18 जनवरी 2011

टेस्ट टयूब बेबी..हैरत की बात


आपके सभी लेखों में रामायण और महाभारत और कृष्ण के ही उदाहरण होते हैं या फ़िर भगवान के ही नाम आते हैं । क्या कोई जीता जागता उदाहरण है जिस पर लोग विश्वास कर सकें । आजकल भगवान तो धरती पर नहीं हैं वो तो कर्म करके हवा में लीन हो गये । उनका कोई रिकार्ड भी नहीं है । लोगों की लिखी या सुनी बातें हैं । कोई जीता जागता नमूना बतायें ?? हाँ आजकल साइंस में नियोग टेस्ट टयूब बेबी जीता जागता उदाहरण हैं । क्या ख्याल है ??? ।
ANS..आपके द्वारा पूछे गये प्रश्नों पर लिखा गया लेख । और मेरे द्वारा स्व विचारित आधार पर बना लेख । इनमें मूलभूत तौर पर काफ़ी अंतर हो जाता है । मैं किसी विषय का प्रस्तुतीकरण अपने अंदाज में करूँगा । और आपकी शंकायें हरेक व्यक्ति के आधार पर अलग अलग तरह की होंगी । कहने का आशय यह कि आपके प्रश्नों के आधार पर लेख प्रकाशित होने की एक अनवरत श्रंखला सी स्वतः पिछले छह महीनों से जारी है । और मुझे बेहद खुशी है कि आप लोगों की अधिकाधिक शंकाओं का समाधान प्रभुकृपा से संभव हुआ है । कुछ लोगों को तो अपने प्रश्नों का उत्तर ब्लाग लेखों से ही प्राप्त हो गया । जैसा कि उनकी प्रतिक्रिया से मुझे ग्यात हुआ ।..पर ???
..आपके द्वारा पूछे गये प्रश्न से मुझे अति खुशी और अति दुख भी हुआ ?? आपको आश्चर्य हो रहा होगा कि आखिर क्यों ? वो इसलिये । कि जहाँ आपने अपने प्रश्न में एक अति सार्थक बात कही । वहीं उस एक के अलावा सभी बातें निरर्थक कहीं । आईये पहले सार्थक बात की चर्चा करते हैं । सार्थक बात ये कि बहुत ही कम गिने चुने पाठक ऐसे थे । जिन्होंने कहा कि पुराने उदाहरण की बजाय ऐसी बात या ऐसा जीवन्त उदाहरण अभी हो तो ठीक ? जिसका कुछ उपयोग भी हो सके । वरना इतिहास खंगालते रहने का क्या लाभ ?? यही बात आपने कही । जो बेहद सार्थक और उपयोगी है ।
अब ।..जीता जागता उदाहरण की बात.. या तो आपने मेरे बहुत कम लेख पढें हैं । इसलिये ना जाने में ऐसा कहा । मेरे लेखों में जगह जगह तंत्र मंत्र से लेकर अलौकिक ग्यान की महत्वपूर्ण विधाओं के पिछले सत्तर अस्सी वर्ष तक के प्रसंग अनुसार उदाहरण मिलते हैं ।..प्रताप जी । इस अमूल्य और गूढ ग्यान का परम्परागत एक नियम यह है कि उपस्थित शरीरी दिव्यात्माओं का उनके चमत्कारों सहित खुला परिचय नहीं दिया जाता । यह सीना ब सीना दिया जाने वाला ग्यान है । यानी दृष्टिपात द्वारा । किसी संकेत द्वारा । किसी बहाने द्वारा । दिया जाता है ।..जैसे आपने यह प्रश्न किया होता कि राजीव आपने मुझे इस अदभुत ग्यान की जिग्यासा तो पैदा कर दी । अब इसके अनुभव या प्रयोग कैसे देखने को मिलें ?? तब मैं आपको उत्तर देता । यानी जो आप चाहते । उसके अनुसार ।..निष्कर्ष ये कि जितना आप मेरे लेखों में पढेंगे । यथा । परकाया प्रवेश । नियोग । अंतर्लोकों की यात्रा । रिद्धी सिद्धि आदि की प्राप्ति आदि आज भी होता है । संभव है । आप थोङा सा गहराई से विचार करें । तो किसी भी बात का इतिहास घटना घटित होने के बाद ही लिखा जाता है । उसके सामने नहीं । जैसे अखबार की खबर होती है । वैसे नहीं । अगर किसी तरह चमत्कार खुल भी जाता है । तो परिपक्व योगी या संत स्थान बदलकर अग्यात स्थान पर चले जाते हैं । क्योंकि चमत्कार वर्जित है ? क्यों ?? ये स्पष्ट करने पर लेख लम्बा हो जायेगा । अतः फ़िर कभी । अतः मुद्दे पर आते हैं ।
