ये परकाया प्रवेश क्या होता है ? क्या किसी मुर्दे शरीर में भी कोई प्रेत आत्मा घुस सकती है ? ( चाहे वो शरीर इनसान का हो । या जानवर का ) क्या कोई साधक भी जब उसकी शरीर से निकलने की स्थिति आ जाये । तो क्या वो भी किसी और शरीर में घुस सकता है ?
******* जी हाँ ! योगी टायप के लोग । समर्थ साधु और कुछ खास प्रेत आदि आत्मायें ये कार्य कर सकती हैं । जिसके अलग अलग नियम हैं । मतलब तरीका सिद्धांत आदि भिन्न हैं । किसी भी जीवित या मृत काया में प्रवेश करना ही परकाया प्रवेश है । ये बहुत सरल तरीका है । बस इस ऊँचाई पर पहुँचना कठिन है ।
ये भी बतायें कि मुर्दा शरीर के अलावा क्या किसी जिन्दा शरीर ( जिस शरीर में पहले से किसी आत्मा का निवास हो ) में भी घुस सकती है । अगर घुस सकती है । तो इस तरह से तो 1 ही शरीर में 2 आत्माओं का वास हो गया ।
******* जी हाँ जिन्दा शरीर में भी घुस सकती है । और लम्बे समय तक रह सकती है । 1 क्या कई आत्मायें एक शरीर में रह सकती हैं । इसका एक सरल उदाहरण गर्भवती स्त्री के 8-8 तक बच्चे होते देखे गये हैं । तो जब एक शरीर में 8 अन्य शरीर विद आत्मा हो सकते हैं । तो आत्मायें होना और इजी है । क्योंकि गर्भ स्थिति में भी तो आत्मा लम्बे समय तक रहती है । कई पशु 15 बच्चों तक को एक समय में जन्म देते हैं ।
क्या पहली वाली आत्मा को इस बारे में पता नही चलता कि कोई और भी उसके शरीर के अन्दर आ गया है ( चाहे किसी दूसरी आत्मा का निवास थोडी देर के लिये ही क्युँ न हो )
******* शुरूआत में भारीपन । बेहद थकान । सर उखङा उखङा आदि लगता है । लेकिन नयी चीज होने से यह पता नहीं लगता कि यह किसी आत्मा के वजह से है । लेकिन बाद में कुछ और कई ऐसे अनुभव होते हैं । जिससे पता चल जाता है कि कोई अन्य भी इसी शरीर में है । तब जो पावरफ़ुल है । वह दूसरे पर हावी हो जाता है । शरीर का मालिक या परजीवी आत्मा ।
अब मेरे मन में ये सवाल उठे कि क्या " एमिल रोस " मानसिक पागल थी ? या वाकई प्रेतबाधा थी ?
******* एमिली रोज वाकई प्रेतवाधा से गृस्त थी । डाकटर या आम या खास लोग थोङा भी ध्यान से देखें । तो प्रेतवाधा और मानसिक पागलपन में बहुत फ़र्क होता है । हालांकि प्रेतवाधा के लोग कभी कभार ही देखने को मिलते हैं । लेकिन पागल अक्सर आपको जिस समय चाहो । मिल जायेंगे ।
यदि इन दोनों का वीडियो शूट किया जाय । तो पागल के व्यवहार में पागल होने के बाद भी सामान्य इंसानी भावों की ही झलक होगी । पर प्रेत प्रभावित इंसान का शरीर । बोली । खिंचाव आदि सब कुछ अलग और भयानकता लिये होगा । सामान्य आँखों से देखने पर यह अंतर आपकी पकङ में कम आता है । ( क्योंकि उस वक्त हम परीक्षण दृष्टि के बजाय कौतूहल दृष्टि से देख रहे होते हैं ) पर कैमरे की निगाहों से इस अंतर को स्पष्ट देखा जा सकता है ।
क्या वाकई 6 प्रेतों ने उस पर हमला किया ? लेकिन उस पर ही क्युँ ? उसके बाकी परिवार पर क्युँ नहीं ?
