01 नवंबर 2013

क्योंकि Lata को उल्टा करने पर Atal होता है

Chart and Techniques for Hand Reflexology and Massage of Meridian points This Chart and Techniques for Hand Reflexology and Massage of Meridian points shows us where and how to use our own personal power and take charge of our health. Meridians are a set of pathways in the body along which vital energy is said to flow.. and massage and pressure to these points can open the flow of energy throughout our bodies.. and allow for healing and maintaining a healthy physical.. mental and energetic body. Technique You may use all these techniques in one session, or just one technique, e.g. Pressing, or two techniques, e.g. Rubbing and Pressing. 1. Rubbing: Begin by briskly rubbing your hands ( palms ) together to warm them up and generate energy (qi) in them. Also rub the back of each hand ( including fingers ) with the palm of the other hand. 2. Squeezing: Use your thumbpad and outside edge of your index finger to squeeze each finger and thumb on the other hand, one by one, from base to tip. Use firm but not painful pressure. Do this 2-3 times per finger/thumb. 3. Pulling: Use your thumbpad and the outside edge of your index finger to grasp the base of each finger and thumb on the other hand, one by one, then quickly pull down towards the tip while 

maintaining firm but not painful pressure. Do this 2-3 times per finger/thumb. 4. Pressing: Use the tip of your thumbnail to press and stimulate points on the opposite hand. Use this printable hand reflexology chart to locate common hand pressure points. Apply vertical pressure to each point with your thumbnail ( or sometimes your fingernail ) Press until you feel no more than a comfortable pain. Hold the pressure and knead the point with very small circular movements. Do this for 1-2 minutes per point. Repeat 1-2 times a day. Choosing Points for Pressing All hand pressure points are bilateral, i.e. they’re located on both hands. Generally, you would massage 3 or 4 points ( on both 

hands ), 1-2 times a day. Hand pressure points do adapt to stimulation though, so after 7 days stop for 3 or 4 days. If your condition and symptoms persist, continue for another week ( or more ) OR choose new points to press and rub. We haven’t personally tested the theory… but if it’s something we can do for ourselves… even during our lunch hour… We say why not give it a try ? 
Source: Chinese Holistic Health Exercises Originally posted on:
www.nurseland.net
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http://fractalenlightenment.com/12086/artwork/unveiling-the-mystics-of-sacred-geometry
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लता मंगेशकर का कहना है कि - उनकी इच्छा है । मोदी प्रधानमंत्री बनें । मुझे पहले ही शक था कि - लता RSS 

एजेंट हैं । क्योंकि Lata को उल्टा करने पर Atal होता है - दिग्विजय सिंह Rahul Nitr
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ब्राह्मणोश्य मुखमासीद बाहु राजन्य: कृत: । उरु तदश्य यद्ववैश्य: पदभ्यां शूद्रो अजायत ।
इन्ही 4 प्रकार के कार्यो को वैदिक काल में 4 वर्णो में बाँटा गया था । जिन्हे वेद में 4 वर्ण कहा गया हैं । और इन 4 प्रकार के कार्यकलाप करने वाले 4 वर्ण के लोगो को क्रमश - ब्राह्मण । क्षत्रिय । वैश्य तथा शूद्र वर्ण के नाम से पुकारा गया । वेद पूरे समाज को 1 शरीर के रुप मे समझता और उपस्थित करता

है । सर्वांगीण शरीर में मुख्यतः 4 अंग हैं । जिनका मुख्य कार्य भी 4 प्रकार का होता है । 1 सिर । मस्तिष्क या मुख । दूसरा बाहु या भुजायें । तीसरा उदर । और चौथा पैर । मुख या मस्तिष्क शरीर में ज्ञान के आदान प्रदान का काम करता है । बाहु या भुजाऐं शरीर के विभिन्न अंगो की आवश्यकता के अनुसार उस भोजन के सार को सारे शरीर में बिना किसी भेदभाव के वितरण करने का काम कर सकता है । और पैर सारे शरीर को इधर उधर लाने ले जाने या श्रम करने का काम करते हैं । शरीर के इन अंगों में कोई ऊँच नीच का भेदभाव नहीं है । अपितु इन अंगों के काम करने का सामर्थ्य के अनुसार ये अंग अपना अपना काम स्वयं करते हैं । इसी प्रकार समाज भी 1 सर्वांगीण शरीर के रूप 

में है । और समाज में भी प्रमुख रूप में है । और समाज में भी प्रमुख रूप से यही 4 प्रकार के कार्यकलाप चलते हैं । इनमें ज्ञान के आदान प्रदान का काम करने वाले वर्ण को - ब्राह्मण । समाज और राष्ट्र की रक्षा करने वाले को - क्षत्रिय । कृषि, पशुपालन और व्यापार आदि अर्थव्यवस्था संबंधी काम करने वाले को - वैश्य । और समाज की अन्य सभी प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्त्यर्थ काम करने वाले मानव वर्ण को शूद्र वर्ण से कहा गया है । समाज की इसी व्यवस्था को ऋग्वेद के प्रसिद्ध मंत्र में निरूपित किया है ।
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relations are like a book. it takes a few second to burn. but it takes years to write. Girish Aryan
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ॐ सह नाववतु सह नौ भुनक्तु सह वीर्यं करवावहै । तेजस्वि नावधीतमस्तु मां विद्विषावहै ।
- हम दोनों की रक्षा करो । हम दोनों का पालन करो । हम दोनों साथ में रहकर तेजस्वी दैवी कार्य करें । हम दोनों का किया हुआ अध्ययन तेजस्वी और दैवी हो । और हम दोनों परस्पर एक दूसरे का द्वेष न करें ।
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http://www.youtube.com/watch?v=Gy6KbVhTUuE&feature=youtu.be
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दोस्तो ! आज मैं मेरी देश की नाजायज औलादों का इतिहास आपको बताता हूँ । कांग्रेस को मुस्लिमों से प्यार क्यों है ? कांग्रेस का जन्म - आज से 132 साल पहले अफगानिस्तान के गाजी खान ने अंग्रेज़ो के साथ मिलकर

पार्टी बनाई थी । गाजी खान के 3 लड़के थे । सबसे बड़ा - फ़ैजल खान । उसके बाद - सलीम खान । और सबसे छोटा - मोइन खान ( मोतीलाल नेहरू ) फ़ैजल खान 1 बीमारी की वजह से 14 साल की उम्र में ही मर गया । सलीम खान शादी के बाद कश्मीर में रहने लगा । उसी सलीम खान का वंशज की औलाद आज कश्मीर में फ़ारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला है । जो कांग्रेस के साथ है । अब बात आती है - हाजी खान की । हाजी खान ने चुनाव लड़ा । पर कभी जीता नहीं । हाजी खान के मरने के बाद मोइन खान ने हिन्दू धर्म अपना लिया । और मोतीलाल नेहरू बन गया । पर वो भी कभी चुनाव नहीं जीता । उसके बाद मोतीलाल की औलाद नेहरू ने जिन्ना ओर गांधी के साथ मिलकर रणनीति बनाई । जब अंग्रेज़ 1947 में देश छोड़ रहे थे । जिन्ना को पाकिस्तान का पी एम बनाया जाएगा । और नेहरु को इंडिया का पी एम बनाया जाएगा । पर जनता सरदार पटेल को पी एम बनाना चाहती थी । पर गांधी ने नेहरू का साथ दिया । और नेहरू को पी एम बना दिया । फिर नेहरू की बेटी इंदिरा । जो फिरोज खान से निकाह किया था । फिर वो मुसलमान बन गए । पर गांधी ने इंदिरा को अपना नाम दे दिया । उसी दिन से ये मुल्ले गांधी का नाम लगाकर देश को लूट रहे है । फिरोज खान के बाद राजीव खान । राजीव खान के बाद सोनिया खान । सोनिया खान के बाद अब राहुल खान । इस पोस्ट को इतना शेयर करो दोस्तो कि इस नकली गांधी परिवार का सच पूरे देश को पता चले । जो अपने खानदान को त्याग और बलिदान का खानदान बताते हैं । वन्दे मातरम । द्वारा Anurag Goel
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ये सारी करामात टी वी के आकर्षण की है । टी वी का आविष्कार लोगों को गुलाम बनाकर रखने के लिए किया गया था । ये 1 ऐसी मशीन है । जो आपके " क्रिटिकल थिंकिंग " वाले लेफ्ट ब्रेन को निष्क्रिय कर देती है । ताकि आप जो देखें । उसके लिए submissive response ही दें । राजीव भाई ने ये बहुत अच्छी तरह से समझाया है । Vatsal Anand
http://www.youtube.com/watch?v=OdCVRsj38vY
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http://herbalsatt.blogspot.com/2011/01/19-arjuna.html
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https://www.facebook.com/photo.php?fbid=536387226447691&set=a.313338668752549.73826.313312622088487&type=1&theater
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एक REXONA नाम की लड़की थी

