क्या आप जानते हैं कि - ईसाईयों द्वारा अपने ईश्वर के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला शब्द - GOD हमारे हिन्दू धर्म से चोरी किया गया है । और GOD शब्द और कुछ नहीं । बल्कि हमारे आराध्य त्रि देव का अंग्रेजी एवं छोटा रूप है । दरअसल बात कुछ ऐसी है कि - जब हमारा सनातन धर्म पूरे विश्व में विजय पताका फहरा रहा था । और हमारे यहाँ रेशमी वस्त्र बनाये एवं पहने जा रहे थे । उस समय तक पश्चिमी और आज के आधुनिक कहे जाने वाले देशों के लोग जंगलों में रहा करते थे ।
जब हमारे हिंदुस्तान के व्यापारियों ने व्यापार के सिलसिले में देशों की सीमाओं को लांघना शुरू किया । तब उन पश्चिमी लोगों को समाज की स्थापना और ईश्वर के बारे में पता चला । भारत के उन्नत समाज और सर्वांगीण विकास को देख कर उनकी आँखें फटी रह गई । खोजबीन करने पर उन्हें ये मालूम चला कि - भारत ( हिन्दुओं ) के इस उन्नत समाज और सर्वागीण विकास का प्रमुख आधार उनका - भगवान पर अटूट श्रद्धा और भक्ति है । ये राज की बात पता चलते ही पश्चिमी देशों के लोगों ने भी हमारे हिंदुस्तान के भगवान को आधार बना कर उन्होंने अपना एक नया ही भगवान खड़ा कर लिया ( जिस प्रकार मुहम्मद ने इस्लाम को खड़ा किया )
इसके लिए उन्होंने जीजस अर्थात ईसामसीह की प्रेरणा भगवान श्रीकृष्ण से ली ( क्योंकि भगवान राम की कापी करने पर उन्हें भी नया रावण और नयी लंका का निर्माण करना पड़ जाता । जो कि काफी दुष्कर कार्य होता ) शायद आपने कभी गौर नहीं किया है कि - ईसामसीह और भगवान कृष्ण में कितनी समानता है ?
1 भगवान कृष्ण की ही तरह ईसामसीह का भी जन्म रात में बताया गया है ।
2 भगवान कृष्ण की ही तरह ईसामसीह भी भेड़ बकरियां चराया करते थे ।
3 भगवान कृष्ण की ही तरह ईसामसीह को भी दूसरी माँ ने पाला ।
4 भगवान कृष्ण की ही तरह ईसामसीह के कथन को भी बाइबल कहा गया ( भगवान कृष्ण के कथन को श्रीमद भगवत गीता कहा गया है )
5 हमारे हिन्दू धर्म की ही तरह बाइबल में भी दुनिया में प्रलय जलमग्न होकर होना बताया गया है ।
अब उन्होंने नया भगवान ? तो बना लिया । लेकिन उन्हें संबोधित करने का तरीका भी उन्हें नहीं आता था । जिस कारण उन्होंने एक बार फिर हमारे हिन्दू धर्म की मुँह ताकना शुरू किया । और यहाँ उन्हें उनका जबाब मिल गया ।
हमारे हिन्दू धर्म में 3 प्रमुख देवता हैं - 1 रचयिता अर्थात - बृह्मा । 2 पालनकर्ता अर्थात - विष्णु । और 3 संहार कर्ता अर्थात - शिव । उन्होंने हमारी इस विचारधारा को पूरी तरह जस के तस कापी कर लिया । और उन्होंने अंग्रेजी में अपने ईश्वर को GOD बुलाना शुरू किया ।
GOD अर्थात -
G - Generetor ( सृष्टि Generate करने वाला अर्थात - रचयिता )
O - Operator ( सृष्टि को Operate करने वाला अर्थात - पालनकर्ता )
D - Destroyer ( सृष्टि को destroy करने वाला अर्थात - संहार कर्ता )
इसलिए इन प्रमाणों से बात एक दम शीशे की तरह साफ है कि - दुनियां में हिन्दू धर्म को छोड़ कर बाकी सारे धर्म या तो चोरी कर बनाये गए हैं । या फिर उनकी सिर्फ मान्यता है । हमारा हिन्दू या सनातन धर्म ही - सभी धर्मों की जननी है । और - अनादि । अनंत । निरंतर है । जय महाकाल । Kumar Satish
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क्या आप जानते हैं । शहीद कौन होता है ? आजकल लोग अपने राष्ट्र पुरषों को शहीद की उपाधि से विभूषित
करते हैं । जैसे - शहीद भगत सिंह इत्यादि । किन्तु हममें से कितने लोग शहीद का अर्थ जानते हैं ? इस्लामी अरब शब्द कोष में आप " शहीद " का अर्थ पढ़िये । जैसे कि - कुरआन । शहीद का अर्थ होता है - जो मुजाहिद ( पवित्र ? योद्धा ) काफिरों के विरुद्ध युद्ध में मारा जाए वो - शहीद । http://en.wikipedia.org/wiki/Shahid (kuran chapter-3, ayat 169-170) कहलाता है । जिसे मृत्यु के उपरांत इस्लामी स्वर्ग में 72 सुन्दर सुन्दर अप्सराओं का शरीर भोगने को मिलता है । ये स्वर्ग है । या चकला घर ? ये आप ही सोचिये । इस व्याख्या के आधार पर जो लोग " शहीद " हुये हैं । उनका उल्लेख आप नीचे पा सकते हैं ।
9-11 को अमरीका पर आकृमण करने वाले इस्लामी आंतकवादी शहीद हैं । 26-11 को मुंबई में मारे गए आतंकवादी शहीद हैं ( कुरआन के अनुसार ) ओसामा बिन लादेन भी शहीद है ।
इस्लामी साहित्य ये भी कहता है कि - यदि कोई मुजाहिद ( जिहादी सैनिक ) उसके मृत्यु उपरांत सुअर के साथ गाड दिया जाये । तो वह शहीद बनने से वंचित रहता है ।
क्या आप आपके राष्ट्र पुरुषों को इस्लामी चकला घर ( वेश्या घर ) में शहीद बना कर भेजना चाहते हैं ? यदि हाँ ! तो वो उनका घोर अपमान होगा । यदि आप राष्ट्र पुरुषों
का आदर करते हैं । तो इन सभ्य सुसंस्कृत शब्दों का उपयोग करें । शहीद नहीं - हुतात्मा कहिये । शहादत नही - वीरगति कहिये ।
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Love doesn’t ask - who r u ? Love only says - u r mine .
