02 अप्रैल 2011

मैं अपने आपको क्‍यों नहीं जान सका ?

1 उछलता हुआ झरना रेगिस्‍तान पहुंचा । उसे दिखाई दिया कि वह उसे पार नहीं कर सकेगा । बारीक रेत में उसका पानी तेजी से सूख रहा था । झरने ने स्‍वयं से कहा - रेगिस्‍तान को पार करना मेरी नियति है । लेकिन उसके आसार नजर नहीं आते हैं ।
यह शिष्‍य की स्‍थिति है । जिसे सदगुरू की जरूरत होती है । लेकिन वह किसी पर श्रद्धा नहीं कर सकता । यह मनुष्‍य की दुखद हालत है ।
रेगिस्‍तान की आवाज ने कहा - हवा रेगिस्‍तान को पार करती है । तुम भी कर सकते हो ।
झरना बोला - जब भी मैं कोशिश करता हूं । मेरा पानी रेत में समा जाता है । और मैं कितना ही जोर लगाऊं । थोड़ी दूर ही जा पाता हूं ।
हवा रेगिस्‍तान के साथ जोर नहीं लगाती ।
लेकिन हवा उड़ सकती है । मैं उड़ नहीं सकती ।
तुम गलत ढंग से सोच रही हो । अकेले उड़ने की कोशिश मूढ़ता है । हवा को तुम्‍हें ले जाने दो ।
झरने ने कहा कि - वह अपनी निजता को खोना नहीं चाहता । इस तरह तो उसकी हस्‍ती खो जाएगी । रेत ने समझाया कि इस तरह सोचना तर्क का 1 भाग है । लेकिन यथार्थ के साथ उसका कोई ताल्‍लुक नहीं है । हवा जल की नमी को आत्‍मसात कर लेती है । रेगिस्‍तान के पार ले जाती है । और फिर बरसात बनकर पुन: नीचे ले आती है ।
झरना पूछता है - यदि ऐसा है । तो क्‍या मैं यही झरना रहूंगा ? जो आज हूं ।
रेत बोली - यों भी किसी सूरत में तुम यही नहीं रहोगे । तुम्‍हारे पास कोई चुनाव नहीं है । हवा तुम्‍हारे सार तत्‍व को, सूक्ष्‍म अंश को ले जाएगी । जब रेगिस्‍तान के पार, पहाड़ों में तुम फिर नदी बन जाओगे । फिर लोग तुम्‍हें किसी और नाम से पुकारेंगे । लेकिन भीतर गहरे में तुम जानोंगे - मैं वहीं हूं ।
हवा की स्‍वागत करती हुई बांहों में समाकर झरना रेगिस्‍तान के पार चला गया । हवा उसे पर्वत की चोटी पर ले गई । और फिर धीरे से, लेकिन दृढ़ता से जमीन पर गिरा दिया । झरना बुदबुदाया - अब मुझे मेरी वास्‍तविक अस्‍मिता का पता चला । फिर भी 1 प्रश्न उसके मन में था - मैं अपने आपको क्‍यों नहीं जान सका ? रेत को मुझे क्‍यों बताना पडा ।
1 छोटी सी आवाज उसके कानों में गूँजी । रेत का 1 कण बोल रहा था - सिर्फ रेत ही जान सकती है । क्‍योंकि उसने कई बार इसे घटते देखा है । क्‍योंकि वह नदी से लेकर पर्वत तक फैली हुई है । जीवन की सरिता अपनी यात्रा कैसे करेगी ? इसका पूरा नक्‍शा रेत में बना होता है ।
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Remedies for URIC ACID   शरीर में यूरिक एसिड प्यूरिन के टूटने से बनता है । जो खून के माध्यम से बहता हुआ किडनी तक पहुंचता है । यूरिक एसिड शरीर से बाहर पेशाब के रूप में निकल जाता है । लेकिन कभी कभार यूरिक एसिड शरीर में ही रह जाता है । और इसकी मात्रा बढ़ने लगती है । ऐसा होना शरीर के लिए घातक होता है । यूरिक एसिड के असंतुलन से ही गठिया जैसी समस्याएं हो जाती है । उच्च यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करना अति आवश्यक होता है । नियंत्रण के लिए यूरिक एसिड़ बढ़ने के कारण को जानना आवश्यशक है । अगर आपको यह समस्या आनुवांशिक है । तो इसे बैलेंस किया जा सकता है । लेकिन अगर शरीर में किसी प्रकार की दिक्कत है । जैसे - किडनी का सही तरीके से काम न करना आदि तो डाक्टरी सलाह लें । और दवाईयों का सेवन करें । शरीर में हाई यूरिक एसिड का अर्थ होता है कि आप जो भी भोजन ग्रहण करते हैं । उसमें प्यूरिन की मात्रा में कमी है । जो शरीर में प्यूरिन की बॉन्डिंग को तोड़ देती है । और यूरिक एसिड बढ़ जाता है । यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के कुछ टिप्स निम्न प्रकार हैं -