इंदिरा गांधी के बलिदान दिवस पर मेरी ओर से इस इस गांधी/नेहरू परिवार की 1 और सच्चाई आपके सामने है । आप खुद फैसला करें । यह महिला कितनी महान थी ? The Nehru Dynasty ( ISBN 10:8186092005  ) किताब में के. एन. राव कहते हैं - इंदिरा गाँधी ( श्रीमती फिरोज खान ) का जो दूसरा बेटा था - संजय गाँधी । वो फिरोज खान की औलाद नहीं था । बल्कि वो 1 दूसरे महानुभाव मोहम्मद युनुस के साथ अवैध संबंधों के चलते हुए था । दिलचस्प बात ये है कि संजय गाँधी की शादी 1 सिखनी मेनका के साथ मोहम्मद युनुस के ही घर पर दिल्ली में हुई थी । जाहिर तौर पर युनुस इस शादी से ज्यादा खुश नहीं था । क्योंकि वो संजय की शादी अपनी पसंद की 1 मुस्लिम लड़की से करवाना चाहता था । जब संजय गाँधी की प्लेन दुर्घटना में मौत हुई । तब मोहम्मद युनुस ही

सबसे ज्यादा रोया था । युनुस की लिखी 1 किताब " Persons, Passions & Politics ” ( ISBN-10: 0706910176 ) से साफ़ पता चलता है कि बचपन में संजय गाँधी का मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार खतना किया गया था । ( खतना - जिसमें उनके लिंग के आगे के कुछ भाग को थोडा सा काट दिया जाता है ) यह सच है कि संजय गांधी लगातार अपनी मां इंदिरा गांधी को अपने असली पिता के नाम पर ब्लैकमेल किया करता था । संजय का अपनी माँ पर पर गहरा भावनात्मक नियंत्रण था । जिसका संजय ने जमकर दुरूपयोग किया । इंदिरा गांधी भी उसकी इन सब बातों ( कुकर्मों ) को नजरअंदाज करती रही । और संजय परोक्ष रूप से सरकार नियंत्रित किया करता था । 1 माँ के ममत्व के लिए कलंकित 1 उदाहरण - जब संजय गाँधी की प्लेन दुर्घंतना के साथ उसकी मौत की खबर इंदिरा गाँधी तक पहुंची । तो इंदिरा गाँधी के पहले बोल थे - उसकी घडी और चाबियाँ कहाँ हैं ? अवश्य ही उन वस्तुओं में भी इस खानदान के कुछ राज छुपे हुए होंगे । 1 बात और । संजय गाँधी की प्लेन दुर्घटना भी पूर्ण रूप से रहस्यमय थी । संजय गाधी का प्लेन गोता लगते हुए बिना किसी चीज से टकराए क्रेश हो गया । ऐसा सिर्फ उस स्थिति में होता है । जब विमान में ईंधन ख़तम हो जाये । लेकिन उस समय का उड़ान रजिस्टर बताता है कि उड़ने से पहले ही टेंक पूरा भरा गया था । और बाद में इंदिरा गाँधी ने अपने प्रभाव का इन्स्तेमाल करते हुए जाँच निषिद्ध कर दी । दुबारा से श्रीमती इंदिरा गाँधी के प्यार के किस्सों पर आते हैं । केथरीन फ्रेंक की 1 किताब " The Life of Indira Nehru Gandhi  ” ( ISBN -  9780007259304 ) में इंदिरा गाँधी के कुछ दूसरे प्यार के 

किस्से उजागर होते हैं । ये लिखा गया है कि इंदिरा गाँधी का पहला चक्कर पहली बार अपने जर्मन के अध्यापक के साथ चला था ।  बाद में अपने बाप जवाहर लाल के सेक्रेट्री एम ओ मैथई के साथ भी उसका प्रेम परवान चढ़ा ।
फिर अपने योग के अध्यापक धीरेन्द्र ब्रह्मचारी और उसके बाद विदेश मंत्री दिनेश सिंह के साथ इनका प्रेम परवान चढ़ा । पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी पुस्तक " Profile and Letters ” ( ISBN - 8129102358 ) में मुगलों के प्रति इंदिरा गांधी का आदर के संबंध के बारे में 1 दिलचस्प रहस्योदघाटन किया । इसमें कहा गया कि जब 1968 में प्रधान मंत्री रहते इंदिरा गाँधी अफगानिस्तान की अधिकारिक यात्रा पर गयी । तब नटवर सिंह उनके साथ 1 आई. एफ़. एस. अधिकारी के तौर पर गए हुए थे । दिन के सभी कार्यक्रमों के बाद इंदिरा गाँधी सैर के लिए जाना चाहती थी । थोड़ी दूर तक कार में चलने के बाद इंदिरा गाँधी ने बाबर की दफनगाह को देखने की इच्छा जाहिर की । हालांकि ये उनके कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थी । अफगानी सुरक्षा अधिकारियों ने भी इंदिरा को ऐसा न करने की सलाह दी । लेकिन इंदिरा अपनी बात पर अड़ी हुई थी । और अंत में इंदिरा उस जगह पर गयी । यह 1 सुनसान जगह थी । वह वहां कुछ देर तक अपना सिर श्रद्धा में झुकाए खड़ी रही । नटवर सिंह वहीँ उसके पीछे खड़ा था । जब इंदिरा गाँधी का ये सब पूजा का कार्यक्रम खत्म हुआ । तब वो मुड़ी । और नटवर सिंह से बोली - आज वो अपने इतिहास से मिलकर आई है । किसी को अगर समझ न आया हो । तो बता दूँ कि बाबर को ही हिंदुस्तान में 

मुग़ल सल्तनत का संस्थापक मन जाता है । और ये गाँधी नेहरु का ड्रामा उसके बाद ही शुरू हुआ था । उच्च शिक्षा के कितने संस्थानों के नाम इस परिवार और इनके चापलूसों ने राजीव गाँधी के नाम पर रख दिए । इसकी गिनती करना तो बहुत मुश्किल काम है । लेकिन अपने जीवन में राजीव गाँधी खुद 1 कम क्षमता और पढ़ाई में कमज़ोर था । 1962 से 1965 तक उसने ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज में 1 यांत्रिक अभियांत्रिकी पाठ्यक्रम के लिए दाखिला लिया था । लेकिन उसने डिग्री के बिना कैम्ब्रिज छोड़ दिया । क्योंकि वह परीक्षा पास नहीं कर सका । 1966 में अगले वर्ष, वह इंपीरियल कॉलेज, लंदन में दाखिल हुआ । लेकिन फिर से डिग्री के बिना छोड़ दिया । जय हिन्द !
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अदरक । अदरक रूखा, तीखा, उष्ण तीक्ष्ण होने के कारण कफ तथा वात का नाश करता है । पित्त को बढ़ाता है ।

इसका अधिक सेवन रक्त की पुष्टि करता है । यह उत्तम आम पाचक है । भारतवासियों को यह सात्म्य होने के कारण भोजन में रूचि बढ़ाने के लिए इसका सार्वजनिक उपयोग किया जाता है । आम से उत्पन्न होने वाले अजीर्ण, अफरा, शूल, उलटी आदि में तथा कफजन्य सर्दी खाँसी में अदरक बहुत उपयोगी है । सावधानी - रक्तपित्त, उच्च रक्तचाप, अल्सर, रक्तस्राव व कोढ़ में अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए । अदरक साक्षात अग्नि रूप है । इसलिए इसे कभी फ्रिज में नहीं रखना चाहिए । ऐसा करने से इसका अग्नि तत्त्व नष्ट हो जाता है । औषधि प्रयोग - उलटी - अदरक व प्याज का रस समान मात्रा में मिलाकर 3-3 घंटे के अंतर से 1-1 चम्मच लेने से अथवा अदरक के रस में मिश्री में मिलाकर पीने से उलटी होना व जी मिचलाना बन्द होता है । हृदय रोग - अदरक के रस व पानी सम भाग मिलाकर पीने से हृदय रोग में लाभ होता है । मंदाग्नि - अदरक के रस में नींबू व सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से जठराग्नि तीव्र होती है । उदरशूल - 5 ग्राम अदरक, 5 ग्राम पुदीने के रस में थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर पीने से उदरशूल मिटता है । शीत ज्वर - अदरक व पुदीने का काढ़ा देने से पसीना आकर ज्वर उतर जाता है । शीत ज्वर में लाभप्रद है । पेट की गैस - आधा चम्मच अदरक के रस में हींग और काला नमक मिलाकर खाने से गैस की तकलीफ दूर होती है । सर्दी खाँसी - 20 ग्राम अदरक का रस 2 चम्मच शहद के साथ सुबह शाम लें । वात कफ प्रकृति वाले के लिए अदरक व पुदीना विशेष लाभदायक है । खाँसी एवं श्वास के रोग - अदरक और तुलसी के रस में शहद मिलाकर लें ।
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ये मरजीवा अमृत पिवा, क्या धँसी मारसि पतार ।
गुरु की दया साधु की संगति, निकरि आव यही द्वार । 
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Waking up to who you are requires letting go of who you imagine yourself to be.
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Wonderful words - If you want a happy ending,
You MUST know where to end the story.
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http://www.hindujagruti.org/hindi/news/3579.html
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http://en.wikipedia.org/wiki/C/2012_S1
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वैसे इसे प्रलाप के बजाय " विधवा प्रलाप " कहना उचित है । क्योंकि जैसे मुसलमानों के पास - कुरआन,

