05 अगस्त 2011

आदमी - गधा..कुत्ता और उल्लू

आज से बहुत पहले की बात है । भगवान के आफ़िस में सबकी उमर का बँटबारा हो रहा था । सबको आयु बाँटी जा चुकी थी । सिर्फ़ आदमी । गधा । कुत्ता और उल्लू ये चार जीव ही रह गये थे । भगवान ने इनको भी जल्दी से निवटाते हुये 40 - 40 साल की आयु दे दी ।
आदमी तो खुश हुआ । पर गधा कुत्ता उल्लू इस बात पर अफ़सोस करने लगे । तब भगवान ने पूछा - क्या बात है । तुम लोग उदास क्यों हो गये ?
तब गधा बोला - प्रभु ! आपने मुझे बहुत आयु दे दी । कहाँ इतनी उमर 40 साल तक बोझा ढोता फ़िरूँगा ।
हमेशा का लालची आदमी उस समय भी लालची था । वह बोला - भगवान जी ! कोई बात नहीं । यह नहीं जीना चाहता । तो न सही । आप इसकी आयु में से मुझे दे दीजिये ।
भगवान ने तथास्तु कहते हुये गधे की आयु 40 से घटाकर 20 कर दी । और आदमी की 40 से बढाकर 60 कर दी ।
तभी कुत्ता बोला - सर जी ! मेरे कू भी कहाँ भ ऊँ भौं भ ऊँ भौं करते हुये रोटी के टुकङे के लिये दर दर भटकना होगा । मेरी एज भी माइनस करिये ना ।
लालची आदमी बोला - गाड जी ! गिव मी प्लीज डागी एज ।
गाड जी ने उसके भी 20 घटाकर आदमी की आयु में जोङते हुये 40 + 20 + 20 = 80  कर दिया ।
तब उल्लू राम जी बोले - अईयो बगबान जी ! मेरे को काये को 40 साल आँख मटकाने कू लम्बाsss सा लाइफ़ देता

जी । कुछ कम देने का ना ।
महा लालची आदमी फ़िर से उल्लू की तरह गोल गोल आँखें घुमाता हुआ बोला - बगबान जी ! जब बेचारा नहीं लेता । तो आप काये कू देता । अम को दे दो ना
रहस्यमय ढंग से मुस्कराते हुये भगवान ने आफ़कोर्स कहते हुये फ़िर से 40 + 20 + 20 + 20 = 100 करते हुये इंसान को शतायु बना दिया ।
इसके बाद जीवन का खेल शुरू हुआ । तब आदमी अपनी 40 साल की आयु तो आदमी की तरह सम्मान से जीता रहा । उसके बीबी बच्चे समाज सभी उसे इज्जत देते थे । उसका शरीर भी मजबूत और सुन्दर था । परन्तु 40 साल पूरे होते ही सबसे पहले मिली गधे की आयु शुरू हो गयी । तो इंसान का जीवन भी गधे जैसा हो गया । वो बस परिवार के लिये परिवार का बोझ ढोने वाला मात्र रह गया ।

बङे होते बच्चों की परवरिश और तमाम जिम्मेदारी उठाते हुये भी वो सबके ताने उलाहनों रूपी कोङों की मार झेलने लगा
खैर..साहब इस तरह बोझा ढोते ढोते उसने 60 को पार कर लिया । तब कुत्ते की आयु शुरू हो गयी । अब उसमें जिम्मेदारियों का बोझा उठाने की शक्ति नहीं रही थी । वह अपने बच्चों को कुछ जिम्मेदारी संभालने को कहता । बीबी से उन्हें सही सीख देने को कहता । तो उसके बीबी बच्चे उसकी बात को कुत्ते की भ ऊँ भौं भ ऊँ भौं से अधिक महत्व नहीं देते ।
किसी तरह आदमी ने रो धोकर 80 तक कुत्ते की आयु पूरी की । लेकिन 80 पार होते ही उल्लू की आयु शुरू हो गयी । और आदमी की टोटल इज्जत वैल्यू उल्लू जी की रह गयी । बच्चे कहते - खुद तो जीवन में कुछ कर नहीं पाया बुढ्ढा । और हमें अक्ल बताता रहता है etc .
बीबी के भी ऐसे ही ख्यालात थे - समझते तो बहुत अक्लमन्द थे अपने आपको । पर दो पैसे की अक्ल नहीं । उल्लू कहीं के ।
अब बेचारा पङा पङा सुनता रहता । इसके अलावा और चारा भी क्या था ?
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एक बङा सनकी राजा था । और उसका बेहद चतुर वजीर था ।
एक बार राजा बोला - वजीर जी ! क्या परमात्मा को देखा जा सकता है ?
वजीर बोला - क्यों नहीं महाराज ! ठीक उसी तरह जिस तरह मैं आपको देख रहा हूँ ।
वजीर को अच्छी तरह मालूम था कि राजा " ना " सुनना पसन्द नहीं करूँगा । क्योंकि तमाम धर्म गृंथ इस बात की पुष्टि करते हैं । और राजा को इस बात की जानकारी भी है । साथ ही वजीर को ये भी मालूम था कि स्वभाव अनुसार राजा आगे क्या कहने वाला है ।
वही हुआ । राजा तुरन्त बोला - तो फ़िर तुम मुझे तुरन्त परमात्मा को दिखाने की व्यवस्था करो ।
वजीर तो मानों पहले ही मन से इसके लिये  तैयार हो चुका था ।
अतः तुरन्त बोला - ठीक है । महाराज ! आप कल परमात्मा को देख लेना ।
दूसरे दिन चतुर वजीर ने एक गधे के गले में चित्रकार से तख्ती पर सुन्दर अक्षरों में यह लिखवाकर लटका दिया - यह परमात्मा है । लेकिन सिर्फ़ उसी को दिखेगा । जो अपने बाप की जायज औलाद होगा । नाजायज बाप वाले को यह गधा दिखेगा ।
और गधे को राज महल के दरबाजे पर खङा कर दिया ।
शीघ्र ही लोग बङी संख्या में आने लगे । और तख्ती पर लिखा हुआ पढने लगे । इसके बाद सब एक दूसरे से पूछने भी लगे - क्यों जी ! आपको ये क्या दिख रहा है ?
लोग एक क्षण भी लगाये बिना तुरन्त जबाब देते - 100% हंड्रेड परसेंट परमात्मा जी । कोई शक नहीं । नो डाउट जी । एकदम सालिड परमात्मा जी ।

सब एक दूसरे को उत्तर में यही कहने लगे । राजा तक भी यह बात पहुँची । वह बङी तेजी से महल के द्वार पर आया । तो उसे गले में तख्ती लटकाये 100% गधा दिखायी दिया । लेकिन लोग तो उसे 100% परमात्मा कह रहे थे । उसने फ़िर से आँखे मलकर देखा । तो भी वह 100% गधा दिखायी दिया । अब क्योंकि सारे ही लोग उसे 100% परमात्मा कह रहे थे ।
तब राजा ने दुखी होकर मन ही मन कहा - ओ मम्मी जी ! मुझे नहीं पता था कि तू ऐसी भी थी ?
लोगों ने पूछा - राजा साहब ! आपको क्या दिख रहा है ?
राजा बोला - 100% हंड्रेड परसेंट परमात्मा जी । कोई कैसा भी डाउट नहीं ।

*** संसार में धर्म और जीवन के प्रति आदमी की स्थिति लगभग ऐसी ही है ।

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