मैं शिव हूँ । मैं मन । बुद्धि । अहंकार और स्मृति नहीं हूँ । न मैं कान । जिह्वा । नाक और आँख हूँ । न मैं आकाश । भूमि । तेज और वायु हूँ । मैं चैतन्य रूप हूँ । आनंद हूँ । मैं शिव हूँ ।
न मैं मुख्य प्राण हूँ । और न ही मैं पंच प्राणों ( प्राण, उदान, अपान, व्यान, समान ) में कोई हूँ । न मैं सप्त धातुओं ( त्वचा, मांस, मेद, रक्त, पेशी, अस्थि, मज्जा ) में कोई हूँ । और न पञ्च कोशों ( अन्नमय, मनोमय, प्राणमय, विज्ञानमय, आनंदमय ) में से कोई हूँ । न मैं वाणी । हाथ । पैर हूँ । और न मैं जननेंद्रिय या गुदा हूँ । मैं चैतन्य रूप हूँ । आनंद हूँ । मैं शिव हूँ ।
न मुझमें राग और द्वेष हैं । न ही लोभ और मोह । न ही मुझमें मद है । न ही ईर्ष्या की भावना । न मुझमें धर्म । न मुझमें अर्थ । काम और मोक्ष हैं । मैं चैतन्य रूप हूँ । आनंद हूँ । मैं शिव हूँ ।
न मैं पुण्य हूँ । न पाप । न सुख और न दुःख । न मन्त्र । न तीर्थ । न वेद । और न यज्ञ । मैं न भोजन हूँ । न
खाया जाने वाला हूँ । और न खाने वाला हूँ । मैं चैतन्य रूप हूँ । आनंद हूँ । मैं शिव हूँ ।
न मुझे मृत्यु का भय है । न मुझमें जाति का कोई भेद है । न मेरा कोई पिता है । न कोई माता है । न मेरा जन्म हुआ है । न मेरा कोई भाई है । न कोई मित्र । न कोई गुरु । न ही कोई मेरा शिष्य । मैं चैतन्य रूप हूँ । आनंद हूँ । मैं शिव हूँ ।
मैं समस्त संदेहों से परे । बिना किसी आकार वाला । सर्वगत । सर्व व्यापक । सभी इन्द्रियों को व्याप्त करके स्थित हूँ । मैं सदैव समता में स्थित हूँ । न मुझमें मुक्ति है । और न बंधन । मैं चैतन्य रूप हूँ । आनंद हूँ । मैं शिव हूँ । जय जय श्री महाकाल ।
***************
75 साल की उस बुढ़िया माँ का वजन लगभग 40 किलो होगा । आज जब तबियत बिगड़ने पर वो डॉक्टर को दिखाने गयी ।
डॉक्टर ने कहा - माताजी ! आप हेल्थ का ख्याल रखिये । आपका वजन जरूरत से ज्यादा कम है । आप खाने में जूस, सलाद, दूध , फल , घी , मेवा और हेल्थी फ़ूड लीजिये । नहीं तो आपकी सेहत दिनोंदिन गिरती जायेगी । और हालत नाजुक हो जायेंगे ।
उसने भारी मन से डॉक्टर की बात को सुना । और बाहर निकल कर सोचने लगी । इतनी महंगाई में ये सब कहाँ से आएगा ? और पिछले पचास सालों में फ्रूट, घी, मेवा घर में लाया कौन है ? बहुत ही मामूली पेंशन से जो थोडा बहुत पैसा मिलता है ।
उससे घर के जरुरी सामान तो पति ले आते हैं । लेकिन फल, जूस, हरी सब्जी । ये सब पति ने कभी लाकर नहीं दिया । और खुद भी कभी ये सब खरीदने की हिम्मत नहीं कर सकी । क्योंकि जब भी मन करता कुछ खाने का । खाली पर्स हमेशा मुंह चिढाने लगता ।
नागपुर ( विदर्भ ) जैसे शहर में मामूली सी नौकरी में और जिंदगी की गहमागहमी में सारी जमा पूंजी । पति का PF । घर की सारी अमानत । संपदा । गहने जेवर सब एक बेटे और दो बेटियों की परवरिश पढाई लिखाई शादी में सब कुछ खत्म हो गया । दूर दिल्ली में रह रहा एक बहुत बड़ी कंपनी में मैनेजर और मोटी तनख्वाह उठा रहा बेटा भी तो खर्चे के नाम पर सिर्फ पांच सौ रुपये देता है । वो भी महीने के । बेटियों से अपने दुःख माँ ने सदा छुपाये हैं । उन्हें कभी अपने गमों में शामिल नहीं किया । आखिर ससुराल वाले क्या सोचेंगे ?