मुहम्मद और स्वर्ग से ज्यादा कुछ नहीं । जैसे ईसाईयों के पास - बाइबल, ईसामसीह और स्वर्ग से ज्यादा कुछ नहीं । जैसे सिखों के पास - गुरुग्रन्थ साहब, गुरुनानक और अज्ञात गुरुधाम ? से ज्यादा कुछ नहीं । जैसे हिन्दुओं के पास - अनेकों पोथियां, अनेकों गुरु और स्व कल्पित स्वर्ग, विष्णु लोक, गोलोक आदि आदि से ज्यादा कुछ नहीं । वैसे ही इन वर्तमान आर्य समाजियों के पास - ( सिर्फ़ दयानन्द कृत या समर्थित ) ऋग्वेद, दयानन्द और प्राप्ति..? मुझे ज्ञात नहीं । से ज्यादा कुछ नहीं है । 
- विधवा प्रलाप से आशय उस स्त्री की भावना के समान है । जो स्वामी रहित होकर सिर्फ़ वैचारिकता आधारित काल्पनिक चित्र बनाती हुयी सुख दुख महसूस करने को विवश है । क्योंकि अब उसका स्वामी काल्पनिक ही रह गया । व्यवहार और अनुभूति के तल पर उपस्थिति नहीं है । गौर करिये । तमाम वैश्विक धार्मिक भावनायें अधिकांशतः यहीं तक सीमित हैं ।
http://searchoftruth-rajeev.blogspot.in/2013/10/blog-post_30.html
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आप प्रश्न कर सकते हैं - मेरे मार्ग, पुस्तक या प्राप्ति आदि आदि के बारे में । तो सुनिये - हम न मरिह मरिहे संसारा । हमको मिला जियावन हारा । जा मरिवै में जग डरे मेरे मन आनन्द । मरने ही से पाईये पूरा परमानन्द । मरन मरन सब कोइ कहे मरन न जाने कोय । एक बार ऐसे मरो । फ़ेर मरन ना होय । तू कहता कागज की लेखी । मैं कहता आँखन की देखी । मसि कागद छुओ नहीं कलम गही न हाथ । सब धरती कागद करों लेखन सब वनराइ । सब समुद्र की मसि करों गुरु गुन लिखा न जाय । सन्तन की महिमा रघुराई । बहु विधि वेद पुरानन गाई ।
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वर्तमान आर्य समाजियों के पास - पुस्तक है । उसमें मनमानी टीका भी है । ऋषि ( शब्द पर गौर करें ) दयानन्द भी हैं । व्यर्थ अहम भी है । कट्टरता भी है । बस नहीं है तो सिर्फ़ - परमात्मा । शाश्वत ज्ञान । परम सत्य । क्योंकि ये सब शास्त्रों में नहीं । भक्त मनुष्य के अन्दर हैं ।
कस्तूरी कुंडल बसै मृग खोजे वन मांहि । 
ऐसे घट घट राम हैं दुनियां जाने नाहिं । 
हर घट तेरा साईयां सेज न सूना कोय ।
बलिहारी उन घटन की जिन घट परगट होय ।
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एक REXONA नाम की लड़की थी । जिसके मम्मी पापा का नाम DAYNA और CINTHOL था । एक 

MARGO नाम का लड़का था । जो REXONA को प्यार करता था । और REXONA भी MARGO को अपना LIFEBOY बनाना चाहती थी । दोनों का प्यार PEARS की तरह बिलकुल साफ था । दोनों की शादी FAIR & LOVELY गार्डन में हुई ।
शादी में -DETOL, MEDIMIX, LUX, FAA, NIRMA, VIVEL, DOVE Etc . आते हैं । शादी के कुछ साल बाद उनके जुड़वाँ बच्चे हुए । जिनका नाम होता है - JOHNSON & JOHNSON. हंसो मत..ये एक तरीका था । आपको बताने का कि बाजार में साबुन की पूरी family है । किसी एक member को पकड़ो । और नहा लो । मैं हूँ हिन्दूस्तानी ।
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If there is peace in your mind you will find peace with everybody. If your mind is agitated you will find agitation everywhere. So first find peace within and you will see this inner peace reflected everywhere else. You are this peace! You are happiness, find out. Where else will you find peace if not within you ? Papaji
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http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/10/131031_ias_political_boss_ap.shtml
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http://navbharattimes.indiatimes.com/india/national-india/parakhs-explosive-letter-nails-mafia-within-coal-ministry/articleshow/24712614.cms
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http://ca.news.yahoo.com/video/ufo-over-virginia-usa-124511340.html
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डॉ जाकिर नाइक ने जिस मौलाना की किताब से ये बातें चुराई हैं । वो कोई ऐसा वैसा मोमिन नहीं है । वो 1 ऐसे 

फिरके ( वर्ग ) से है । जिसे मुसलमानों का कोई फिरका मुसलमान नहीं समझता । यहाँ तक कि उन्हें काफिरों से भी बदतर समझा जाता है । और सब मुस्लिम मुल्कों में उस पर पाबंदी है । जी हाँ ! यह फिरका कादियानी मुसलमानों ( ? ) का है । जिसे अहमदी भी कहा जाता है । तो बात यह है कि मौलाना अब्दुल हक, जिसकी किताब से जाकिर भाई ने चोरी की है । वो 1 कादियानी/अहमदी मुसलमान है । जिसको खुद जाकिर भाई भी मुसलमान नहीं समझते । जाकिर भाई खुले तौर पर कादियानियों को काफिर बोलते हैं । मिसाल के तौर पर इस लिंक को देखें -
http://www.youtube.com/watch?v=8TUek3ZthYA
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मुसलमान दोस्त क्यों कादियानियों से नफरत करते हैं ? असल में कादियानी फिरका मुहम्मद साहब को आखिरी पैगम्बर नहीं समझता । यह फिरका 19वीं सदी के 1 आदमी मिर्ज़ा गुलाम अहमद कादियानी ने चलाया था । जिसने आम मुसलमानों की मुखालफत ( विरोध ) करते हुए खुद को मसीहा कहा था । और साथ ही यह भी दावा किया कि उस पर भी अल्लाह के इल्हाम उतरते हैं । जैसे मुहम्मद पर उतरा करते थे । तो इस तरह कादियानी मुहम्मद को आखिरी पैगम्बर नहीं मानते । यही नहीं । कादियानी फिरके के लोग यह भरोसा रखते हैं कि राम, कृष्ण, बुद्ध, गुरु नानक वगैरह भी अल्लाह के पैगम्बर थे । इसके साथ ही यह फिरका कल्कि अवतार ( अल्लाह का इंसान बनके धरती पर आना ) को आखिरी नबी बताता है । मिर्जा गुलाम अहमद कादियानी को अपनी नबुव्वत पर इतना भरोसा था कि उसने उन लोगों को दोजख की धमकी दी । जो उसमें ईमान नहीं लाये । चक्रपाणि त्रिपाठी
http://www.youtube.com/watch?v=8TUek3ZthYA
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http://www.billionbibles.org/sharia/muhammad-false-prophet.html
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देखिये ! क्रियात्मक सनातन धर्म भक्ति के प्रति ना जानकार लोग मेरे तथ्यों कथनों से विचलित हो सकते हैं । पर मैं जो कुछ कहता हूँ । मानव धर्म के लिये कहता हूँ । न कि किसी धर्म विशेष के प्रति । क्या ये दावे से कहा जा सकता है कि सिर्फ़ 20 000 वर्ष पहले यही या कोई 1 धर्म किस रूप में स्थापित था ? क्या धर्म सिर्फ़ 20 000 की आयु वाला है । या सृष्टि कुछ ही हजार साल आयु की है । अतः किसी भावना विशेष के बजाय स्वस्थ चिन्तन के नजरिये से सोचें । इसमें अगर कुछ गलत हो । तो निसंकोच बतायें । राजीव कुलश्रेष्ठ
http://searchoftruth-rajeev.blogspot.in/2013/10/blog-post_30.html
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http://www.youtube.com/watch?v=0i1IuRsP0Rs
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http://vaticproject.blogspot.com/2013/10/vatic-alert-update-1030-typhoon.html

