अवचेतन मन
आपका अवचेतन मन स्मृतियों के विशाल बैंक जैसा है । इसकी क्षमता लगभग असीमित है । यह आपके साथ होने वाली लगभग हर घटना को स्थायी रूप से संभाल कर रखता है । 21 साल की उमृ तक आपका अवचेतन मन इनसायिक्लोपीडिया ब्रिटेनिका की से 200 गुनी ज्यादा सामग्री स्थायी रूप से इकठा कर चुका होता है ।
आपके अवचेतन मन का कार्य - डाटा इकट्ठा करना । और दोबारा निकालना है । इसका कार्य यह तय करना है कि - आप ठीक उसी प्रकार से प्रतिक्रिया करें । जैसे आपकी प्रोग्रामिंग हुयी है । 
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नेपोलियन हिल ने कहा था - हर विपत्ति के भीतर । उसके समान । या उससे बड़े अवसर । या लाभ का । बीज छुपा होता है । खुद को बतायें कि - हर घटना आपको लक्ष्य हासिल करने की ओर बढ़ा रही है । भले ही अल्पकालीन असफलतायें आपको उनसे दूर ले जाती दीख रही हों । अच्छाई की तलाश करें । महान सफलतायें लगभग हमेशा ही बहुत सी असफलताओं के बाद मिलती हैं ।
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साधन और सिद्धि को एक रूप समझो । अर्थात साधना काल में साधन में ही मन प्राण अर्पण कर कार्य करों । क्योंकि उसकी चरम अवस्था का नाम ही - सिद्धि है ।
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जब तुम कोई कार्य करो । किसी अन्य बात का विचार ही मत करो । उसे एक उपासना के बतौर करो । और उस समय तक के लिए उसमें अपना सारा तन मन लगा दो ।
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प्रकृति सदैव कड़े नियमों से हमारे कर्मों के अनुसार उचित कर्म फल का विधान करती है । इसमें तनिक भी हेर फेर नहीं हो सकता । और इसीलिए अपनी ओर से चाहे हम किसी कर्तव्य को स्वीकार करने के भले ही अनिच्छुक हों । फिर भी वास्तव में हमारे कर्म फल के अनुसार ही हमारे कर्म फल निर्दिष्ट होंगे ।
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जीवन को मंजिले पाने के लिए मजबूत रस्सी चाहिये । और उसके लिए जरूरत होती हैं । सही धागों के चुनाव की । 
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जब अन्य खेल रहे होते हैं । तब सफल लोग योजनाएं बनाने में व्यस्त रहते हैं । जब अन्य सो रहे होते हैं । तब वे पढते हैं । जब अन्य स्थगित कर रहे होते हैं । तब वे निश्चित करते हैं । जब अन्य दिवा स्वपन देखते हैं । तब वे तैयारियां कर रहे होते हैं । जब अन्य टाल

मटोल कर रहे होते हैं । तब वे शुरुआत करते हैं । जब अन्य आकांक्षा कर रहे होते हैं । तब वे काम करते हैं । जब अन्य उजाड़ते हैं । वे बचा रहे होते हैं । जब अन्य बात कर रहे होते हैं । वे ध्यान से सुनते हैं । जब अन्य उत्तेजना से प्रेरित होते हैं । वे प्रेम देखकर रुक जाते हैं । जब अन्य आलोचना कर रहे होते हैं । तब वे प्रेम आदेश दे रहे होते हैं । और जब अन्य छोड़ रहे होते हैं । वे डटे रहते हैं ।
- यानी किसी भी हालत को सफलता की ओर मोड देना । सभी सफल लोगों के जीवन में कोई ना कोई टर्निंग प्वाइंट जरूर रहां है । यह तब हुआ । जब उन्होंने इस बात का एक तरफा । अडिग । और सुस्पष्ट निर्णय किया कि - वे अब यह घिसा पिटा जीवन नहीं जियेंगे । फर्क इतना हैं कि - कुछ ऐसा 15 साल की उमृ में करतें हैं । कुछ 50 की उमृ में । और बहुत से ...कभी नहीं ।
- मूल विचार आर्थर वार्ड । हिन्दी अनुवाद और सम्पादन - अवचेतन मन । अजय द्वारा ।

2 टिप्‍पणियां:

Dr ajay yadav ने कहा…

आपने मेरे ब्लॉग से यह लेख चुराया हैं ..जो इस बात की ओर संकेत करता हैं कि आप साईबर अपराधी हैं और भारतीय दंड सहिंता एवं भारतीय कॉपीराइट एक्ट की धारा-51 का उलंघन किया हैं जिसके लिए आपको लीगल नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही हैं ..आपको कुछ दिन यह मैटर हटाने के लिए दिए जा रहे हैं ..किन्तु फिर भी कोई प्रतिक्रिया नही देंगे तो नजदीकी थाने में FIRदर्ज कराई जाएँगी -डॉ अजय यादव {भारतीय प्रशासनिक सेवा}

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

विभिन्न फ़ेसबुक पेजों से उपयोगी और अपने विषय से मिलते जुलते लेखों के प्राप्त होने पर मैं उन्हें यहाँ शेयर कर देता हूँ । जैसा कि आपने लेख के अन्त में अपना नाम देखा होगा । हाँ कई बार शीघ्रता में लिंक देना भूल जाता हूँ । यदि आपको आपत्ति है । तो मुझे आपके लेख में कोई दिलचस्पी नहीं । आपके अगले कमेंट पर मैं इसे हटा दूँगा । इस तरह के कई उपयोगी अन्य लेख इस ब्लाग है । और सभी संभ्रांत ब्लागर एक दूसरे के विचार शेयर करते हैं ।