******* अब ओबामा जी ही राष्ट्रपति क्यों बने ? उनके घरवाले क्यों नहीं ? जो उस नियम में आ गया । उसके साथ घटित हो गया । एमिली रोज क्योंकि दिवंगत है । अतः अब उसके बारे में ये कहना ठीक नहीं । पर वह गलत थी ।
अगर 2 प्रेत पादरी थे । तो क्या पादरी भी अगले जनम में प्रेत बन सकता है ? जो पादरी उसको ठीक करने में लगे हुए थे । वो उसको बचा क्युँ नहीं पाये ?
******* पादरी तो बहुत छोटी चीज है । देवता तक इस चपेटे में आ जाते हैं । अप्सरायें आ जाती हैं । मैंने कई बार कहा । कानून सबके लिये समान है । और ये किसी पर रहम नहीं करता । वैसे प्रेत होने का मतलब अगला जन्म नहीं होता । वे उसको इसलिये नहीं बचा पाये । क्योंकि वे कामचलाऊ पादरी थे । तांत्रिक नहीं । वैसे भी प्रेतबाधा उपचार प्रार्थना आदि से हल नहीं होती । ये मंत्र तंत्र या इससे उच्च ग्यान चाहती है । खासतौर पर जब केस लाइलाज हो । परन्तु ऐसे केसों का सही ट्रीटमेंट होते मैंने कम ही देखा है । नौटंकी ज्यादा देखी है । वास्तव में प्रेत बहुत दुख में होते है । बस उनको सही से समझने की जरूरत है ।..लेकिन इसके बाद भी आप लोग प्रेतों की तरफ़ आकर्षित न हों ।
अगर " एमिल रोस " भारत में होती । तो क्या उसका बचना सम्भव था ? ( क्युँ कि भारत में अलौकिक ग्यान और साधना वाले महात्माओं की भरमार है ) ?
राजीव जी ! ये " एमिल रोस " की घटना 100% सच्ची है । इसका सबूत आपको गूगल में सर्च करने से भी मिल जायेगा ।
***** अगर सही जगह पहुँच जाती । तो कोई बहुत बङा हौआ नहीं था । लेकिन भारत में भी ठगों की भरमार अधिक है । आप गूगल छोङकर मेरे साथ एक दिन प्रेतलोक चलिये । वहाँ सब एमिली रोज जैसे ही मिलेंगे । साधकों के जीवन में ऐसी घटनाओं से परिचय आम बात है । लेकिन गूगल पर नहीं गैलेक्सी में ।
साथ में मैं ये भी जानना चाहती हूँ कि मैंने सुना है कि इस वकत दुनिया में 3 जुडवाँ बच्चे ऐसे हैं । जिनके शरीर आपस में जुङे हुए हैं । उनको आपरेशन से अलग करने में खतरा है । जो वो 2 शरीर जुङे हुए हैं । और उनमें से 1 जोङे का तो दिमाग भी 1 ही है । तो क्या उनमें 2 आत्मायें हैं ? उन 2 आत्माओं ने अपने अपने पिछ्ले जन्म में ऐसा क्या कर्म कर दिया कि उनको 2 एक साथ जुङे हुए जिस्म लेकर पैदा होना पङा ?