Love doesn’t ask - where r u from ? Love only says - u live in my Heart .
Love doesn’t ask - what to do ? Love only says - u make my Heart beat .
Love doesn’t ask - why r u far away ? Love only says - u r always with me .
Love doesn’t ask - do you love me ? Love only says - I LOVE YOU .
By Manoj
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बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ ने कई बार स्वयं देश ही नहीं पूरे विश्व की सर्वश्रेस्ट जांच agency से प्रोडक्ट की जांच करवा चुकी है । सभी एजेंसियों ने माना ्कि - पतंजलि प्रोडक्ट सर्वश्रेस्ट और शुद्ध हैं ।
पर ये सरकारी टट्टू agency को पतंजलि के प्रोडक्ट में मिलावट नजर आती है । वैसे अभी तक सरकारी agency ने officilay ऐसा नहीं बोला है । पर मीडिया द्वारा भ्रामक न्यूज़ चलाया जा रहा है कि - पतंजलि के प्रोडक्ट में मिलावट । या हमे हैरानी भी नहीं होगी । अगर सरकार की agency ये बोले कि - पतंजलि के प्रोडक्ट में मिलावट है ।
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हर गलत बात का तगड़ा विरोध करना चाहिये । हम चुप रह जाते हैं । इसलिये ऐसे कुत्तों का मनोबल बढ़ता है । मित्रो ! चुप मत बैठो । यह स्टेटस हर वाल तक पहुँचाने में मदद करो । शेयर करो । टैग करो । यह हमारे सम्मान पर
चोट है । जिसे हम बिलकुल नहीं सहेंगे ।
अक्षय कुमार की आगामी फिल्म - ओह माय गाड OH MY GOD .. विवादों में घिर गई है । लखनऊ में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में फिल्म पर रोक लगाने के लिए याचिका दाखिल की गई है । याचिका में कहा गया कि - फिल्म - ओह माय गाड OH MY GOD.. के एक दृश्य में अभिनेता परेश रावल को पवित्र गंगा जल में विहस्की मिलाकर आरती की थाली में थूकते दिखाया गया है । फिल्म में एक जगह रावल यह भी कहते हैं कि - एडस जैसी बीमारियां मंदिरों के कारण फैली हैं ।
नास्तिक होना मनुष्य का अधिकार है । पर नास्तिक होने के लिये किसी की भावनाओं का मजाक बनाना कतई सही नहीं ठहराया जा सकता ।.सनातन धर्म आपको छूट देता है कि - आप भगवान को मानें । या न मानें । मंदिर जायें । या न जायें । पर अगर ईश्वर को नहीं मानते । तो आपको यह अधिकार भी नहीं है कि - आप भक्तो के द्वारा किये जा रहे कर्मो को गलत सिद्ध करते फिरें ।
चार्वाक से बढ़कर कोई और नास्तिक नहीं हुआ । दुनियां में । पर उन्होंने भी अपने तर्क इस प्रकार दिए थे ।
1 जो प्रत्यक्ष है । वही प्रमाण है ।
2 आत्मा का देह से पृथक कोई अस्तित्व नहीं है ( चैतन्य विशिष्टः काय - A body with soul is consciousness )
3 मृत्य ही मोक्ष है ( मरणमेव अपवर्गः - Death is salvation )
4 न स्वर्ग है । न अंतिम मोक्ष । और न कोई शरीर के परे आत्मा । न चार वर्णों के कर्म व्यवस्था का कोई फल ही होता है ।
5 उन्होंने ईश्वर के अस्तित्व को इसलिये नकारा । क्योंकि उन्हें इसका कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं दिखा ।
चार्वाक का यह कथन कितना तार्किक है कि - मुक्ति चाहे शरीर से हो । या दुख से । पूरी तरह से मरने के बाद ही संभव है । मतलब मृत्यु ही केवल मुक्तिदाता है । चार्वाक ईश्वर की कल्पना को एक अनावश्यक कल्पना मात्र मानते थे । कर्मकांड उनके लिये व्यर्थ उपकृम था । और स्वर्ग नरक पुरोहितों का
ख्याली पुलाव । परलोक का कोई प्रमाण नहीं है । उनका कहना यही था । मगर इस महान विचारक को पीट पीट कर मार डाला गया । और वह भी युधिष्ठिर जैसे धर्मनिष्ठ और सत्यवादी के सामने । तो क्या हम आज के युग में भी इस फिल्म OH MY GOD के निर्देशक और कलाकारों को पीट पीट कर मार दें ? क्या कहते हैं आप ?
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There's so much more love in the world than there is hate . Our physical eyes don't see it, but it's there . It just needs to be harnessed - Marianne Williamson
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