30 अक्टूबर 2013

सर्प काट लेने पर आसान चिकित्सा

LAYS चिप्स के पैकेट में जो E631 लिखा है । वह दरअसल सुअर की चर्बी है । कमाल है । शायद ही कोई भारतीय परिवार चिप्स आदि से बच पाया होगा । बात हो रही E631 की । जिस किसी भी पदार्थ पर लिखा दिखे - E631 तो समझ लीजिए कि उसमें सूअर की चर्बी है । गूगल से पता चला कि कुछ अरसे पहले यह हंगामा पाकिस्तान में हुआ था । जिस पर ढेरों आरोप और सफाईयां दस्तावेजों सहित मौजूद हैं । हैरत की बात यह दिखी कि इस पदार्थ को कई देशों में प्रतिबंधित किया गया है । किन्तु अपने देश में धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है । मूल तौर पर यह पदार्थ सूअर की चर्बी से प्राप्त होता है । और ज्यादातर नूडल्स, चिप्स में स्वाद बढाने के लिए किया जाता है । रसायन शास्त्र में इसे Disodium Inosinate कहा जाता है । जिसका सूत्र है - C10H11N4Na2O8P1 होता यह है कि अधिकतर ( ठंडे ) पश्चिमी देशों में सूअर का मांस बहुत पसंद किया जाता है । वहाँ तो बाकायदा इसके लिए हजारों की तादाद में सूअर फार्म हैं । सूअर ही ऐसा प्राणी है । जिसमें सभी जानवरों से अधिक चर्बी होती है । दिक्कत यह है कि - 

चर्बी से बचते हैं लोग । तो फिर इस बेकार चर्बी का क्या किया जाए ? पहले तो इसे जला दिया जाता था । लेकिन फिर दिमाग दौड़ाकर इसका उपयोग साबुन वगैरह में किया गया । और यह हिट रहा । फिर तो इसका व्यापारिक जाल बन गया । और तरह तरह के उपयोग होने लगे । नाम दिया गया - पिग फैट । 1857 का वर्ष तो याद होगा आपको ? उस समय काल में बंदूकों की गोलियां पश्चिमी देशों से भारतीय उप महाद्वीप में समुद्री राह से भेजी जाती थीं । और उस महीनों लम्बे सफ़र में समुद्री आबोहवा से गोलियां खराब हो जाती थीं । तब उन पर सूअर चर्बी की परत चढ़ाकर भेजा जाने लगा । लेकिन गोलियां भरने के पहले उस परत को दांतों से काटकर अलग किया जाना होता था । यह तथ्य सामने आते ही जो क्रोध फैला । उसकी परिणति 1857 की क्रांति में हुई बताई जाती है । इससे परेशान हो अब इसे नाम दिया गया -

एनिमल फैट । मुस्लिम देशों में इसे गाय या भेड़ की चर्बी कह प्रचारित किया गया । लेकिन इसके हलाल न होने से असंतोष थमा नहीं । और इसे प्रतिबंधित कर दिया गया । बहुराष्ट्रीय कंपनियों की नींद उड़ गई । आखिर उनका 75% कमाई मारी जा रही थी । इन बातों से । हारकर 1 राह निकाली गई । अब गुप्त संकेतों वाली भाषा का उपयोग करने की सोची गई । जिसे केवल संबंधित विभाग ही जानें कि यह क्या है । आम उपभोक्ता अनजान रह सब हजम करता रहे । तब जनम हुआ E कोड का । तबसे यह E631 पदार्थ कई चीजों में उपयोग किया जाने लगा । जिसमें मुख्य हैं - टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, च्युंगगम, चाकलेट, मिठाई, बिस्कुट, कोर्न फ्लैक्स, टाफी, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ आदि । सूची में और भी नाम हो सकते हैं । हाँ ! कुछ मल्टी विटामिन की गोलियों में भी यह पदार्थ होता है । शिशुओं, किशोरों सहित अस्थमा और गठिया के रोगियों 

को इस E631 पदार्थ मिश्रित सामग्री को उपयोग नहीं करने की सलाह है । लेकिन कम्पनियाँ कहती हैं कि इसकी कम मात्रा होने से कुछ नहीं होता । पिछले वर्ष खुशदीप सहगल जी ने 1 पोस्ट में बताया था कि - कुरकुरे में प्लास्टिक होने की खबर है । चाहें तो 1-2 टुकड़ों को जलाकर देख लें । मैंने वैसा किया । और पिघलते टपकते कुरकुरे को देख हैरान हो गया । अब लग रहा कि कहीं वह चर्बी का प्रभाव तो नहीं था ? अब बताया तो यही जा रहा है कि जहां भी किसी पदार्थ पर लिखा दिखे - E100, E110, E120, E 140, E141, E153, E210, E213, E214, E216, E234, E252,E270, E280, E325, E326, E327, E334, E335, E336, E337, E422, E430, E431, E432, E433, E434, E435, E436, E440, E470, E471, E472, E473, E474, E475,E476, E477, E478, E481, E482, E483, E491, E492, E493, E494, E495, E542,E570, E572, E631, E635, E904  तो समझ लीजिए कि उसमे सूअर की चर्बी है ।
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सर्पदंश का विष नष्ट करने हेतु सरल उपाय - 1 - तपाये हुए लोहे से डंक वाले भाग को जला देने से नाग का प्राण घातक जहर भी उतर जाता है । 2 - सर्पदंश की जगह पर तुरंत चीरा करके विष युक्त रक्त निकालकर पोटेशियम

परमैंगनेट भर देने से जहर फैलना । एवं चढ़ना बंद हो जाता है । साथ में मदनफल ( मिंडल ) का 1 तोला चूर्ण गरम या ठण्डे पानी में पिला देने से वमन होकर सर्प विष निकल जाता है । मिचाईकंद का टुकड़ा 2 ग्राम मात्रा में घिसकर पिलाना तथा दंशस्थल पर लेप करना सर्प विष की अक्सीर दवा है । 4 - मेष राशि का सूर्य होने पर नीम के 2 पत्तों के साथ 1 मसूर का दाना चबाकर खा जाने से उस दिन से लेकर 1 वर्ष तक साँप काटे । तो उसका जहर नहीं चढ़ता । साँप के काटने पर शीघ्र ही तुलसी का सेवन करने से जहर उतर जाता है । एवं प्राणों की रक्षा होती है ।
जहर पी लेने पर - कितना भी खतरनाक विष पान किया हो । नीम का रस अधिक मात्रा में पिलाकर या घोड़ावज ( वच ) का चूर्ण या मदनफल का चूर्ण या मुलहठी का चूर्ण या कड़वी तुम्बी के गर्भ का चूर्ण 1 तोला मात्रा में पिलाकर वमन ( उलटी ) कराने से लाभ होगा । जब तक नीला नीला पित्त बाहर न निकले । तब तक वमन कराते रहें ।