दूसरी बात..आजकल भगवान तो धरती पर नहीं हैं ।..हालांकि सामान्य बात के तौर पर आपकी बात सटीक है । पर वास्तव में सच ये नहीं है । हकीकत में भगवान एक क्षण के लिये भी यहाँ से नहीं जाते । कबीर की बात याद करें । मुझको कहाँ ढूँढे रे बन्दे । मैं तो तेरे पास में । परम प्रभु अपने ही उर में पायो ??
ये दोनों बातें अलंकारिक न होकर एकदम सच हैं । अब फ़िर आप जीता जागता उदाहरण इसके लिये पूछोगे । इसके लिये कुछ समय के लिये आपको मेरे पास आना होगा । मतलब । भगवान के साथ आपका डिनर फ़िक्स कराने के लिये । जीते जी ही । गलत मत समझ लेना । और इसको भी मैं नहीं कराऊँगा । वे महान लोग और ही हैं । मैं तो बनाऊ बाबा हूँ ।
तीसरी बात..वो तो कर्म करके हवा में लीन हो गये । उनका कोई रिकार्ड भी नहीं है । लोगों की लिखी या सुनी बातें हैं ।..एक हिन्दू के मुख से ये बात सुनकर बङा अजीव लगा । हवा में लीन..के स्थान पर अपने धाम को गये कहते । तो भी उचित लगता । उनका रिकार्ड..अब क्या कहूँ ? बस सिर्फ़ हँसी ही आती है । इस बात पर ?? लोगों की लिखी सुनी..? आपकी उमर कितनी है ? ग्यात नहीं । पर सारी । आपके परिवारीजनों ने उत्तम संस्कारों से भी आपको वंचित रखा ।
चौथी बात..नियोग @ टेस्ट टयूब बेबी..हैरत की बात है । आपने नियोग और टेस्ट टयूब बेबी में कोई फ़र्क ही नहीं समझा ?? जबकि आपने विस्तार से इस विषय पर लिखा मेरा लेख पढकर । उसी लेख पर ये टिप्पणी की है । टेस्ट टयूब बेबी..में पुरुष के वीर्य का शुक्राणु और स्त्री का डिम्बाणु संयुक्त करके बच्चे को जन्म दिया जाता है । जबकि नियोग की एक किस्म में पुरुष शुक्राणु की कोई आवश्यकता ही नहीं होती । और दूसरे उच्चस्तरीय नियोग में स्त्री का डिम्बाणु तो छोङिये । स्त्री पुरुष दोनों में से किसी की आवश्यकता नहीं होती ।
लेकिन इसी प्रसंग में साइंस का एक चमत्कारी उदाहरण आप भूल गये । चलिये मैं उसको भी याद दिला देता हूँ । वह है क्लोन । यानी प्रतिकृति । यानी जेराक्स कापी । डाली भेङ याद है आपको ? ये क्लोन कोशिका से निर्मित किये जाते हैं ।
अब इसका धार्मिक पक्ष सुनिये । हकीम लुकमान वैध का नाम आपने अवश्य सुना होगा । वही इतिहास प्रसिद्ध चिकित्सक जिसने वहम के अतिरिक्त हरेक बीमारी का इलाज खोज लिया था । और जिसके ऊपर ही ये कहावत बनी कि..वहम का इलाज तो लुकमान के पास भी नहीं..इन्होंने अपने ग्यारह हूबहू ऐसे क्लोन बनाये कि मृत्युकाल आने पर यमदूत भी असली को पहचान नहीं पाये । और कई बार लौट गये..। खैर..कथा लम्बी है । इस तरह के क्लोन बनाने वाले धार्मिक इतिहास में कई हुये ।