अब बेटे के भेजे इन पांच सौ रुपये में बूढ़े माँ बाप तन ढके या मन की करें ?
उसने सोचा । चलो एक बार बेटे को डॉक्टर की रिपोर्ट बता दी जाए । उसने बेटे को फ़ोन किया । और कहा - बेटा डॉक्टर ने बताया है कि विटामिन, खून की कमी , कमजोरी से चक्कर आये थे । इसीलिए खाने में सलाद, जूस, फ्रूट, दूध, फल , घी , मेवा लेना शुरू करो ।
बेटा - माँ आपको जो खाना है खाओ । डॉक्टर की बात ना मानों ।
माँ ने कहा - बेटा ! थोड़े पैसे अगर भेज देता । तो ठीक रहता ।
बेटा - माँ इस माह मेरा बहुत खर्चा हो रहा है । कल ही तेरी पोती को मैंने फिटनेस जिम ज्वाइन कराया है । तुझे तो पता ही है । वो कितनी मोटी हो रही है । इसीलिए
जिम ज्वाइन कराया है । उसके महीने के सात हजार रुपये लगेंगे । जिसमें उसका वजन, चार किलो हर माह कम कराया जाएगा । और कम से कम पांच माह तो उसे भेजना ही होगा । पैंतीस हजार का ये खर्चा बैठे बिठाये आ गया । अब जरुरी भी तो है ये खर्चा । आखिर दो तीन साल में इसकी शादी करनी है । और आजकल मोटी लड़कियां पसंद कोई करता नहीं ।
माँ ने कहा - हाँ बेटा ये तो जरुरी था । कोई बात नहीं । वैसे भी डॉक्टर लोग तो ऐसे ही कुछ भी कहते रहते हैं । चक्कर तो गर्मी की वजह से आ गये होंगे । वरना इतने सालों में तो कभी ऐसा नहीं हुआ । खाना तो हमेशा से यही खा रही हूँ मैं ।
बेटा - हाँ माँ ! अच्छा माँ अभी मैं फोन रखता हूँ । बेटी के लिए डाइट चार्ट ले जाना है । और कुछ जूस, फ्रूट और डायट फ़ूड भी । आप अपना ख्याल रखना ।
फोन कट गया ।
माँ ने एक गिलास पानी पिया । और साडी पर फ़ाल लगाने में लग गयी । एक साड़ी में फोल लगाने के माँ को पन्द्रह रुपये मिलेंगे । इन रुपयों से माँ आज गणेश पूजा के लिए बाजार से लड्डू खरीदेगी । आज गणेश चतुर्थी जो है । माँ के पास आज साड़ी में फोल लगाने के तीन आर्डर है । माँ ने मन ही मन श्री गणेश का शुक्रिया अदा किया । क्योंकि आज
वो आधा किलो लड्डू खरीद ही लेगी । गणेश जी की पूजा के लिए इन पैसो से । और मन ही मन अपने बेटे की सुखी और समृद्ध जिंदगी के लिए प्रभु श्री गणेश से प्रार्थना भी की । Masoom shaan
*********
लड़का बाइक चला रहा था । एक लड़की ने Scooty से उसे overtake किया । लड़का चिल्लाया - ए भैंस..।
लड़की ने पीछे मुड़कर देखा । और चिल्लाई - तू गधा कुत्ता बन्दर उल्लू का पठ्ठा ।
अचानक लड़की का Accident हो गया । रोड पार करते हुए वो एक भैंस से टकरा गई ।
मोरल - लड़की ये कभी नहीं समझती कि लड़का आखिर कहना क्या चाहता है ? Masoom shaan
***************
पप्पू ने " Live Radio Station " call की - Hello.. जी ये
Radio station है ?
RJ - जी हाँ । पप्पू - मेरी आवाज पूरा शहर सुन रहा है ?
