और अक्सर ऐसा होता है कि 1 श्रृंखला होती है अच्छे की भी । और बुरे की भी । उसी समय यूनान में सुकरात पैदा हुआ । थोड़े समय के बाद अरस्तू पैदा हुआ । प्लेटो पैदा हुआ । च्वांगत्से पैदा हुआ । उसी समय सारी दुनिया के कोने कोने में कुछ अदभुत लोग एकदम से पैदा हुए । सारी पृथ्वी कुछ अदभुत लोगों से भर गयी । ऐसा प्रतीत होता है कि ये सारे लोग प्रतीक्षारत थे । प्रतीक्षारत थीं उनकीं आत्माएं । और 1 मौका आया । और गर्भ उपलब्ध हो सके । और जब गर्भ उपलब्ध होने का मौका आता है । तो बहुत से गर्भ 1 साथ उपलब्ध हो जाते हैं । जैसे कि फूल खिलता है 1 । फूल का मौसम आया है । 1 फूल खिला । और आप पाते हैं कि दूसरा खिला । और तीसरा खिला । फूल प्रतीक्षा कर रहे थे । और खिल गए । सुबह हुई । सूरज निकलने की प्रतीक्षा थी । और कुछ फूल खिलने शुरू हुए । कलियां टूटीं । इधर फूल खिला । उधर फूल खिला । रात भर से फूल प्रतीक्षा कर रहे थे । सूरज निकला । और फूल खिल गए ।
ठीक ऐसा ही निकृष्ट आत्माओं के लिए भी होता है । जब पृथ्वी पर उनके लिए योग्य वातावरण मिलता है । तो 1 साथ एक श्रृंखला में वे पैदा हो जाते हैं । जैसे हमारे इस युग ने भी हिटलर और स्टैलिन और माओ जैसे लोग एकदम से पैदा किये । एकदम से ऐसे खतरनाक लोग पैदा किए । एकदम से ऐसे खतरनाक लोग पैदा हुए । जिनको हजारों साल तक प्रतीक्षा करनी पड़ी होगी । क्योंकि स्टैलिन या हिटलर या माओ जैसे आदमियों को भी जल्दी पैदा नहीं किया जा सकता ।
अकेले स्टैलिन ने रूस में कोई 60 लाख लोगों की हत्या की । अकेले 1 आदमी ने । और हिटलर ने अकेले 1 आदमी ने । कोई 1 करोड़ लोगों की हत्या की । हिटलर ने हत्या के ऐसे साधन ईजाद किये । जैसे पृथ्वी पर कभी किसी ने नहीं किये थे । हिटलर ने इतनी सामूहिक हत्या की । जैसे कभी किसी आदमी ने नहीं की थी । तैमूरलंग और चंगीज खांन सब बचकाने सिद्ध हो गये । हिटलर ने गैस चैंबर्स बनाए । उसने कहा - 1-1 आदमी को मारना तो बहुत महंगा है । 1-1 आदमी को मारो । तो गोली बहुत महंगी पड़ती है । 1-1 आदमी को मारना महंगा है । 1-1 आदमी को कब्र में दफनाना महंगा है । 1-1 आदमी की लाश को उठाकर गांव के बाहर फेंकना बहुत महंगा है । तो कलेक्टिव मर्डर । सामूहिक हत्या कैसे की जाए ?
लेकिन सामूहिक हत्या करने के भी उपाय हैं । अभी अहमदाबाद में कर दी । या कहीं और की । लेकिन ये बहुत महंगे उपाय हैं । 1-1 आदमी को मारो । बहुत तकलीफ होती है । बहुत परेशानी होती है । और बहुत देर भी लगती है । ऐसे 1-1 को मारोगे । तो काम ही नहीं चल सकता । इधर 1 मारो । उधर 1 पैदा हो जाता है । ऐसे मारने से कोई फायदा नहीं होता ।
तो हिटलर ने गैस चैंबर बनाए । 1-1 चैंबर में 5-5000 लोगों को इकट्ठा खड़ा करके बिजली का बटन दबाकर एकदम वाष्पीभूत किया जा सकता है । बस 5000 लोग खड़े किये । बटन दबा । वे गए । एकदम गए । इसके बाद हॉल । वे गैस बन गए । इतनी तेज चारों तरफ से बिजली गई कि वे गैस हो गए । न उनकी कब्र बनानी पड़ी । न उनको कहीं मारकर खून गिराना पड़ा । खून वून गिराने का हिटलर पर कोई नहीं लगा सकता जुर्म । अगर पुरानी किताबों से भगवान चलता होगा । तो हिटलर को बिल्कुल निर्दोष पायेगा । उसने खून किसी का गिराया नहीं । किसी की छाती में छुरा मारा नहीं । उसने ऐसी तरकीब निकाली । जिसका कहीं वर्णन हीं नहीं था । उसने बिल्कुल नई तरकीब निकाली - गैस चैंबर । जिसमें आदमी को खड़ा करो । बिजली की गर्मी तेज करो । एकदम वाष्पीभूत हो जाए । एकदम हवा हो जाए । बात खत्म हो गई । उस आदमी का फिर नामोल्लेख भी खोजना मुश्किल है । हड्डी खोजना मुश्किल है । उस आदमी की चमड़ी खोजना मुश्किल है । वह गया । पहली दफा हिटलर ने, पहली दफा हिटलर ने इस तरह आदमी उड़ाए । जैसे पानी को गर्म करके भाप बनाया जाता है । पानी कहां गया । पता लगाना मुश्किल है । ऐसे खो गया आदमी । ऐसे गैस चैंबर बनाकर उसने 1 करोड़ आदमियों को अंदाजन गैस चैंबर में उड़ा दिया ।
ऐसे आदमी को जल्दी जन्म मिलना बड़ा मुश्किल है । और अच्छा ही है कि नहीं मिलता । नहीं तो बहुत कठिनाई हो जाए । अब हिटलर को बहुत प्रतीक्षा करनी पड़ेगी फिर । बहुत समय लग सकता है अब हिटलर को दोबारा वापस लौटने के लिए । बहुत कठिन मामला है । क्योंकि इतना निकृष्ट गर्भ अब फिर से उपलब्ध हो । और गर्भ उपलब्ध होने का मतलब क्या है ? गर्भ उपलब्ध होने का मतलब है कि मां पिता, उस मां और पिता की लंबी श्रृंखला दुष्टता का पोषण कर रही है लंबी श्रृंखला । एकाध जीवन में कोई आदमी इतनी दुष्टता पैदा नहीं कर सकता कि उसका गर्भ हिटलर के योग्य हो जाए । 1 आदमी कितनी दुष्टता करेगा ? 1 आदमी कितनी हत्याएं करेगा ? हिटलर जैसा बेटा पैदा करने के लिए । हिटलर जैसा बेटा किसी को अपना मां बाप चुने । इसके लिए सैकड़ों, हजारों, लाखों वर्षों की लंबी कठोरता की परंपरा ही कारगर हो सकती है । ओशो
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