अंतिम और मुख्य बात..जीता जागता उदाहरण ?? साकार हरि । निराकार हरि उर्फ़ भोले बाबा के नाम से प्रसिद्ध बाबा सच्चा सिद्ध है । यह UP के एटा क्षेत्र में है । TV फ़ेमस कुछ बाबाओं में दस के लगभग अलग अलग स्तर के सिद्ध हैं । हिमालय क्षेत्र । तिब्बतीय क्षेत्र । गंगा किनारे के दुर्गम बीहङ क्षेत्रों में अलग अलग प्रकार के सिद्धों की भरमार है । कैसे चाहिये आपको । अघोरी । नागा । वैश्णव । नाथ । शब साधक । कापालिक । मारण । उच्चाटन । वशीकरण । कंकाल कालिनी साधक..और लिस्ट जानना चाहेंगे । या घबरा गये । अब स्थान सुनिये । मैंनपुरी फ़र्रुखाबाद के बीच । बाबा नीम करोरी सिद्ध आश्रम । एटा में छोटे बङे सरकार की दरगाह ( भूत प्रेत हेतु ) जहाँ कोई उपस्थिति नहीं होता । प्रभावित अपने आप खेलता है ।
मैंनपुरी के पास ही एक कुँआ । जिसमें कुत्ता काटने पर पानी पिलाने मात्र से ठीक । पूरे देश से लोग आते हैं । पचासों साल पुराना प्रमाणित । ये सभी चमत्कारों के लिये अनेक लोगों द्वारा प्रमाणित है । बेबर । ( मैंनपुरी ) की मेरी एक परिचित महिला । जिन औरतों के सिर्फ़ कन्यायें ही पैदा होती है । उनके गारण्टी से पुत्र । अरजी लगाते वक्त ग्यारह रुपये का परसाद और पुत्र होने पर ग्यारह रुपये का परसाद । बाईस रुपये में पुत्र । तीस केस मेरी जानकारी में प्रमाणित । ( दरअसल आजकल औरतों के सर्जरी से बच्चे अधिक होते हैं । जिससे तीन ही बच्चे पैदा हो सकते हैं । ) ऐसी कई औरतें गारन्टी के लिये गयीं । और बात पक्की निकली । एक बैध जी जो दुर्भाग्य से खत्म हो गये । नाङी छूते ही । साइंस की अल्ट्रासाउंड । सी टी स्केन । एम आर आई । एक्सरा सभी फ़ेल थे । उनके सामने । मेरी जानकारी में सौ से अधिक लाइलाज महिलाओं का बांझपन का कलंक हटाकर उनके घर में कई कई बच्चों की किलकारियां गुंजायी । ये भी बेबर किशनी के पास के थे । तो कहने का मतलब चींटी से लेकर हाथी तक । और तुच्छ से लेकर भगवान तक के उदाहरण मौजूद हैं । सवाल ये है कि आपको किसकी जरूरत है ?? धन्यवाद ।

2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

महाराज जी, बहुत बहुत आभार नित नयी नयी जानकारियों से अवगत कराने के लिए, आपकी काफी सारी रोचक कहानियां पढ़ी, मगर काफी दिनों से कोई नयी कहानी पढने को नहीं मिली, सो आपसे अनुरोध है ,कोई नयी कहानी पोस्ट करें .

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

इसी कृम में जोधपुर के श्री रामलाल सयाग जी । जिनका प्रत्येक बृहस्पतिवार को केबल TV पर एक घण्टे का प्रोग्राम आता है । और उनके गुरुभाई जिनके कांख और गुदास्थान जैसे स्थानों से भी खुशबू आती है । इनका सचित्र प्रोगाम आप आराम से टीवी पर देख सकते हैं । एक डिग्री कालेज के प्रोफ़ेसर हैं । जो धूप में किसी को भी उसकी आसमान तक ऊँची छाया दिखाते हैं । ये छाया कैसे सिद्ध होती हैं । सिखाते भी हैं ।