R J - हाँ । पप्पू - यानी घर में जो मेरी बहन रेडियो सुन रही है । वो भी सुन रही होगी ? R J ( गुस्से में ) - हाँ भाई हाँ ।
पप्पू - Hello गुल्लो अगर मेरी आवाज सुन रही है । तो जल्दी से मोटर चला दे । मैं ऊपर छत पर Toilet में हूँ । और पानी खत्म हो गया है ।
Rawat
न मैं मुख्य प्राण हूँ । और न ही मैं पंच प्राणों ( प्राण, उदान, अपान, व्यान, समान ) में कोई हूँ । न मैं सप्त धातुओं ( त्वचा, मांस, मेद, रक्त, पेशी, अस्थि, मज्जा ) में कोई हूँ । और न पञ्च कोशों ( अन्नमय, मनोमय, प्राणमय, विज्ञानमय, आनंदमय ) में से कोई हूँ । न मैं वाणी । हाथ । पैर हूँ । और न मैं जननेंद्रिय या गुदा हूँ । मैं चैतन्य रूप हूँ । आनंद हूँ । मैं शिव हूँ ।
न मुझमें राग और द्वेष हैं । न ही लोभ और मोह । न ही मुझमें मद है । न ही ईर्ष्या की भावना । न मुझमें धर्म । न मुझमें अर्थ । काम और मोक्ष हैं । मैं चैतन्य रूप हूँ । आनंद हूँ । मैं शिव हूँ ।
न मैं पुण्य हूँ । न पाप । न सुख और न दुःख । न मन्त्र । न तीर्थ । न वेद । और न यज्ञ । मैं न भोजन हूँ । न
खाया जाने वाला हूँ । और न खाने वाला हूँ । मैं चैतन्य रूप हूँ । आनंद हूँ । मैं शिव हूँ ।
न मुझे मृत्यु का भय है । न मुझमें जाति का कोई भेद है । न मेरा कोई पिता है । न कोई माता है । न मेरा जन्म हुआ है । न मेरा कोई भाई है । न कोई मित्र । न कोई गुरु । न ही कोई मेरा शिष्य । मैं चैतन्य रूप हूँ । आनंद हूँ । मैं शिव हूँ ।
मैं समस्त संदेहों से परे । बिना किसी आकार वाला । सर्वगत । सर्व व्यापक । सभी इन्द्रियों को व्याप्त करके स्थित हूँ । मैं सदैव समता में स्थित हूँ । न मुझमें मुक्ति है । और न बंधन । मैं चैतन्य रूप हूँ । आनंद हूँ । मैं शिव हूँ । जय जय श्री महाकाल ।
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75 साल की उस बुढ़िया माँ का वजन लगभग 40 किलो होगा । आज जब तबियत बिगड़ने पर वो डॉक्टर को दिखाने गयी ।
डॉक्टर ने कहा - माताजी ! आप हेल्थ का ख्याल रखिये । आपका वजन जरूरत से ज्यादा कम है । आप खाने में जूस, सलाद, दूध , फल , घी , मेवा और हेल्थी फ़ूड लीजिये । नहीं तो आपकी सेहत दिनोंदिन गिरती जायेगी । और हालत नाजुक हो जायेंगे ।
उसने भारी मन से डॉक्टर की बात को सुना । और बाहर निकल कर सोचने लगी । इतनी महंगाई में ये सब कहाँ से आएगा ? और पिछले पचास सालों में फ्रूट, घी, मेवा घर में लाया कौन है ? बहुत ही मामूली पेंशन से जो थोडा बहुत पैसा मिलता है ।
उससे घर के जरुरी सामान तो पति ले आते हैं । लेकिन फल, जूस, हरी सब्जी । ये सब पति ने कभी लाकर नहीं दिया । और खुद भी कभी ये सब खरीदने की हिम्मत नहीं कर सकी । क्योंकि जब भी मन करता कुछ खाने का । खाली पर्स हमेशा मुंह चिढाने लगता ।
नागपुर ( विदर्भ ) जैसे शहर में मामूली सी नौकरी में और जिंदगी की गहमागहमी में सारी जमा पूंजी । पति का PF । घर की सारी अमानत । संपदा । गहने जेवर सब एक बेटे और दो बेटियों की परवरिश पढाई लिखाई शादी में सब कुछ खत्म हो गया । दूर दिल्ली में रह रहा एक बहुत बड़ी कंपनी में मैनेजर और मोटी तनख्वाह उठा रहा बेटा भी तो खर्चे के नाम पर सिर्फ पांच सौ रुपये देता है । वो भी महीने के । बेटियों से अपने दुःख माँ ने सदा छुपाये हैं । उन्हें कभी अपने गमों में शामिल नहीं किया । आखिर ससुराल वाले क्या सोचेंगे ?