अनुभूत प्रयोग - जिस व्यक्ति को सर्प ने काटा हो । उसे कड़वे नीम के पत्ते खिलायें । यदि पत्ते कड़वे न लगें । तो समझें कि सर्प विष चढ़ा है । 6 सशक्त व्यक्तियों को बुलाकर - 2 व्यक्ति मरीज के 2 हाथ । 2 व्यक्ति 2 पैर । एवं 1 व्यक्ति पीछे बैठकर । उसके सिर को पकड़े रखे । उसे सीधा सुला दें । एवं इस प्रकार पकड़ें कि वह जरा भी हिल न सके । इसके बाद पीपल के हरे चमकदार 20-25 पत्तों की डाली मँगवाकर उसके 2 पत्ते लें । फ़िर - सुपर्णा पक्षपातेन भूमिं गच्छ महाविष । मंत्र जपते हुए पत्तों के डंठल को दूध निकलने वाले सिरे से धीरे धीरे मरीज के कानों में इस प्रकार डालें कि डंठल का उँगली के तीसरे हिस्से जितना भाग ही अंदर जाय । अन्यथा कान के परदे को हानि पहुँच सकती है । जैसे ही डंठल का सिरा कान में डालेंगे । वह अंदर खिंचने लगेगा । व मरीज पीडा से खूब चिल्लाने लगेगा । उठकर पत्तों को निकालने की कोशिश करेगा । सशक्त व्यक्ति उसे कसकर पकड़े रहें । एवं हिलने न दें । डंठल को भी कसकर पकड़े रहें । खिंचने पर ज्यादा अंदर न जानें दें । जब तक मरीज चिल्लाना बंद न कर दे । तब तक 2-2 मिनट के अंतर से पत्ते बदलकर इसी प्रकार कान में डालते रहें । सारा जहर पत्तें खींच लेंगे । धीरे धीरे पूरा जहर उतर जायेगा । तब मरीज शांत हो जायेगा । यदि डंठल डालने पर भी मरीज शांत रहे । तो जहर उतर गया है । ऐसा समझें । जहर उतर जाने पर नमक खिलाने से खारा लगे । तो समझें कि पूरा जहर उतर गया है । मरीज को राहत होने पर 100 से 150 ग्राम शुद्ध घी में 10-12 काली मिर्च पीसकर वह मिश्रण पिला दें । एवं कानों में बिल्वादि तेल की बूँदे डाल दें । ताकि कान न पकें । कम से कम 12 घण्टे तक मरीज को सोने न दें । उपयोग में आये पत्तों को या तो जला दें । या जमीन में गाड़ दें । क्योंकि उन्हें कोई जानवर खाये । तो मर जायेगा । इस प्रयोग के द्वारा बहुत मनुष्यों को मौत को मुख में से वापस लाया गया है । भले ही व्यक्ति बेहोश हो गया हो । या नाक बैठ गयी हो । फिर भी जब तक जीवित हो । तब तक यह प्रयोग चमत्कारिक रूप से काम करता है । सनातन सपूत कट्टर हिन्दू रामसेवक भारत
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कुछ दिन पहले इरान के परमाणु कार्यक्रम से जुङे 1 वैज्ञानिक की मौत ने पूरे विश्व को अपनी और खीँचा था । परन्तु ये बहुत ही कम लोगोँ को पता होगा कि भारत के सर्वोच्च प्रतिष्ठित परमाणु प्रतिष्ठान बार्क मेँ पिछले 3 वर्षोँ मेँ 9 भारतीय वैज्ञानिकोँ की मौत हो चुकी है । इरान की सरकार ने इस घटना से सबक लेकर अपने सभी 

वैज्ञानिकोँ को कङी सुरक्षा उपलब्ध करवाई । परन्तु भारतीय संस्थान मेँ स्थिति इसके बिलकुल विपरीत है । सबसे दुःखद बात तो ये है कि भारतीय जनता को इसकी कानों कान खबर तक नहीँ है । यही नहीँ केरल पुलिस और एजेँसीज भारतीय वैज्ञानिकोँ पर झूठे आरोप लगाते हैँ । यदि जानकार सूत्रोँ पर विश्वास किया जाए । तो पाकिस्तान की खुफिया एजेँसी ISI भारत की सुरक्षा व्यव्स्था पर बहुत गहराई तक सेँध लगा चुकी है । अमेरिका और बहुत से देशोँ की नजर हमारे परमाणु कार्यक्रमोँ को खत्म करने मेँ लगी हुई है । हाल ही मेँ बार्क के 2 प्रमुख इंजीनियर KK Ghosh तथा Abhish Shivam के शव 7 अक्टूबर को विशाखापटनम नौसैनिक यार्ड के पास रेल पटरी पर पङे मिले । दोनोँ वैज्ञानिक भारत द्वारा स्वदेशी तकनीक से विकसित परमाणविक पन्डूब्बी पर काम कर रहे थे । पुलिस के मुताबिक दोनोँ वैज्ञानिकोँ की हत्या जहर देकर की गयी थी । चौँकाने की बात ये है कि इतने प्रमुख वैज्ञानिकोँ की मौत को मीडिया मेँ जगह नहीँ मिली । दोनोँ की हत्याओँ को पुलिस ने 1 मामूली एक्सीडेँट का रुप देकर ठंडे बस्ते मेँ डाल दिया । अथवा मामला रफा दफा कर दिया । पिछले 5 वर्षोँ मेँ बार्क मेँ कम से कम 1 दर्जन वैज्ञानिकोँ, इंजीनियरोँ, और तकनीशियनोँ को मौत हो चुकी है । और सबमेँ GOI का ढुल मुल रवैया देखने को मिला है । सभी मृत वैज्ञानिक अति गोपनीय व अति महत्तवपूर्ण Project पर कार्यरत थे । इन हत्याओँ के तरीके को देखकर लगता है कि कोई बाहरी संगठन बहुत ही सुनियोजित साजिश के तहत इन हत्याओँ को अंजाम दे रहा है । आप ही बताएँ कि ये वैज्ञानिक अपने क्षेत्र मेँ देश के सर्वोच्च सम्मान के हकदार थे । या ऐसी मृत्यु के ? यहाँ 1 प्रश्न यह भी उठता है कि इन सभी Projects और वैज्ञानिकोँ की जानकारी ISI और विदेशियोँ को कौन उपलब्ध करवा रहा है ? क्योँकि ऐसे गोपनीय और महत्तवपूर्ण कार्योँ की खबर GOI और कुछ महत्तवपूर्ण वैज्ञानिकोँ के अलावा और किसी को नहीँ होती ।
तो कौन है - वो सुअर गद्दार ? शक की सुई तो सीधे GOI पर ही घूमती है । इसके आगे आप समझदार हैँ । कृपया अधिक से अधिक शेयर करेँ । और देश की जनता को इसके बारे मेँ अधिक से अधिक जानकारी देँ । धन्यवाद । जय हिन्द । वन्दे मातरम । आर्यावर्त भरतखण्ड संस्कृति
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1 मोबाइल कंपनी का सेल्समैन दस्त शुरू होने पर डाक्टर के पास पहुँच कर बोला - डाक्टर ! सुबह से ही अनलिमिटेड आउटगोइंग चल रही है । अंदर से नई नई रिंगटोन सुनाई दे रही है । पेट में बेंलैंस भी खत्म हो गया है । छोटा रीचार्ज भी करता हूँ । तो 5 मिनट में ही डिस्चार्ज हो जाता है । कृपया इस स्कीम को किसी भी तरह बंद करें ।
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http://www.meatfreeindia.com/h28.php
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http://fractalenlightenment.com/7902/spirituality/awakening-your-seven-major-chakras
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भारतीय जड़ी बूटी, औषधियों का सम्पूर्ण विवरण चित्रों के साथ इलेक्ट्रोनिक बुक ( ई-बुक ) रूप में
http://prakriti-farms.org/downloads/MedicinalAndAromaticPlants.chm

29 अक्टूबर 2013

बहू के पीछे छोडा गया बिना पैसे का जासूस

निर्दोष है राहुल । धोबी ने भरे थे कान - 1 सुबह शीर्षासन करने के बाद पसीने से नहाये राहुल अपने सरकारी निवास के अहाते में बैठे आरेंज जूस की चुस्कियां भर रहे थे । तभी उन्होंने 1 व्यक्ति को बड़ी सी गठरी लिए उनके घर से निकलते देखा । राहुल ने उसे आवाज देकर बुलाया । और पूछा कि - वो कौन है । उसने घबराते हुए कहा - मैं धोबी हूँ हजूर । अब सामान्य गृहस्थ कर्म से कोसों दूर रहे राहुल अपने दिमागी शब्दकोश में धोबी का अर्थ तलाशने लगा । उनकी परेशानी दूर करते हुए धोबी ने अपनी तथाकथित अंग्रेजी में कहा - मैं क्लीन करता हूँ मालिक । क्लीन शब्द सुनते ही राहुल सारा माजरा समझ गए कि यह शायद " क्लीन चिट " देने वाला कोई CBI या किसी खुफिया विभाग का आदमी है ।
राहुल ने मुस्कुराते हुए पूछा - किसी फाइल की " ग्रामर चैक " कराने आये हो । अब ‘ग्रामर’ शब्द ने धोबी को पसोपेश में डाल दिया । अतः धोबी ने समझा कि राहुल उसके गांव या ग्राम के हालातों पर बात कर रहे हैं । संयोग से, वो धोबी मूल रूप से मुजफ्परनगर हिंसा पीड़ित 1 गांव का था । उसने कहा - क्या बताऊं हजूर ! मुजफ्फरनगर में बहुत बुरा हुआ । इतना दंगा फैला कि हमें शक है कि कहीं पाकिस्तान चुपके से इसका नाजायज फायदा न उठा ले । इस पर राहुल ने कहा - वो ( मानस CBI कर्मी ) मामले पर नज़र रखे । इससे अवाक धोबी " हाँ सरकार " कह जान छुड़ाकर चला गया । Nitin Mathur
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मित्रो ! सूर्य का रंग क्या है ? आप सभी का उत्तर 1 ही होगा - भगवा । अब यदि अल्लाह का अस्तित्व होता । तो धरती को प्राण देने, पूरी सृष्टि में जीवन का संचार करने वाले भगवान सूर्य नारायण को वो हरे रंग में रंगता ।
खैर.. जो भगवा के लिए स्वयं को तपा दें । स्वयं की आहुति दे । स्वयं को जो बलिदान कर दे । या पूर्ण रूप से समर्पित कर दे । वही भगवान है । परन्तु परमात्मा इससे भिन्न है । बूँद गिलास में गिरे तो गिलास का पानी बन जाती है । छोटी धारा में गिरे तो झील बन जाती है । बड़ी धारा में वो तालाब बन जाती है । उससे भी बड़ी धारा में गिरे तो वो नदी बन जाती है । पर अथाह समुद्र में 1 बूँद क्या 1 नदी का भी कोई महत्व नहीं । क्योंकि समुद्र किसी 1 नदी, जलराशि का मोहताज नहीं । इसलिए समुद्र का कोई ओर छोर नहीं । ऐसे ही परमात्मा के समक्ष हम छोटी छोटी आत्माओं का कोई महत्व नहीं । वो परमात्मा अलग है । और आत्मा अलग है । इसलिए उसे परम आत्मा - परमात्मा कहा गया है । Hindurashtra
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नमस्कार मित्रो ! आज मैं आपको 1 महत्वपूर्ण बात बताने जा रहा हूँ । जब भी आप कोई नया कंप्यूटर या