भरपूर फायबर वाले फूड खाएं - अगर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा लगातार बढ़ती है । तो आपको भरपूर फायबर वाले फूड खाने चाहिए । दलिया, पालक, ब्रोकली आदि के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा नियंत्रित हो जाती है ।
जैतून के तेल में पकाएं - आश्चर्य की बात है । लेकिन यह सच है । जैतून के तेल में बना हुआ भोजन, शरीर के लिए लाभदायक होता है । इसमें विटामिन E भरपूर मात्रा में होता है । जो खाने को पोषक तत्वों से भरपूर बनाता है । और यूरिक एसिड को कम करता है ।
बेकरी फूड न खाएं - बेकरी के फूड स्वाद में लाजबाव होते हैं । लेकिन इसमें शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है । इसके अलावा इनके सेवन से शरीर में यूरिक एसिड़ भी बढ़ जाता है । अगर यूरिक एसिड कम करना है । तो पेस्ट्री और केक खाना बंद कर दें ।
ज्यादा पानी पिएं - पानी की भरपूर मात्रा से शरीर के कई विकार आसानी से दूर हो जाते हैं । दिन में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी का सेवन करें । पानी की पर्याप्त मात्रा से शरीर का यूरिक एसिड पेशाब के रास्ते से बाहर निकल जाएगा । थोड़ी थोड़ी देर में पानी को जरूर पीते रहें ।
चेरी खाएं - चेरी में एंटी इंफ्लामेट्री प्रापर्टी होती है । जो यूरिक एसिड को मात्रा को बाडी में नियंत्रित करती है । हर दिन 10 से 40 चेरी का सेवन करने से शरीर में उच्च यूरिक एसिड की मात्रा नियंत्रित रहती है । लेकिन 1 साथ सभी चेरी न खाएं । बल्कि थोड़ी थोड़ी देर में खाएं ।
भोजन में विटामिन C लें । हर दिन ली जाने खुराक में कम से कम 500 ग्राम विटामिन C जरूर लें । विटामिन C हाई यूरिक एसिड को कम करने में सहायक होता है । और यूरिक एसिड को पेशाब के रास्ते निकलने में भी मदद करता है ।
विटामिन C अपनी डाइट में विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट का सेवन रोज करें ।
कम वसा वाला डेयरी प्रोडक्टि लो फैट डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध या दही शरीर में सीरम यूरिक लेवल को कम करता है । इसे खाईये । और गठिया से निजात पाईये ।
फ्रेंच बींस जूस - गठिया रोग को दूर करने के लिये फ्रेंच बींस का जूस पीजिये । इसे आप दिन में 2 बार पी सकते हैं । इससे यूरिक एसिड कम होगा ।
नींबू - यह सिट्रस फल क्रिस्टल को घोल देता है । और शरीर को अंदर से साफ करता है । शरीर से गंदगी को बाहर निकालने के लिये नींबू का जूस पीजिये ।
अजवाइन - यह 1 जानी मानी घरेलू दवाई है । जिसका सेवन करने से शरीर से यूरिक एसिड की मात्रा कम होगी । अपने भोजन में अजवाइन का प्रयोग जरुर करें ।
एपल साइडर वेनिगर - पानी में 3 चम्मच एपल साइडर व‍ेनिगर मिलाकर रोजाना दिन में 2-3 बार पियें ।
पानी - खूब सारा पानी पीजिये । पानी शरीर से सारी गंदगी बाहर निकालता है । जिसमें से यूरिक एसिड 1 है ।
स्ट्राबैरी ताजे फल जैसे - स्ट्रॉबेरी जामुन चैरी शरीर से यूरिक एसिड निकाल कर गठिया का इलाज करते हैं ।
आलू - कच्चे आलू या फिर भुट्टे के दाने भी यूरिक एसिड कम करते हैं । इन्हें या तो कच्चा खाएं । या फिर भूनकर सेवन करें ।
प्याज - इसमें एस्पिरिन के मुकाबले 1 रसायन होता है । जो दर्द को गायब कर देता है ।

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