******* देखिये ! मैं फ़िर कहूँगा । साधु संतो ने इस सृष्टि को " चित्र विचित्र " कहा है । मतलब जो अनोखा से भी अनोखा लगे । वह सब संभव है । अतः ऊपर की बात में एक ही आत्मा पर दो शरीर । या दो जुङे शरीर दो आत्मा । या एक दिमाग दो आत्मा दो शरीर कुछ भी हो सकता है ।
ये अत्यन्त जटिल पापमय संस्कार और लगभग शापित या किसी की हाय लगी हुयी कंडीशन होती है । इसको सशरीर नरक भी कहते हैं । इसको ऐसे शरीर वाले तो भोगते ही हैं । उनके संस्कारों में किसी भी रूप में शामिल रहे परिवार वाले भी दूसरी तरह से अपने हिस्से का पाप भोगते हैं ।
काया से जो पातक होई । बिनु भुगते छूटे नहीं कोई ।
******* जी हाँ ! योगी टायप के लोग । समर्थ साधु और कुछ खास प्रेत आदि आत्मायें ये कार्य कर सकती हैं । जिसके अलग अलग नियम हैं । मतलब तरीका सिद्धांत आदि भिन्न हैं । किसी भी जीवित या मृत काया में प्रवेश करना ही परकाया प्रवेश है । ये बहुत सरल तरीका है । बस इस ऊँचाई पर पहुँचना कठिन है ।
ये भी बतायें कि मुर्दा शरीर के अलावा क्या किसी जिन्दा शरीर ( जिस शरीर में पहले से किसी आत्मा का निवास हो ) में भी घुस सकती है । अगर घुस सकती है । तो इस तरह से तो 1 ही शरीर में 2 आत्माओं का वास हो गया ।
******* जी हाँ जिन्दा शरीर में भी घुस सकती है । और लम्बे समय तक रह सकती है । 1 क्या कई आत्मायें एक शरीर में रह सकती हैं । इसका एक सरल उदाहरण गर्भवती स्त्री के 8-8 तक बच्चे होते देखे गये हैं । तो जब एक शरीर में 8 अन्य शरीर विद आत्मा हो सकते हैं । तो आत्मायें होना और इजी है । क्योंकि गर्भ स्थिति में भी तो आत्मा लम्बे समय तक रहती है । कई पशु 15 बच्चों तक को एक समय में जन्म देते हैं ।
क्या पहली वाली आत्मा को इस बारे में पता नही चलता कि कोई और भी उसके शरीर के अन्दर आ गया है ( चाहे किसी दूसरी आत्मा का निवास थोडी देर के लिये ही क्युँ न हो )
******* शुरूआत में भारीपन । बेहद थकान । सर उखङा उखङा आदि लगता है । लेकिन नयी चीज होने से यह पता नहीं लगता कि यह किसी आत्मा के वजह से है । लेकिन बाद में कुछ और कई ऐसे अनुभव होते हैं । जिससे पता चल जाता है कि कोई अन्य भी इसी शरीर में है । तब जो पावरफ़ुल है । वह दूसरे पर हावी हो जाता है । शरीर का मालिक या परजीवी आत्मा ।
अब मेरे मन में ये सवाल उठे कि क्या " एमिल रोस " मानसिक पागल थी ? या वाकई प्रेतबाधा थी ?
******* एमिली रोज वाकई प्रेतवाधा से गृस्त थी । डाकटर या आम या खास लोग थोङा भी ध्यान से देखें । तो प्रेतवाधा और मानसिक पागलपन में बहुत फ़र्क होता है । हालांकि प्रेतवाधा के लोग कभी कभार ही देखने को मिलते हैं । लेकिन पागल अक्सर आपको जिस समय चाहो । मिल जायेंगे ।
यदि इन दोनों का वीडियो शूट किया जाय । तो पागल के व्यवहार में पागल होने के बाद भी सामान्य इंसानी भावों की ही झलक होगी । पर प्रेत प्रभावित इंसान का शरीर । बोली । खिंचाव आदि सब कुछ अलग और भयानकता लिये होगा । सामान्य आँखों से देखने पर यह अंतर आपकी पकङ में कम आता है । ( क्योंकि उस वक्त हम परीक्षण दृष्टि के बजाय कौतूहल दृष्टि से देख रहे होते हैं ) पर कैमरे की निगाहों से इस अंतर को स्पष्ट देखा जा सकता है ।
क्या वाकई 6 प्रेतों ने उस पर हमला किया ? लेकिन उस पर ही क्युँ ? उसके बाकी परिवार पर क्युँ नहीं ?
******* अब ओबामा जी ही राष्ट्रपति क्यों बने ? उनके घरवाले क्यों नहीं ? जो उस नियम में आ गया । उसके साथ घटित हो गया । एमिली रोज क्योंकि दिवंगत है । अतः अब उसके बारे में ये कहना ठीक नहीं । पर वह गलत थी ।
अगर 2 प्रेत पादरी थे । तो क्या पादरी भी अगले जनम में प्रेत बन सकता है ? जो पादरी उसको ठीक करने में लगे हुए थे । वो उसको बचा क्युँ नहीं पाये ?
******* पादरी तो बहुत छोटी चीज है । देवता तक इस चपेटे में आ जाते हैं । अप्सरायें आ जाती हैं । मैंने कई बार कहा । कानून सबके लिये समान है । और ये किसी पर रहम नहीं करता । वैसे प्रेत होने का मतलब अगला जन्म नहीं होता । वे उसको इसलिये नहीं बचा पाये । क्योंकि वे कामचलाऊ पादरी थे । तांत्रिक नहीं । वैसे भी प्रेतबाधा उपचार प्रार्थना आदि से हल नहीं होती । ये मंत्र तंत्र या इससे उच्च ग्यान चाहती है । खासतौर पर जब केस लाइलाज हो । परन्तु ऐसे केसों का सही ट्रीटमेंट होते मैंने कम ही देखा है । नौटंकी ज्यादा देखी है । वास्तव में प्रेत बहुत दुख में होते है । बस उनको सही से समझने की जरूरत है ।..लेकिन इसके बाद भी आप लोग प्रेतों की तरफ़ आकर्षित न हों ।
अगर " एमिल रोस " भारत में होती । तो क्या उसका बचना सम्भव था ? ( क्युँ कि भारत में अलौकिक ग्यान और साधना वाले महात्माओं की भरमार है ) ?
राजीव जी ! ये " एमिल रोस " की घटना 100% सच्ची है । इसका सबूत आपको गूगल में सर्च करने से भी मिल जायेगा ।
***** अगर सही जगह पहुँच जाती । तो कोई बहुत बङा हौआ नहीं था । लेकिन भारत में भी ठगों की भरमार अधिक है । आप गूगल छोङकर मेरे साथ एक दिन प्रेतलोक चलिये । वहाँ सब एमिली रोज जैसे ही मिलेंगे । साधकों के जीवन में ऐसी घटनाओं से परिचय आम बात है । लेकिन गूगल पर नहीं गैलेक्सी में ।
साथ में मैं ये भी जानना चाहती हूँ कि मैंने सुना है कि इस वकत दुनिया में 3 जुडवाँ बच्चे ऐसे हैं । जिनके शरीर आपस में जुङे हुए हैं । उनको आपरेशन से अलग करने में खतरा है । जो वो 2 शरीर जुङे हुए हैं । और उनमें से 1 जोङे का तो दिमाग भी 1 ही है । तो क्या उनमें 2 आत्मायें हैं ? उन 2 आत्माओं ने अपने अपने पिछ्ले जन्म में ऐसा क्या कर्म कर दिया कि उनको 2 एक साथ जुङे हुए जिस्म लेकर पैदा होना पङा ?
******* देखिये ! मैं फ़िर कहूँगा । साधु संतो ने इस सृष्टि को " चित्र विचित्र " कहा है । मतलब जो अनोखा से भी अनोखा लगे । वह सब संभव है । अतः ऊपर की बात में एक ही आत्मा पर दो शरीर । या दो जुङे शरीर दो आत्मा । या एक दिमाग दो आत्मा दो शरीर कुछ भी हो सकता है ।
ये अत्यन्त जटिल पापमय संस्कार और लगभग शापित या किसी की हाय लगी हुयी कंडीशन होती है । इसको सशरीर नरक भी कहते हैं । इसको ऐसे शरीर वाले तो भोगते ही हैं । उनके संस्कारों में किसी भी रूप में शामिल रहे परिवार वाले भी दूसरी तरह से अपने हिस्से का पाप भोगते हैं ।
काया से जो पातक होई । बिनु भुगते छूटे नहीं कोई ।
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