लैपटाप खरीदने जाते हैं । तो अगर आप विंडोज वाला कंप्यूटर लेते हैं । यानी वो कम्प्यूटर या लेपटोप जिसमें विंडोज पहले से इंस्टाल आती है । तो आपको उसके ढाई से 3000  रूपये ज्यादा देने पड़ते हैं । जो कि विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम की लाइसेंस फीस होती हैं । और वे रुपये अमेरिका चले जाते हैं - माइक्रोसॉफ्ट के पास । लेकिन अगर आप वही लैपटॉप या कंप्यूटर लाइनक्स या डॉस आपरेटिंग सिस्टम के साथ खरीदते हैं । तो आपको कंप्यूटर बहुत सस्ता पड़ेगा । क्योंकि लाइनक्स मुफ्त होता है । लाइनक्स मुफ्त इसीलिए है । क्योंकि संसार भर में प्रोग्रामर इसके लिए मुफ्त में कोडिंग करते हैं । ताकि समाज को देन मिल जाये । और कोई भी प्रोग्रामर कर सकता है । भारत की सभी कोर्ट में लाइनक्स इस्तेमाल होता है । जिससे काफी पैसा बचता है । चीन अपना खुद का लाइनक्स बना रहा है । ताकि अमेरिका जाने वाले पैसे को रोका जा सके । मैं भी 1 साल से यही इस्तेमाल करता हूँ । और अगर किसी को चाहिए । तो इन्टरनेट पर हज़ारों तरह के लिनक्स मुफ्त में डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं । किसी सीरियल नंबर की कोई जरूरत नहीं । वैसे तो आप लाइनक्स को कैसी भी शक्ल दे सकते हैं । अगर किसी को कोई मदद या जानकारी चाहिए । तो हज़ारो लिनक्स के ग्रुप और पेज फेसबुक पर हैं । जो बहुत सरलता से आपकी सहायता कर देंगे । 
उबुन्टु Ubuntu लाइनक्स बहुत सरलता से इंस्टाल हो जाता है । और इसका यूजर इंटरफेस बहुत सुविधाजनक है । अगर आप स्मार्ट फ़ोन खरीदने जा रहे हैं । तो विंडोज फ़ोन ना खरीदें । क्योंकि उस फ़ोन की कीमत में माइक्रोसोफ्ट की लाइसेंस फीस भी शामिल होती है । जो बिल गेट्स की जेब में चली जाती है । इसके बजाय 

आप स्वदेशी मोबाइल कम्पनी जैसे कार्बन, माइक्रोमेक्स आदि का एंड्राइड फोन खरीदे । स्वदेशी अपनाए । देश बचाए ।
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वेदों में विज्ञान । मंडल 1 सूक्त 164 मन्त्र 25
जगता सिन्धुं दिव्यस्तभायद्रथन्तरे सूर्यं पर्यपश्यत ।
गायत्रस्य समिधस्तिस्त्र आहुस्ततो मह्राप्र रिरिचे महित्वा ।
गतिमान सूर्य देव द्वारा प्रजापति ने द्दयु लोक में जलों को स्थापित किया । वृष्टि के माध्यम से जल, सूर्य देव, और पृथ्वी संयुक्त होते हैं । तब सूर्य और द्द्यु लोक में सन्निहित प्राण, जल वृष्टि के द्वारा इस पृथ्वी पर प्रकट होता है । गायत्री के 3 पाद अग्नि सूर्य और विद्युत हैं । उस प्रजापति की तेजस्विता से ही ये तीनो पाद शक्तिशाली हैं । ऐसा माना गया है ।
रोहित कुमार
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अगर आध्यात्म या अलौकिक विज्ञान के अनुसार बात की जाये । तो ये 9 द्वार हमारे शरीर के आँखों से नीचे पिंड भाग में स्थित हैं । क्योंकि मायावश हम अज्ञान से इसी शरीर से मोहित हुये इसी शरीर को सत्य मानते हैं । अतः - जहाँ आशा वहाँ वासा । जैसी मति वैसी गति । अन्त मता सो गता.. सिद्धांत अनुसार हमारी गति पशुवत ही होती है । क्योंकि शरीर ही सत्य नहीं है । यह सिद्ध है । पर हम जीवन अन्त तक शरीर से पशु की भांति मोहित रहते हैं । इसलिये अन्तिम गति भी पशुवत ही होगी । 
तब मृत्यु समय दोनों कानों ( में किसी एक ) से जीवात्मा निकलने पर विभिन्न प्रकार की प्रेत योनि होगी । 

क्योंकि प्रेतत्व शब्द ध्वनि आधारित है । दोनों आँखों ( में किसी एक ) से जीवात्मा निकलने पर प्रकाश प्रेमी विभिन्न कीट पतंगे होगें । क्योंकि कीट पतंगे प्रकाश आकर्षण वाले हैं । दोनों नासिका छिद्रों में किसी एक से प्राण तजने पर वायुचर जीव पक्षी आदि । क्योंकि नासिका छिद्र से वायु ही बाहर होती है । मुँह से विभिन्न प्रकार के पशु । क्योंकि यह सिर्फ़ उदर पूर्ति और स्वाद का माध्यम अधिक है । लिंग या योनि छिद्र से तदनुसार ही विभिन्न जल जीव । और गुदा मार्ग से तदनुसार ही विभिन्न नरकगामी होगा । अतः सिर्फ़ दसवां द्वार ही आगे मनुष्य शरीर या मोक्ष मार्ग देता है । राजीव कुलश्रेष्ठ
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When energy moves through the body - it is sex, when energy moves through the soul - it is kundalini
Kundalini and Multi-Dimensional Consciousness
- ऐसा व्यर्थ प्रलाप सिर्फ़ पाश्चात्य व्यक्ति या पाश्चात्य सोच वाले ही कर सकते हैं । क्योंकि मूल रूप से शरीर या आत्मा से उठी उर्जा या चेतना का स्रोत सिर्फ़ आत्मा की चेतना ही है । क्योंकि ये लोग संभवतः सत रज तम तीन गुणों के बारे में नहीं जानते । इसलिये ऐसा कहते हैं । कोई भी उर्जा सिर्फ़ सत गुण से ही प्रवाहित होती है । फ़िर उस उर्जा को हम अपनी इच्छा या कामना अनुसार - कामवासना, भक्ति, उद्धार, मोक्ष आदि आदि अनगिनत कामना बहावों से जोङ सकते हैं । राजीव कुलश्रेष्ठ 
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Yajnadatta, the Mad Man  यज्ञदत्त का सर - बौद्ध सुरंगम सूत्र में श्रावस्ती के 1 विक्षिप्त व्यक्ति यज्ञदत्त की कथा है । कथा में कहा गया है कि 1 दिन यज्ञदत्त ने दर्पण में स्वयं की छवि देखकर यह सोचा कि दर्पण में दिख रहे

व्यक्ति का सर है । यह विचार मन में आते ही यज्ञदत्त की रही सही बुद्धि भी पलट गयी । और वह सोचने लगा - ऐसा कैसे हो सकता है कि इस व्यक्ति का सर तो है । पर मेरा सर नहीं है । मेरा सर कहाँ चला गया ? यज्ञदत्त घर के बाहर भागा । और सड़क पर सभी से पूछने लगा - क्या तुमने मेरा सर देखा है ? मेरा सर कहाँ चला गया है ? उसने सभी से ये बात पूछी । और कोई भी उसे कुछ समझा नहीं सका । सभी ने उससे यही कहा - तुम्हारे सर है तो ? तुम किस सर की बात कर रहे हो ? लेकिन यज्ञदत्त कुछ समझ न पाया । यज्ञदत्त के जैसी ही स्थिति में करोड़ों मनुष्य अपने अस्तित्व से अनजान हैं । Upendra Kr Meena
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आसाराम के चेहरे से उतर रहे हैं - मुखौटे पर मुखौटे । पढ़ें ये स्टोरी । जिसमें दिखाई देंगे आसाराम के रावण जैसे कई-कई चेहरे http://bit.ly/169QivV

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An 81-year-old woman believes that a ghost healed her of an illness and she even has a photo to prove it. Woman claims a ghost healed her and she even has proof .by John Albrecht, Jr.
www.examiner.com/user/5107871/3571611/subscribe?destination=node/66941236
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हल्दी और दूध । सेहत के लिहाज से इनके कई फायदे विभिन्न शोधों में माने गए हैं । लेकिन गर्म दूध के साथ हल्दी का सेवन भी आपकी सेहत के लिए कम फायदेमंद नहीं हैं । जान‌िए । हल्दी वाले दूध के ऐसे फायदों के बारे में जो सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का हल हो सकते हैं । दमा से लेकर ब्रोंकाइट‌िस जैसे रोग - हल्दी एंटी माइक्रोबियल है । इसलिए इसे गर्म दूध के साथ लेने से दमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में कफ और साइनस जैसी समस्याओं में आराम हो सकता है । यह बैक्टीरियर और वायरल संक्रमणों से लड़ने में मददगार है ।
वजन घटाने में फायदेमंद - गर्म दूध के साथ हल्दी के सेवन से शरीर में जमा फैट्स घटता है । इसमें मौजूद कैल्शियम और मिनिरल्स सेहतमंद तरीके से वेट लॉस में मददगार हैं ।
अच्छी नींद के लिए - हल्दी में अमीनो एसिड है । इसलिए दूध के साथ इसके सेवन के बाद नींद गहरी आती है । अनिद्रा की दिक्कत हो । तो सोने से आधे घंटे पहले गर्म दूध के साथ हल्दी का सेवन करें ।
दर्द से आराम - हल्दी वाले दूध के सेवन से गठिया से लेकर कान दर्द जैसी कई समस्याओं में आराम मिलता है । इससे शरीर का रक्त संचार बढ़ जाता है । जिससे दर्द में तेजी से आराम होता है ।
खून और लिवर की सफाई - आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल शोधन क्रिया में किया जाता है । यह खून से टॉक्सिन्स दूर करता है । और लिवर को साफ करता है । पेट से जुड़ी समस्याओं में आराम के लिए इसका सेवन फायदेमंद है ।
पीरियड्स में आराम - हल्दी वाले दूध के सेवन से पीरियड्स में पड़ने वाले क्रैंप्स से बचाव होता है । और यह मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा दिलाता है ।
मजबूत हड्डियां - दूध में कैल्शियम अच्छी मात्रा में होता है । और हल्दी में एंटी ऑक्सीडेट्स भरपूर होते हैं । इसलिए इनका सेवन हड्डियों को मजबूत करता है ।
गुम चोट के इलाज में सहायक - 1 गिलास गर्म दूध में 1 टी स्पून हल्दी मिलाकर पीने से चोट के दर्द और सूजन में राहत मिलती है । चोट पर हल्दी और पानी का लेप लगाने से आराम मिलता है । आधा लीटर गर्म पानी, आधा चम्मच सेंधा नमक और 1 चम्मच हल्दी डाल कर अच्छी तरह मिलाएं । इस पानी में 1 कपड़ा डालकर निचोड़ लें । और चोट वाली जगह पर इससे सिंकाई करें ।
हड्डियों को मजबूत बनाए - रात को सोते समय हल्दी की 1 इंच लंबी कच्ची गांठ को 1 गिलास दूध में उबालें । थोड़ा ठंडा होने पर इसे पी लें । ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों का खतरा कम होता है ।
गठिया का इलाज - हल्दी इन रोगों के इलाज के लिए अनूठा घरेलू प्राकृतिक उपाय है । सुबह खाली पेट 1 गिलास गर्म दूध में 1 चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से गठिया के दर्द में राहत मिलती है ।
एनीमिया के उपचार में प्रभावी - लोहे से समृद्ध हल्दी एनीमिया के इलाज के प्राकृतिक उपायों में 1 है । कच्ची हल्दी से निकाला गया आधा चम्मच रस 1 चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीना फायदेमंद है । Indresh Tiwari
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केले का छिलका - पृथ्वी से मिलाप करने का दलाल ।
सिनेमा - पैसा देकर कैद होने का स्थान है ।
जेल - बिना पैसे का हास्टल ।
सास - बहू के पीछे छोडा गया बिना पैसे का जासूस ।
चिन्ता - बजन कम करने की सबसे सस्ती दवा ।
मृत्यु - बिना पासपोर्ट के पृथ्वी से दूर जाने की छूट ।
ताला - बिना वेतन का चौकीदार ।
मुर्गा - देहात की अलार्म घडी ।
झगडा - वकील का कमाऊ बेटा ।
चश्मा - जादुई आँख ।
स्वप्न - बिना पैसे की फिल्म ।
हास्पिटल - रोगियों का संग्रहालय ।
शमशान - दुनिया का आखिरी स्टेशन ।
ईश्वर - किसी से मुलाकात न करने वाला व्यवस्थापक ।
चाय काफी - कलयुग का अमृत ।
विद्वान - अक्ल का ठेकेदार ।
सांप - शंकर भगवान का नेकलेस ।
चोर - रात का शरीफ व्यापारी ।
विश्व - एक महान धर्मशाला । मूर्खिस्तान
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इस बार हमने सोचा । हम भी वैलैंटाइन डे मनायेंगे ।
अपनी मैडम को पिक्चर दिखायेंगे ।
हमारा भी दोस्तों में रुतबा बढेगा । घरेलू लडका फिर कोई नहीं कहेगा ।
बस कर लिये दो टिकट एडवांस में बुक ।
श्रीमती जी के चेहरे का देखने लायक था लुक ।
मुस्कुराते हुए बोली - कार्नर की ली है ना ।
हमने कहा - हाँ ! एक दाहिना एक बाहिना ।
तो हम भी पहुँच गये मैडम के संग ।
देखने सलमान की लेटेस्ट फिल्म दबंग ।
फिल्म देखने का मेरा पहला टैस्ट था ।
मैडम का सलमान में ज्यादा ही इंट्रेस्ट था ।
वो बाहर से तो हम पर मर रही थी ।
पर तारीफ सलमान की कर रही थी ।
फिल्म का जैसे ही हुआ इंटरवल । मैडम के माथे पर आ गये बल ।
गुस्से में बोली - आज के दिन भी भूखा मारोगे ।
जेब में रखे पैसों की क्या आरती उतारोगे ।
पूरा सिनेमा हाल हमें लानत भेज रहा था ।
फिल्म इंटरवल में हमारा ट्रेलर देख रहा था ।
हम फौरन कैंटीन की तरफ दौडे । ना ब्रैड दिखे ना पकौडे ।
चारों तरफ बस माल ही माल दिख रहा था ।
हर काउंटर पर पापकार्न और पिज्जा ही बिक रहा था ।
कुछ देर तक आँखें सेकीं और दिल ठंडा किया ।
फिर पत्नी के लिये एक ठंडा लिया ।
ठंडा लेकर हाल में जैसे ही पहुँचे । श्रीमती जी पिल पडी बिना कुछ सोचे । बडे प्यार से मुझे डांटकर बोली । अभी ठंडे की बोतल भी नहीं खोली ।
हम बोले - सलमान खान से ध्यान हटाओ ।
बोतल खुली है इस पर ध्यान लगाओ ।
ठंडा पीते ही मैडम गुर्राई । ये ठंडा है या गर्म मेरे भाई ?
अब तो कमाल हो गया । सलमान के सामने मैं भाई हो गया ।
मैंने चुपचाप से सारी का सहारा लिया ।
गर्म होते मामले का वहीं निपटारा किया ।
जैसे तैसे सलमान की दबंगई हुई खत्म ।
हमारे अंदर भी आ गया थोडा सा दम ।
पत्नी बोली - अब क्या दिलवाओगे ? हम बोले - अभी क्या दिलवाया है ?
वो बोली ज्यादा मजाक नहीं चलेगा । घर जाकर धोऊं या यहीं पिटेगा ?
हमने चुपचाप चुप्पी साध ली ।
सीधे अपने घर की राह ली । आज हमें एक शिक्षा मिली थी ।
वैलंटाईन हो या करवा चौथ । रक्षा बंधन हो या भैया दौज ।
सब प्यार मौहब्बत ही फैलाते हैं ।
और इनका मजा तब ही आता है । जब आप इन्हें घर पर ही मनाते है । घर पर ना होगी सलमान की दबंगाई । ना होगी बाजार में आपकी पिटाई । अज्ञात
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दीवाली पूर्व सूचना - कृपया आपके GF/BF के द्वारा दिए गए और आपके द्वारा छुपाये गए फोटो, प्रेमपत्र, उपहार या अन्य कोई चीज याद से निकाल लें । अन्यथा..घर की साफ सफाई करते समय यह आपके माँ पिता या पत्नी को मिल सकता है । और इस अवस्था में आपके घर में दीवाली से पहले ही पटाखे फूट सकते हैँ । सूचना जनहित मेँ जारी ।
धन्यवाद । Rajeev Reddy
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Settle down with me
Cover me up ..Cuddle me in 
Lie down with me.. ..Hold me in your arms 
Your heart's against my chest 
Lips pressed to my neck.. ..I've fallen for your eyes 
But they don't know me yet.
Ed Sheeran, Here I come !
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http://www.bbc.co.uk/news/world-europe-24705734 

