03 सितंबर 2013

भारतीय पुरुष मुझे घूरते हैं ?

हिन्दू धर्म के बारे में फैलाई गयी कुछ गलत बातें । और उनका सही अर्थ ।
1 - वेदों में मदीना का उल्लेख है ?
कहावत है कि - बिल्ली को सपने में छीछड़े ही दिखते हैं । इसी तरह किसी मौलवी ने वेदों में दिए गए "अदीना " शब्द को " मदीना " पढ़ लिया । और कहा कि वेद में कहा गया है कि हम सौ साल तक मदीना में रहें ।
प्रब्रवाम शरदः ( शतमदीना ) स्याम शरदः शतम । यजुर्वेद अध्याय 36 मन्त्र 24
जबकि इसका सही अर्थ है - हे ईश्वर हम सौ साल तक कभी दीन नहीं रहें । और किसी के आगे लाचार नहीं रहें ।
राजीव - मेरे ख्याल से इसको किसी मुसलमान ने शत मदीना पढा समझा । जबकि यह शतम दीना है । ऐसे बेबकूफ़ों से पूछो । जब ये वेद प्रकाशित हुआ था । तब मदीना का अस्तित्व भी कहाँ था ?
2 - मनुस्मृति में मौलाना लिखा है ?
इसी तरह मनुस्मृति के "मौलान " शब्द को " मौलाना " बताकर यह साबित करने की कोशिश की गयी कि मनुस्मृति में लिखा है कि हर बात मौलाना से पूछकर करना चाहिए । मनुस्मृति का श्लोक है -
- मौलान शास्त्रविद शूरान लब्ध लक्षान कुलोद्गतान । मनुस्मृति गृहाश्रम प्रकरण श्लोक 29
इसका वास्तविक अर्थ है कि किसी क्षेत्र के रीति रिवाज के बारे में जानकारी के लिए वहाँ के किसी मूल निवासी ,शास्त्रविद ,कुलीन और अपना लक्ष्य जानने वाले व्यक्ति से प्रश्न करें । न कि किसी मौलाना से पूछें ।

राजीव - मनुस्मृति के समय मौलाना क्या होता है ? कोई जानता था । और विभिन्न हिन्दू धर्म ग्रन्थों में ऐसे गन्दे रहन सहन और आचरण वालों को मलेच्छ भी तो कहा गया है । उसका जिक्र ये मुसलमान नहीं करते ।
3 - वेद कहता है - मुर्गा खाओ । मद्य पियो । वेद का एक मन्त्र इस प्रकार है ।
तेनो रासन्ता मुरुगायमद्य यूयं पात सवस्तिभिः सदा । ऋग्वेद -मंडल 7 सूक्त 35 मन्त्र 15
मुसलमानों ने इसका अर्थ किया कि वेद कहता है - हे लोगो तुम मुर्गा खाओ । और मद्य ( शराब ) पीकर ख़ुशी मनाओ । जबकि इसका अर्थ है हे ईश्वर आज आप हमारे लिए कीर्ति प्रदान करने वाली विद्या का उपदेश करें । और हमारी रक्षा करें ।
राजीव - अगर ये बुद्धिहीन लोग वेदों के इतने ही समर्थक और अनुयायी हैं । तो वेद ( आदि धर्म ग्रन्थों ) में तमाम तरह के मन्त्र पूजा पाठ बताये गये हैं । निषेध आचरण की निन्दा की गयी है । इनमें से कितनी बातें इनकी कथनी और करनी में शामिल हैं ? सच तो ये है कि - मुसलमान ठीक से कुरआन और ईसाई ठीक से बाइबिल के मूल शब्द और उनके अर्थ आज भी नहीं समझ सकते । अच्छा बुरा उचित अनुचित जो भी लिखा हो । अभी इससे मतलब नहीं है । मतलब उसको पढने समझने से है । फ़िर संस्कृत क्या समझेंगे ।
4 - वेद में ईसामसीह का उल्लेख ?

अकसर ईसाई हिन्दुओं को ईसाई बनाने के लिए यह चालाकी करते हैं । और कहते हैं कि - वेदों में ईसा मसीह के बारे में भविष्यवाणी की गयी है । और ईसा एक अवतार थे । ईसाई इस वेद मंत्र का हवाला देते है -
ईशावास्यमिदं यत्किंचित जगत्यां जगत । यजुर्वेद -अध्याय 40 मन्त्र 1
ईसाई इसका अर्थ करते हैं - इस दुनिया में जो कुछ भी है । वह सब ईसा मसीह की कृपा से है । और वही दुनियां का स्वामी है । जबकि सही अर्थ है कि इस जगत में जो भी है । उसमें ईश्वर व्याप्त है ।
राजीव - बात फ़िर वही है । पहले तो जो समझा गया । वो पूर्णतः असत्य ही है । लेकिन कुछ देर के लिये इसे मान भी लिया जाये । तो वेदों में विष्णु आदि देवी देवताओं की विग्रह पूजा आराधना आदि का भी विस्त्रत वर्णन है । भारत भूमि को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है । यहाँ के निवासियों को आर्य ( श्रेष्ठ ) तो फ़िर मुसलमान और ईसाईयों को ये सब कुछ पूरी तरह से अपनाना चाहिये । सच तो ये हैं कि हिन्दू धर्म ग्रन्थों में इन्हें ( और इनके देशों को ) मलेच्छ असभ्य और भोगवादी जीवों की उपमा दी गयी  है । कुरआन 1400 साल पहले और बाइबिल 2000 साल से अस्तित्व में है । तब ये उससे बहुत ज्यादा पूर्व के मूल ज्ञान और मूल शिक्षा को ही क्यों नहीं मानते । इस तरह कुरआन और बाइबिल को किसी दूसरी स्थानीय भाषा हेतु प्रचार सामग्री के तौर पर तैयार की गयी  डुप्लीकेट कापी ही मानना चाहिये । जब तुम वेद या मनुस्मृति जैसे ग्रन्थों के उपदेश को सत्य मानते और सम्मान देते हो ।
साभार - Seeking The Truth - II
**************
इटली में पुरुष घूरें - तो सही । और भारत में घूरें - तो पाप ?
विदेशी लड़की जेन ने भारत में अपने अनुभव के बारे में लिखा है । नीली आँखों वाली इस जर्मन लड़की का कहना है कि भारत में उसका अनुभव मिशेल क्रॉस ( http://goo.gl/EtEI6B ) से बिलकुल अलग रहा ।
- मेरे लिए भारत अलग क्‍यों है ? क्‍या मैं वाकई में सिर्फ खुशकिस्‍मत हूँ ? या मैं खुद के लिए अलग बर्ताव की चाहत में भारत को अलग नजरिए से देखती हूँ ? मैं यहाँ पर मिशेल के अनुभव से अपने अनुभव की तुलना कर रही हूँ । ताकि मैं यह समझा सकूं कि मैं क्‍या कहना चाहती हूँ ?
क्‍या भारतीय पुरुष मुझे घूरते हैं ? हाँ वे ऐसा करते हैं । और भारतीय महिलाएं और बच्‍चे और यूरोपिय मुसाफिर भी ऐसा करते हैं । वे मुझे उसी कौतुहल से देखते हैं । जैसे ........
जेन का अनुभव यहाँ पढ़ें । और शेयर करें ।
http://jayhind.co.in/india-a-blonde-tourist-an-alternate-account/

कोई टिप्पणी नहीं: