13 दिसंबर 2010

तो जैसे सोने पर सुहागा ।


rajeev ji, main ab filmon ki fan nahi rahi. time milne par tv par aastha channel hi dekhti hun. kuch khaas programme hain jo main dekhti hun. 1. brahmkumaris inka kehna hai ki 3 cheezen Anaadi hain paramatma, aatma and prakirti.
वैसे ये बडा अदभुत खेल है । आरम्भ में केवल परमात्मा ही था । प्रकृति जो नारी स्वरूपा है । परमात्मा से ही प्रकट हुयी है । और उसके अधीन या दासी है । ये नारी रूपी प्रकृति चेतन रूपी पुरुष से निरन्तर भोग कर रही है । लेकिन चेतन निर्लिप्त रहता है ।
inka ye bhi kehna hai ki aatma paramatma ka ansh hai aatma paramatma nahi hai.
ये लोग त्राटक साधना करवाते हैं । उसको भी ठीक से नहीं जानते । त्राटक बहुत ही मामूली साधना होती है । आप समझ सकती है । कि तब ये आत्मा परमात्मा के बारे में क्या बता पायेंगे ।
2. shiv yog inka kehna hai ki shiv hi anant paramatma hain ?
पहली बात शिव और शंकर जी दो अलग बात हैं । परमात्मा नाम और गुण सबसे परे यानी अलग है । हालांकि शिव योग बहुत ऊंची बात है । पर जिस तरह लोग TV पर बात कर देते हैं । उससे आम लोगों को ऐसा भृम हो जाता है । मानों साधना करना कोई testy sweet खाना हो । हालत खराब हो जाती है ।
and aatma hi paramatma hai ye aatma ko divine being kehte hain,
किसी हद तक सच है । पर वो सच बहुत अलग हटकर है ।
ye kehte hain ki aap log aatma ho physical body nahi ho
अभी तो दोनों ही हो । अगर बाडी नही है । तो फ़िर हम किसमें रहते हैं ?
ye physical body aapki hai aap khud being of light ho.
ये एकदम सच है । अगर वापस प्राप्त हो जाय तो ।
and ye shri vidhya ya maha vidha par bahut zor dete hain means devi poojan par.
ये इच्छाशक्ति होती है । यही योगमाया या महामाया है । ये संतो की दासी होती है । द्वैत में इसका ही बोलबाला है । पर अद्वैत में इसका महत्व नहीं होता । )
3. osho inke programme par aaj kal osho shailendra ji aa rahe hain ye kehte hain ki aatma hi satya hai physical body to likea cloth hai (according to Geeta)
इसमें क्या रहस्य की बात है ? आज कोई इंसान है । आगे 84 में चूहा बिल्ली पशु पक्षी आदि बनेगा । इसी को लाइक ए क्लाथ कहा है । ये तो सभी जानते हैं ।
and inka kehna hai ki 'aad sach' means beginning means from very beginning
ओशो के बाद इस मंडल में कोई भी अच्छा ग्यानी तक नही हुआ । ये ॐ को सतनाम बताते हैं । और इनके यहां तीन सतगुरु है ?  ॐ बाडी को कहते है । वास्तव में ये ओशो की गूढ बातों का क्या अर्थ है । उसको भी ठीक से नहीं जानते ।
inke anusaar ye shuruaat kabhi hui hi nahi ye aad ko nahi anaad ko maante hain.
ऐसा कैसे हो सकता है ? जो चीज आज है । उसकी कभी न कभी शुरूआत अवश्य हुयी थी । आदि ( शुरूआत ) सृष्टि है । अनादि परमात्मा है । )
4. deepak bhai desai (jainism) ye kehte hain ki 'aatma so parmatma' koi seprate paramatma nhai hai  नही हैं । तो फ़िर सत्ता किसकी चल रही हैं ?
aatma hi sab kuch hai iske total karm khatam hone par isko moksh milta hai.
यह सच है । परन्तु कुछ अलग तरह से । क्योंकि बंधन और मोक्ष मन के धर्म हैं । आत्मा के नहीं ।
inke anusaar moksh mein kisi bahut ucch place par jagah mil jati hai jahan aatma chetan roop ho kar rest karti hai.
मोक्ष मुक्ति को कहते हैं । मुक्ति और मुक्त में बहुत अंतर है । ये में पहले ही आपको बता चुका । ये सब किताबें पढकर बोलते हैं । प्रक्टीकल का अनुभव इनके पास नहीं है । असली बात कुछ और ही है । जो बहुत हटकर है । आप कबीर को पढें । जो समझ में न आये मुझसे पूछना । कबीर की । अनुराग सागर । मूल्य 100 रु० किताब पढें । आपको बहुत से उत्तर मिल जायेंगे ।
5. gurbaani katha vichaar inka kehna hai ki hum sab log human beings hain(yahan par physical body par hi zor diya gaya hai) hamare andar jo aatma hai wo rabb ki jot hai
ज्योति यानी अक्षर पर ही सभी योनियों के शरीर बनते हैं । जो कोई जैसा सोचता है । वैसा ही हो जाता है । मैंने आपसे कहा । असली ग्यान बहुत ही दुर्लभ है । जो कभी कभी ही प्रगट होता है ।
in ke according hum khud aatma nahi hain hum physical body hai aatma hum se seperate hai). ( ये बात खिचडी टायप की है । रांग है । अतः इसका ans नहीं बन सकता । please in sab questions ke bare mein kuch jaankaari dein please mujhe appke articles ka intezaar rahega.

rajeev ji, aap apni us 6 months wali durlabh sidhi ke bare mein likhen.
समय और मूड होने पर मैं कोशिश करूंगा ।
main aapse sahmat hun ki meri situation ke hisaab se mere liye (agar maine karni ho to) aatm gyaan ki sadhna hi theek rahegi.
ये साधना भी द्वैत की सभी साधनाओं के ऊपर है ।
but main sirf jigyasa vash jaanna chahti hi special secrets ke bare mein kyun ki main apni saari life saas bahu ke zaghde mein waste nahi karna chahti. mere vichaar se bilkul kuch na jaanne se kuch na kuch jannna behtar hai.
मनुष्य जीवन का असली लक्ष्य यही है ।
aap beshaq apni marzi se hi lekin durlabh secret sadhnas ke bare mein time to time article likhte rahen.
लोगों को इस ग्यान का फ़ायदा हो । इसके लिये मैं अधिक से अधिक जानकारी देने की कोशिश करता हूं । ) chahe wo aapke personal experience ho ya kisi aur sadhakon ke.
मैं आपसे सहमत हूं । पर साधना के नियम अनुसार सारी बात संकेत में ही कही जाती है ।
rajeev ji kya sachmuch apsara hoti hain ya yakshini jinka aapke articles mein jikar aya hai.
द्वैत की साधना में तो यही सब ज्यादा होता है । इसी में वाममार्गी साधना भोग प्रधान होती है । जिसका लालच तो बहुत होता है । परन्तु अंत लाखों साल का नरक होता है । अप्सरा यक्षिणी दोनों होती है । जो हंस ग्यान में भी मिलती है ।
and univesre mein kya sachmuch pret lok, andhere lok, suksham lok etc hain.
ये तो होते ही हैं । इनके अलावा भी बहुत कुछ होता है । ये सबसे बडे जादूगर का खेल जो है । )

rajeev ji, ye prasun ji kaun hain jinka jikar apki pret stories mein aya hai.
जैसा कि मैंने ऊपर भी कहा है । प्रत्येक साधक और उसकी साधना गुप्त होती है । आम लोगों को अलौकिक ग्यान से परिचित कराने के लिये । और जिन बातों से इंसान का फ़ायदा होता है । केवल उतनी ही बात बताने का नियम है । इसका उलंघन करने पर पूरी साधना ही नष्ट हो जाती है । वास्तव में किसी भी सच्चे साधक के घरवाले और उसकी बीबी या पति को भी पता नहीं चल पाता कि वो क्या चीज है ? लेकिन इस स्कूल के क्लासफ़ेलो एक दूसरे के बारे में कुछ कुछ जान जाते हैं ।
aur ye ghost stories jo apke articles mein hain kya ye pure haqeeqat hai.
 हकीकत इससे भी बढकर होती है । जो साधना करने पर पता चलती है । अगर पूरी बातें ज्यों की त्यों लिखी जाय । तो कोई भी दीवाना हो सकता है ।
 aur ye jo universe hai jismein countless stars hain kya is universe mein aur bhi itne kism ki duniya hai jisko jaanna kalpana se door hai.
 इतनी चित्र विचित्र सृष्टि है । कि साधक को लगता है । भाड में जाय दुनियादारी । बस योग करो । इसी में मजा आता है । उस आनन्द के सामने दुनियां की हर चीज फ़ीकी हो जाती है ।
 maine science mein padha tha in school ki kuch stars to itne bade hain ki hamare sun se bhi thousand gunnaa bade and countless stars ki 1 galaxy hai and galaxies bhi coutless hain.
ये सच है । सूर्य आदि अनेकों हैं ।
kya ye univesre endless hai jisko antheen kaha jaye.
ये सच नहीं है । क्योंकि मनुष्य की बाडी और यूनिवर्स की शेप सेम है । पर ये किस तरह से है । इसको जानना मामूली बात नहीं है । हां मनुष्य के लिये ये एन्डलेस के समान ही है ।
mere hisaab se modern science in baaton ke bare mein zada nahi bata sakti. kyun ki modern science humko means hamari physical body ko man made materials dwara sukh araam pahuncha sakti hai is se zada uski hadh nahi.
ये बिग्यान जो भी है उसी बिग्यान से आता है । पर अभी ये चींटी के बराबर भी नहीं है । )

rajeev ji, surat shabad yog advait ki sadhna hai, kya ye moksha and bhog dono deti hai.
इसका पहला स्टेप हंस है । हंस क्वालीफ़ाई कर लेने पर सुरति शब्द योग शुरू होता है । इसलिये कह सकते हैं कि इसमें भोग और मोक्ष दोनों ही हैं । जब तक कोई अपनी इच्छाओं का भोग नहीं कर लेता । हंस से आगे नहीं बढ सकता । इच्छा काया इच्छा माया इच्छा जगत बनाया । इच्छा पार गये जो उनका पार न पाया ।
kyun ki dwait ki sadhna bhog deti hai moksh nahi. adwait ki sadhna and dwait ki sadhna dono ko 1 hi jeevan mein kiya ja sakta hai.
साधना द्वैत से शुरू होकर अद्वैत पर समाप्त होती है । हंस द्वैत से ही शुरू होता है । अतः जाहिर है कि इसको पास कर लें । तो एक ही जीवन में दोनों को कर स्कते हैं ।
adwait ki sadhna ke saath dwait ki koi bhi satvik sadhna. aapki nazar mein
इसी हंस से सब मिल जाता है । एक हि साधे सब सधे । सब साधे सब जाय । रहिमन सींचो मूल को फ़ूले फ़ले अघाय । इसी के लिये कहा है ।
is time poora satguru kaun hai is waqt kyun ki poora satguru 1 time mein 1 hi hota hai.  आप पहले गुरु को तो जान लें । सतगुरु बहुत बडी बात है । मैंने पहले ही कहा । रहस्य किसी सीमा तक ही बताये जा स्कते हैं । surat shabad yog ke kya kuch niyam(rules) bhi hain.
खासतौर पर नानवेज खाने से हानि होती है । बाकी कोई भी नियम नहीं है । जरूरी नही आप वाथ लेकर ही अभ्यास या नाम कमाई करें ।
 isko 1 din mein kitna time karna chahiye 1 hour ya 2 hour.
जो साधक सुबह 15 मिनट से शुरूआत करके 3 घंटे बैठने का अभ्यास कर लेते हैं । उन्हें बहुत जल्दी सफ़लता मिलती है । इसके अलावा रात को लेटकर ( सोने से पहले ) ध्यान करने से भी बहुत लाभ होता है । जितना करते हैं । उसी रेशियो में फ़ायदा होता है ।
aur kya surat shabad yog ki diksha lene ke baad agar iski sadhna shuru kar di jaye to jab tak moksh nahi mil jata to kya tab tak maanav janam hi milta rahega.
निश्चय ही । और भी बहुत कुछ मिलता है ।
jo log dwait ki sadhna karte hain kya unko dobara maanav jeevan nahi milta.
ये लोग देवता अप्सरा यक्ष स्वर्ग आदि भोगों को प्राप्त करते हैं । ये कुन्डलिनी वाला योग होता है । इसमें मनुष्य जन्म नहीं होता ।
jo log sadharan ghareku pooja paath karte hain pori sharadha se kya unko maanav jeevan dobara mil sakta hai.
मिलता है । मगर 84 भोगने के बाद । साधारण पूजा से अगला ही जन्म मनुष्य का हो जाय । ऐसा नहीं होता । अगर ऐसा होता । तो मनुष्य शरीर की क्या वैल्यू होती । जिसके लिये देवता भी तरसते हैं ।
agar kisi insaan ki koi desire adhuri reh gayi ho jis par wo bahut mohit ho kya uska agla janam kya hoga.
जन्म मरन अपनी इच्छा से होता । तो लोग पता नहीं क्या क्या करते ? बहुत चकरघिन्नी वाला खेल है ये । )

rajeev ji, maine suna hai ki daan punya ka bahut mahtavya hai.
जो भी दान किया जाता है । वो आगे के लिये खेत में बीज बोने के समान है । इच्छा रखकर दान करने से हजार गुना । बिना इच्छा रखे दान करने से अगले जन्मों में लाख गुना होकर मिलता है । यही नियम पाप करने के फ़ल पर लागू होता है ।
koi kehta hai ki paise ka daan karo
तो आगे पैसा मिलेगा
ya khaane pine ki cheezon ka
तो आगे खाने पीने की चीजों का भंडार मिलेगा ।
ya vidhya daan ( ये भी ठीक है ।
ya ang(body part)daan karo.
ये बकबास है । ब्लड । वो भी जरूरी होने पर दान करना ठीक होता है । या मरने के बाद बाडी का दान कर दो । शरीर बहुत कीमती है । साधना में स्वस्थ शरीर का बहुत ही महत्व है ।
 kya daan ka mahtavya hai. samaaj mein koi agar rich lekin sundar nahi hai, agar koi sundar hai to rich nahi hai, koi rich hai to physically fit nahi hai etc etc
सब अपने कर्म फ़ल अनुसार मिलता है ।
and ye bhi suna hai ki bikhari ko daan dena chahiye ya nahi.
हरगिज नहीं । दान हमेशा जरूरतमन्द को दें । मन्दिर । धनी बाबाओं आदि को किया दान बेकार जाता है । ) western countries mein purush balwaan hain and ladies sundar lekin wahan nastikta bahut hai
वो लोग भोगवादी स्वभाव के अधिक हैं । पाप कर लो फ़िर कनफ़ेस कर लो । वाहियात झूठी तसल्ली देते हैं खुद को ।
 and yahan bhi nastik jo hain wo dusron ko bhi naastik banane mein lage hain.
दुनियां में सब तरह के लोग होते हैं ।
meri soch jo badali hai kya ye bhi kisi pichle janam ke karm ka result hai
निश्चय ही ।
and mujhko jo sundar physical body mili hai ye kisi pichle janam ke punya ke kaaran hai
निश्चय ही । विचारों के अनुसार शरीर और फ़ेस बनता है ।
ya family breed ke kaaran kyun ki mere nanihaal ki baki auratein bhi sundar hain jaise meri mother, mausi, cousin sisiters etc.
फ़ैमिली ब्रीड आदि भी कर्म फ़ल से ही हो जाती है ।
 hum logon ke pariwaar 1947 mein pakistan ke punjab ke sargodha district se yahan india mein aye the. surat shabad yog ki practice mein kya daan punya ka bhi koi fayda hai. agar ye dono kiya jayen to.
तो जैसे सोने पर सुहागा । 

14 टिप्‍पणियां:

pappu ने कहा…

really lot lot lot of thanx rajeev ji, aap har roz meri baaton ka zawab de dete hain, ye kushi main byaan nahi kar sakti. kyun ki aise bhi bahut se baba log hain is samaaj mein jo theek se baat bhi nahi karte. you are really very good person i ever met.

pappu ने कहा…

rajeev ji, main apki tarah gyaani to nahi hun lekin aapki kahi baaton ko apni samajh anusaar thoda bahut samjhane ki koshish zaroor karti hun. is time to ye sirf 1 koshish hi hai. 1 baat jo maine puchni thi ki jaisa aapne kaha ki prakirti to aad hai means jiski kabhi na kabhi shuruaat hui ho. paramatma Anaadi hai means jo sada sada se hi hai and hameshaa hi rahega. ye jo aatma hai ye paramatma ka ansh hai to it means ye bhi Anaadi hai. so,this is clear.

pappu ने कहा…

rajeev ji, maine suna hai ki seva ka bhi bahut mahatavya hai. jaise koi kehta hai ki old parents ki seva karo, koi kehta hai ki handicapped logon ki seva karo, koi kehta hai anaath children ki seva ya poor people ki seva etc etc. kuch log jinko main personaly jaanti hun. meri padosan jo jaat sikh parivar se hai(main sikh khatri pariwaar se hun) uske rishtedaar farming ka kaam karte hai. unka 1 rishtedaar zamindaar hai. us aadmi ne apni fingers mein rings bahut pehni hui hai.gale mein mala bahut pehen rakhi hai. bedroom mein bahut alag alag dharmik pictures hain. sara din agarbati dhoop etc karta rehta hai. uski apni car mein bhi dhoop agarbati hoti hai and car mein bhi dharmik photos bhari padhi hain. lekin us aadmi ke pariwaar wale kehte hain ki ye aadmi ko humne kabhi paath karte nahi dekha kabhi haath mein maala tak nahi dekhi. main sirf 1 baar mili thi wo keh raha tha ki mujhe apne bacche se pyaar nahi(uska 1 hi beta hai jo late paida hua hai yani budhape mein) duniya se pyaar nahi, main to pashuon(animals like cows) ki sewa karna chahta hun. aur rajeev ji uska jo beta hai wo naastik haiwo kehta hai ki main aish karna chahta hun. us aadmi ke bete ne ghar mein bahut dogs paal rakhen hain. aur un dogs se itna pyaar hai ki main hairaan reh gayi. jaise wo uske pariwaar ke log ho. baki us pariwaar ka naam to nahi likh sakti kyun ki kisi ka personally naam lena theek nahi. but us aadmi ka maine kisi third person se suna tha ki backgroung criminal type hai and uska character bhi theek nahi lekin wo alag alag kism ke sadhu baba type logon ke pass bahut ghumta rehta hai. aap kripa karke ye bhi bataayie ki teerath ka bhi koi fayda hai ya nahi. ya ye log jo roz mandir and gurudwara jaate hai. iska kya fayda hai. waise main bhi daily gurudwara jaati hun.

pappu ने कहा…

rajeev ji, 1 aur zaroori baat ye jo rog(bimari) aati hai kya ye kisi pichle paap karm ka result hai. maine aksar dekha hai (apni hi rishtedaariyon mein) log rog ya bimaari aane par agar doctory ilaaz se theek na ho payen to pooja paath ka sahara lete hain(jo jaisa kar sakta hai apni apni manobhavna se)to kuch log to kuch time baad theek ho jaate hain lekin kuch log lamba time tak bimari ya rog mein fase rehte hain. iska kya reason hai. and ye jo surat shabad yog ki sadhna hai kya is se koi purani bimari ya rog bhi khatam ho jata hai jiska ilaaz medicines se na ho pa raha ho.please is baare mein khul kar batayein.

pappu ने कहा…

rajeev ji, kabhi kabhi hamein life mein kuch log aise mil jate hain jo dusron ki life mein interfere(dakhalandaazi)karte hain.jinko hum milna nahi chahte fir bhi milna padhta hai.ye aisa kyun hota hai.lekin aise dushat log jab humein akela ya mazboor samajh kar hamare saath manmaani karne ki koshish karte hain to iska kya upaay hai.kyun kai baar hum kisi ka physically muqabla nahi kar paate ya socially hum normal hote hain.to aise abhimaani logon se kaise bacha jaye.kabhi kabhi to aise logon par bahut gussa ata hai(mann mein)lekin kar kuch nahi paate.apke articles mein maine dwait sadhna ki tantra mantra sadhnaon mein kisi ko maaran ya ucchatan jaisi category bhi hoti hai. lekin mujhe inka bilkul gyaan nahi and jadu tona ke chakkar mein main fasna nahi chahti.1 shabad sidhi bhi hoti hai kehte hain ki uska agar 40 din tak kisi dushman ke prati paath ya jap kiya jaye to us dushat se bachav hota hai kya ye sach hai. nahi to fir aur kya upaay hai.in the end agar ya koi fir surat shabad yog ki diksha le kar uski sadhna karne lag jaye and us dushat and abhimaani aadmi ko ignore kar prabhu ke aasre rehne lag jaye to kya hum us dushat aadmi se bache rehte hain and aise logon ka aage ja kar kya hota hai jo apne physical bal par ya social status ya richness ke bal par dusron ko tang karte hain ya unki life mein interfere karte hain. mujhe aapke next article ka bahut besabri se intezaar rahega.

pappu ने कहा…

rajeev ji, jaise dwait sadhna bhog to deti hai. lekin agar koi person sirf surat shabad yog ki hi sadhna kare to kya uske vartmaan(present life) ke baki abhaav bhi khatam ho jaate hain. jaise agar kisi ko paise ki problem ho ya kisi job and business etc ki.and kya surat shabad yog ki sadhna se gharelu kalesh(ladai zhagda) jaise mere aur meri saas ke beech aksar ho jata hai.kya aisi problems bhi theek ho jaati hain. 1 baat aur rajeev ji, aam taur par hum sunte hain ki kisi ko kisi ki nazar lag gayi.is nazar lagne ki reality kya hai please bataein.and surat shabad sadhna karne se kya hum jo buri souls hain bhoot pret etc us se bhi bache rehte hain. aur kya baki jo kuch bhi hai kya wo sab kuch all over life dheere dheere hamare anukool ho jati hai means circumstances.and agar hum surat shabad yog ke sadhak ban jayein to kya agar hamara koi nuksaan karna chahe(kisi kism ka bhi physically,financially,insult,jadu tona etc etc)to kya hamara 100% bachav hota hai and jo bura karne wale hain un logon ka kya hota hai.please in sab baaton par roshni daalein.thanx.

pappu ने कहा…

rajeev ji, apke 1 article mein ye likha hua tha ki in mahabharat bhisham pitama ko apne pichle 100 janam yaad the and sri krishan unko unke 106 janam tak le gaye the to kya bisham ji lagataar maanav janam le rahe the and krishan ji ne arjun se kaha tha ki 'mujhe tere pichle bahut se janam pata hain jinko tu khud nahi jaanta' to kya arjun bhi pichle kuch time se lagataar maanav janam le raha tha. kya yug sirf 4 hi hote hain stayug,treta,dwapar and kalyug.is 4 number ka kya hisaab hai.in 4 yugon ko mila kar 1 mahayug banta hai.to kya ab is kalyug ke baad satyug ayega tab haalaat kaise honge.kalyug to main dekh hi rahi hun. dwapar ki kahani mahabharat hai,treta ki ramayan lekin mujhe satyug ke bare mein kuch nahi pata tab ki koi baat batayein.rajeev ji,kya is poore universe earth 1 hi hai(i mean jaisi hamari earth aisa milta julta jeeavan)jisko karm bhoomi ya mrityu lok kaha ja sake ya aur bhi ho sakte hain jahan maanav baste ho.rajeev ji maine apni padosan se suna tha (sirf suna tha)shayad koi baglamukhi devi bhi hoti hai and uski sadhna mushkil hai kyun ki usko poore vidhi vidhaan se karna chahiye nahi to sadhak ko bahut haani ho sakti hai. lekin ye sadhna devi sadhna hai and 10 mahavidha mein iska 8th sathaan hai.and is devi ko pitambara devi bhi kehte hai kyun ki iska sadhak sadhana kaal mein yellow colour ki cheezon ko mahatavya diya jata hai.and ye bhi suna tha ki is devi ki shakti be-hadh hai.And rajeev ji ye Mahakaal kisko kehte hain iske bare mein bhi khil kar bataien.And rajeev ji,shiv yog wale baba tv par keh rahe the ki kuch siddh to aise hain ki wo samadhi mein beete hue time mein ja kar beeti hui incidents ko bhi dekh aate hain.unhone example di thi ki kuch siddh to samadhi mein 5000 saal pehle jo mahabharat mein Geeta updesha tha jo arjun ko mila tha krishan ji se usko samadhi mein dekha bilkul exact jo accurate scene tha and jo hamein aajkal geeta padhne ko milti hai ye exact wo wording nahi hai(meaning beshaq wo hi hai). rajeev ji maine bhi apni padosan se le kar 2 baar geeta padhi hai jo hindi mein translate hai.

pappu ने कहा…

rajeev ji,waise maine 1 saath bahut se sawaal puch liye hain.iske liye main maafi maangti hun.main samajh sakti hun ki apka apna personal time bhi bahut important hai.lekin main jigyasa vash puch baithi.agar kahin aap ko zara si bhi dikkat ayi ho to main really baar baar maafi maangti hun.aap to sadhak hain to mujh jaisi sansari aurat ko maaf kar dein agar mere se koi galti hui ho to.

pappu ने कहा…

rajeev ji, jo hum prarthana ya ardaas ya binti karte hain paramatma ko ya koi kisi devi devta ko karta hai ya kuch log apne ishatt ko to kya ye ardaas ya binti ya prarthana wahan tak pahunch jati hai. and surat shabad yog karne wale sadhak ko koi problem (kisi bhi kism ki) aa jaye life mein to kya agar wo prabhu se binti kare to kya uski pukaar pahunch jayegi prabhu ke pass and us problem ka samadhaan bhi ho jayega ?

pappu ने कहा…

rajeev ji, ye shraap and vardaan kya hote hain. aam aadmi ki to kahi baat sach hoti nahi sirf maha purushon ki kahi baat hi sach nikalti hai. aaj kal tv jo baba type logon se bhare padhe hain kya ye sab asli hain kyun ki tv famous baba to itne over busy ho jaate hain to ye sadhna kab karte honge and kai baba to abhi jawaan hi hain. maine suna hai ki totall baba logon mein se 80% to fake ya fraud hi hain. dusri baat rajeev ji, agar kisi paapi aadmi(beshaq wo rich ho)ke ghar abhimaani and nalayak aulad paida ho jaye to future mein us parivaar ya vansh ka kya haal hoga beshaq present time mein wahan sab theek thaak halaat hi nazar aa rahe ho.

pappu ने कहा…

rajeev ji, ye daswan dwaar(tenth door) ke bare mein kuch khul kar batayein and agar aatma 10th door se nikal jaye to wo 84 mein nahi padhti and us door se nikalne wali aatma apni marzi se janam le sakti hai jab tak ki poori tarah mukt na ho jaye. aur agar jab tak janam na lena chahe tab tak atma kya karti hai(10th door se nikalne wali). paramatma se sakshatkaar hona kise kehte hain.ye yoniyaan 84 lakh hi kyun hain kam ya zada kyun nahi and kya ye universe ke jo aur lok hain(jinke bare mein pehle bhi baat ho chuki hai) jinmein devta,apsara,yaksha and aur suksham antriksh jeev aate hain kya ye bhi 84 lakh ke andar hi aate hain in counting.

pappu ने कहा…

rajeev ji,jab bhi main koi sawaal karti hun (religious)to meri padosan kehti hai ki sawaal bhi har koi nahi kar sakta.according to her wo kehti hai ki sawaal bhi wo hi karta ho jo bahut jigyasu ho ya is maarg par chalne ki iccha rakhta ho. kya ye sahi hai ki har koi gehraai wale question nahi kar sakta?

pappu ने कहा…

rajeev ji, jaise 1 aadmi ke andar alag alag manobhav hote hain. ya keh lijiye alag alag aadtein to kya 1 person ke andar sirf pichle 1 janam ke sanskaron ke kaaran aadtein hoti hain ya pichle anek janamon ke kaarn. and ye kaal purush jo hain sirf inke bare mein kuch batayein(jitna bata saken) paramatma aur kaal purush ka farq batayein. and kya kaal purush bahut badi hasti hone ke bawjood 1 aatma hi hai in reality?

बेनामी ने कहा…

lol