04 सितंबर 2012

तो 48 लाख करोड़ के घोटाले को क्या कहेंगे ?


थोरियम एक " रेडियो एक्टिव " पदार्थ है । जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा बनाने के लिए होता है ।
भारत में इसके भण्डार प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है । जिसका मूल्य 48 लाख करोड़ रुपयों से भी ज्यादा है । इस बात को देश के पूर्व राष्ट्रपति डा कलाम ने भी प्रमाणित किया था कि - भारत के पास बहुत थोरियम है । ये रहा कलाम साहब की बात का लिंक -
http://www.newmediacomm.com/NuclearEzine/30Sept-6Oct08/05facetoface.html
इसकी शुरुआत तब होती है । जब पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति जार्ज बुश भारत आये थे । और एक सिविल न्यूक्लीयर

डील पर हस्ताक्षर किये गये । जिसके अनुसार अमरीका ने भारत को युरेनियम - 235 देने की बात कही । उस समय पूरी मीडिया ने मनमोहन सिंह की तारीफों के पुल बांधे । और इस डील को भारत के लिए बड़ी उपलब्धि बताया । पर पीछे की कहानी छुपा ली गयी ।
आप ही बताईये । जो अमरीका 1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद भारत पर कड़े प्रतिबंध लगाता है । वो भारत पर इतना उदार कैसे हो गया कि - सबसे कीमती रेडियो एक्टिव पदार्थ भारत को मुफ्त में देने की डील करने लगा ?
दरअसल इसके पीछे की कहानी यह है कि इस युरेनियम - 235 के बदले मनमोहन सिंह ने यह पूरा थोरियम भण्डार अमरीका को बेच दिया । जिसका मूल्य अमरीका द्वारा दिए गये युरेनियम से लाखों गुना ज्यादा है । आपको याद होगा कि इस डील के लिए

मनमोहन सिंह ने UPA - 1 सरकार को दांव पर लगा दिया था । फिर संसद में वोटिंग के समय सांसदों को खरीद कर अपनी सरकार बचायी थी । यह उसी कड़ी का एक हिस्सा है ।
थोरियम का भण्डार भारत में उसी जगह पर है । जिसे हम " रामसेतु " कहते हैं । यह रामसेतु भगवान राम ने लाखों वर्ष पूर्व बनाया था । क्योंकि यह मामला हिन्दुओं की धार्मिक आस्था से जुड़ा था । इसलिये मनमोहन सरकार ने इसे तोड़ने के बड़े बहाने बनाये । जिसमें से एक बहाना यह था कि रामसेतु तोड़ने से भारत की समय और धन की बचत होगी । जबकि यह नहीं बताया गया कि इससे भारत को लाखों करोड़ की चपत लगेगी । क्योंकि उसमें मनमोहन सिंह । कांग्रेस । और उसके सहयोगी पार्टी डी एम के का निजी स्वार्थ था । 

भारत अमरीका के बीच डील ये हुई थी कि रामसेतु तोड़कर उसमें से थोरियम निकाल कर अमरीका भिजवाना था । तथा जिस कंपनी को यह थोरियम निकालने का ठेका दिया जाना था । वो डी एम के के सदस्य टी आर बालू की थी । अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है ।
इस डील को अंजाम देने के लिए मनमोहन ( कांग्रेस ) सरकार भगवान राम का अस्तित्व नकारने का पूरा प्रयास कर रही है । ओने शपथ पत्रों में रामायण को काल्पनिक और भगवान राम को मात्र एक " पात्र " बताती है । और सरकार की कोशिश है कि - ये जल्द से जल्द टूट जाये । जबकि अमरीकी अन्तरिक्ष एजेंसी नासा ने रामसेतु की पुष्टि अपनी रिपोर्ट में की है ।
अतः यह जान लीजिये कि - अमरीका कोई मूर्ख नहीं है । जिसे एकाएक भारत को समृद्ध बनाने की धुन सवार हो गयी है । यदि अमरीका 10 रुपये की 