अब बेटे के भेजे इन पांच सौ रुपये में बूढ़े माँ बाप तन ढके या मन की करें ?
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बेटा - माँ आपको जो खाना है खाओ । डॉक्टर की बात ना मानों ।
माँ ने कहा - बेटा ! थोड़े पैसे अगर भेज देता । तो ठीक रहता ।
बेटा - माँ इस माह मेरा बहुत खर्चा हो रहा है । कल ही तेरी पोती को मैंने फिटनेस जिम ज्वाइन कराया है । तुझे तो पता ही है । वो कितनी मोटी हो रही है । इसीलिए
जिम ज्वाइन कराया है । उसके महीने के सात हजार रुपये लगेंगे । जिसमें उसका वजन, चार किलो हर माह कम कराया जाएगा । और कम से कम पांच माह तो उसे भेजना ही होगा । पैंतीस हजार का ये खर्चा बैठे बिठाये आ गया । अब जरुरी भी तो है ये खर्चा । आखिर दो तीन साल में इसकी शादी करनी है । और आजकल मोटी लड़कियां पसंद कोई करता नहीं ।
माँ ने कहा - हाँ बेटा ये तो जरुरी था । कोई बात नहीं । वैसे भी डॉक्टर लोग तो ऐसे ही कुछ भी कहते रहते हैं । चक्कर तो गर्मी की वजह से आ गये होंगे । वरना इतने सालों में तो कभी ऐसा नहीं हुआ । खाना तो हमेशा से यही खा रही हूँ मैं ।
बेटा - हाँ माँ ! अच्छा माँ अभी मैं फोन रखता हूँ । बेटी के लिए डाइट चार्ट ले जाना है । और कुछ जूस, फ्रूट और डायट फ़ूड भी । आप अपना ख्याल रखना ।
फोन कट गया ।
माँ ने एक गिलास पानी पिया । और साडी पर फ़ाल लगाने में लग गयी । एक साड़ी में फोल लगाने के माँ को पन्द्रह रुपये मिलेंगे । इन रुपयों से माँ आज गणेश पूजा के लिए बाजार से लड्डू खरीदेगी । आज गणेश चतुर्थी जो है । माँ के पास आज साड़ी में फोल लगाने के तीन आर्डर है । माँ ने मन ही मन श्री गणेश का शुक्रिया अदा किया । क्योंकि आज
वो आधा किलो लड्डू खरीद ही लेगी । गणेश जी की पूजा के लिए इन पैसो से । और मन ही मन अपने बेटे की सुखी और समृद्ध जिंदगी के लिए प्रभु श्री गणेश से प्रार्थना भी की । Masoom shaan
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लड़का बाइक चला रहा था । एक लड़की ने Scooty से उसे overtake किया । लड़का चिल्लाया - ए भैंस..।
लड़की ने पीछे मुड़कर देखा । और चिल्लाई - तू गधा कुत्ता बन्दर उल्लू का पठ्ठा ।
अचानक लड़की का Accident हो गया । रोड पार करते हुए वो एक भैंस से टकरा गई ।
मोरल - लड़की ये कभी नहीं समझती कि लड़का आखिर कहना क्या चाहता है ? Masoom shaan
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पप्पू ने " Live Radio Station " call की - Hello.. जी ये
Radio station है ?
RJ - जी हाँ । पप्पू - मेरी आवाज पूरा शहर सुन रहा है ?
R J - हाँ । पप्पू - यानी घर में जो मेरी बहन रेडियो सुन रही है । वो भी सुन रही होगी ? R J ( गुस्से में ) - हाँ भाई हाँ ।
पप्पू - Hello गुल्लो अगर मेरी आवाज सुन रही है । तो जल्दी से मोटर चला दे । मैं ऊपर छत पर Toilet में हूँ । और पानी खत्म हो गया है ।
Rawat
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