चीज़ किसी को देगा । तो उससे 100 रुपये का फायदा लेगा । और इस काम को करने के लिए उन्होंने अपना दलाल भारत में बिठाया हुआ है । जिसका नाम है - म...........न सिंह ।
अब केवल कैग रिपोर्ट का इंतज़ार है । जो कुछ दिनों में इस घोटाले की पुष्टि कर देगी । यदि 1.86 लाख करोड़ का कोयला घोटाला महा घोटाला है । तो 48 लाख करोड़ के घोटाले को क्या कहेंगे ? आप ही बताईये । इस पर बारीक विश्लेषण के लिये राजीब भाई का यह वीडियो देखें । उन्होंने इस घोटाले की पुष्टि 2008 में ही कर दी थी ।
- इस विषय पर विस्तार से जानकारी के लिये कृपया निम्न लिंक देखें ।
http://www.youtube.com/watch?v=4kZi2LlzrbA
http://indiandefenceboard.com/threads/conspiracy-theory-exposing-the-ram-sethu-samudram-project.2272/
http://thestatesman.net/index.php?option=com_content&amp%3Bview=article&amp%3Bid=422057&amp%3Bcatid=38
http://abhijit-k-adhikari.me/indian-military-power/thorium-energy/
http://www.deccanherald.com/content/246849/india-all-set-tap-thorium.html
http://www.telegraph.co.uk/finance/comment/7970619/Obama-could-kill-fossil-fuels-overnight-with-a-nuclear-dash-for-thorium.html
http://www.guardian.co.uk/environment/2011/nov/01/homi-bhabha-india-thorium-nuclear
http://spectrum.ieee.org/energy/nuclear/qa-thorium-reactor-designer-ratan-kumar-sinha
http://www.impactlab.net/2006/08/22/india-switches-from-uranium-to-thorium/
http://www.smh.com.au/environment/energy-smart/thoriumrich-india-plans-alternative-nuclear-reactor-20111104-1mzw3.html
http://www.power-technology.com/features/featureu-turn-thorium-safe-nuclear-power-generation/featureu-turn-thorium-safe-nuclear-power-generation-2.html
http://article.wn.com/view/2007/09/17/US_firm_offers_India_thorium_reactors/
http://indiandefenceboard.com/threads/conspiracy-theory-exposing-the-ram-sethu-samudram-project.2272/
http://thestatesman.net/index.php?option=com_content&amp%3Bview=article&amp%3Bid=422057&amp%3Bcatid=38 
Amit Khedwal, Balbir Singh, Bjp Ramgarh Shekhawati  द्वारा । साभार फ़ेसबुक पेज ।
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The passive feminine is the sweet sensual flow of life that is still inside her and the flow of life that moves through her. The nectar of that sweetness is her power projected in the world. A state of giving with out force . The stillness of male recognizes this and through his recognition he loves her  - Jillian Aronowitz
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As Long As There Is Love - I Will Cherish You.
As Long As There Is Life - I Will Love You.
As Long As The Stars Shine Above - I Will Want You.
As Long As There Are Waves In The Ocean - I Will Need You.
As Long As There Is Heaven Above - There Will Always Be Our " Love " ♥
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पांडिचेरी में जन्मी । 93 साल की एक महिला

। ताओ पोर्शेनलिंच बीते 70 सालों से खुद योग कर रही हैं । और 45 सालों से इसका नियमित प्रशिक्षण दे रही हैं । अब तक वे सैकड़ों योग प्रशिक्षक तैयार कर चुकी हैं । 84 साल की उमृ में उन्होंने प्रोफेशनल रूप से बालरूम डांसिंग को अपनाया । और अपने पोतों से भी कम उमृ के लोगों के साथ नृत्य करके उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 300 से ज्यादा अवार्ड जीते हैं । सामाजिक कार्यो में भी ताओ पीछे नहीं हैं । उन्होंने विश्व शांति के प्रमोशन के लिए दलाई लामा और दीपक चोपड़ा जैसे लोगों के साथ भी मंच साझा किया है ।
इनकी योग मुद्रायें अद्भुत । बेमिसाल और बेहद उन्नत हैं । जैसे - हिलता हुआ कमल । घोड़ा । मोर आदि । ताओ को भारतीय । अमरीकी और यूरोपियन दर्शन शास्त्र की भी अच्छी जानकारी

है ।
ताओ आमतौर पर शाकाहारी भोजन करना पसंद करती हैं । वे कभी थकान महसूस नहीं करतीं । और न ही बीमार पड़ती हैं । हैरत की बात है कि - ताओ पानी नहीं पीतीं । वे फलों का रस या चाय ही पीती हैं । हाल ही उनकी किताब - रिफ्लेक्शंस  द योगिक जर्नी आफ लाइफ आई है ।

ज़िन्दगी उसकी जिसकी मौत पर ज़माना अफ़सोस करे । यूँ तो हर शक्स आता है दुनिया में मरने के लिए ।

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