27 अक्टूबर 2013

तेरा क्या होगा रे कालिया ?

अमेरिकी यूनिवर्सिटी में गीता पढ़ना हुआ जरूरी । जो काम भारत में होना था । वो अमेरिका में हो रहा है । अमेरिका की सेटन हॉल यूनिवर्सिटी Seton Hall University में सभी छात्रों के लिए गीता पढ़ना अनिवार्य कर दिया गया है । इस यूनिवर्सिटी का मानना है कि छात्रों को सामाजिक सरोकारों से रूबरू कराने के लिए गीता से बेहतर कोई और माध्यम नहीं हो सकता है । लिहाजा उसने सभी विषयों के छात्रों के लिए अनिवार्य पाठ्यक्रम के तहत इसकी स्टडी को जरूरी बना दिया है । यूनिवर्सिटी केस्टिलमेन बिजनस स्कूल के प्रोफेसर ए. डी. अमर ने यह जानकारी दी । यह यूनिवर्सिटी 1856 में न्यूजर्सी में स्थापित हुई थी । और 1 स्वायत्त कैथलिक यूनिवर्सिटी है । यूनिवर्सिटी के 10,800 छात्रों में से एक तिहाई से ज्यादा गैर ईसाई हैं । इनमें भारतीय छात्रों की संख्या अच्छी खासी है । गीता की स्टडी अनिवार्य बनाने के इस फैसले के पीछे प्रोफेसर अमर की प्रमुख भूमिका रही । उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में कोर कोर्स के तहत सभी छात्रों के लिए अनिवार्य पाठ्यक्रम होता है । जिसकी स्टडी सभी विषयों के छात्रों को करनी होती है । 2001 में यूनिवर्सिटी ने अलग पहचान कायम करने के लिए कोर कोर्स की शुरुआत की थी । इसमें छात्रों को सामाजिक सरोकारों और जिम्मेदारियों से रूबरू कराया जाता है । उन्होंने बताया कि इस मामले में गीता का ज्ञान सर्वोत्तम साधन है । गीता की अहमियत को समझते हुए यूनिवर्सिटी ने इसकी स्टडी अनिवार्य की । हमारे संस्कार पाश्चत्य को पसंद आ गये । पर हमारे देश में कब गीता का पाठ नियमित होगा । 

जय श्री राम जय श्रीकृष्ण । Prakash Nayak
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आत्मा और काम का क्या सम्बन्ध है ? शायद विदेशी लोगों को ही बेहतर पता होगा । ये पेज का विज्ञापन मेरे ग्रुप पर दिखा । तो मैं ये शब्द पढकर चौंक गया । हालांकि इस पेज में कामुकता जैसा कुछ खास नहीं है । पर ये क्या कहना चाहते हैं । आप लोग ही जानें ।
https://www.facebook.com/pages/Soul-Sex/131521806957896
ये और भी बङे ज्ञानी हैं ।
Soul Sex - www.soletosoulsex.com
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लगभग अल्पशिक्षित श्रेणी में आने वाले लोग जब कम्प्यूटर को कम्पूटर और कम्पाउंडर को कम्पोटर कहते हैं । तो पता नहीं क्यों मुझे अजीव सी अनुभूति होती है । जैसे मैंने अपना कम्प्यूटर कबाङे वाले से खरीदा हो । और जैसे कम्पाउंडर भैंसों का चरवाहा हो ।
क्या आप शुद्ध उच्चारण करते हैं ? डाकदर साब हैं का ?
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एक आलस्य शिरोमणि लङके के पिता ने उससे कहा - बेटे ! मैंने ऐसा प्रबन्ध किया है कि हरेक इच्छा आवश्यकता की पूर्ति हेतु सिर्फ़ एक बटन दबाना होगा । लङका झुंझलाकर बोला - लेकिन वो बटन दबायेगा कौन ? आपने इससे बङा आलसी कोई देखा है ?
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कटु सत्य - भारत में हिन्दुत्व को कोई  नहीं बचा सकता । और ये संभव भी नहीं है । क्योंकि 70% हिन्दू

सेक्युलर हैं । और बाकी के 30% कट्टर होते हुए खुद के मतभेदों में उलझे हुए हैं । सबके अपने अपने मुद्दे हैं । वो दिन दूर नहीं । जब हिन्दुत्व के बजाय नास्तिक हिन्दू हर जगह दिखने शुरू हो जायेंगे । और हमें ही वनमानुष वाली थ्योरी पढाना शुरु करेंगे । क्योंकि आज के समय हिन्दू न अपने धर्म का पक्का है । न ही अपनी बातों का । कोशिश जारी रहेगी हिन्दुत्व को बचाने की । और खुद को मिटाने की । प्रदीप सोनी विद्रोही
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काम वाली बाई । 1 दिन अचानक । काम पर नहीं आई ।
पत्नी ने फोन पर डांट लगाईं । अगर तुझे नहीं आना था ।
तो पहले बताना था ।
बोली । मैंने तो परसों ही । फेसबुक पर लिख दिया था । 
1 सप्ताह के लिए गोवा जा रही हूँ । पहले अपडेट रहो । 
फिर भी पता न चले तो कहो ।
पत्नी बोली । तू फेसबुक पर भी है ? 

जवाब दिया । मैं तो बहुत पहले से फेसबुक पर हूँ । 
साहब मेरे फ्रेंड हैं । बिलकुल नहीं झिझकते हैं । 
मेरे प्रत्येक अपडेट पर । बिंदास कमेन्ट लिखते हैं ।
मेरे इस अपडेट पर । उन्होंने कमेन्ट लिखा । हैप्पी जर्नी, टेक केयर ।
आई मिस यू ! जल्दी आना । मुझे नहीं भाएगा पत्नी के हाथ का खाना ।
इतना सुनते ही मुसीबत बढ़ गयी । पत्नी ने फोन बंद किया ।
और मेरी छाती पर चढ़ गयी ।
गब्बर सिंह के अंदाज़ में बोली । तेरा क्या होगा रे कालिया ।
मैंने कहा - देवी ! मैंने तेरे साथ फेरे खाए हैं । 
वह बोली - तो अब मेरे हाथ का खाना भी खा ।
अचानक दोबारा फोन करके । 
पत्नी ने काम वाली बाई से । पूछा घबराये घबराए । 
तेरे पास गोवा जाने के लिए । पैसे कहाँ से आये ?
वह बोली - सक्सेना जी के साथ । एलटीसी पर आई हूँ ।
पिछले साल वर्माजी के साथ । उनकी काम वाली बाई गयी थी ।
तब मै नई नई थी । जब मैंने रोते हुए ।
उन्हें अपनी जलन का कारण बताया । तब उन्होंने ही समझाया ।
क़ि वर्माजी की कामवाली बाई के । भाग्य से बिलकुल नहीं जलना ।
अगले साल दिसम्बर में । मैडम जब मायके जायगी ।
तब तू मेरे साथ चलना ।
पहले लोग कैश बुक खोलते थे । आजकल फेसबुक खोलते हैं । 
हर कोई फेसबुक में बिजी है । 
कैश बुक खोलने के लिए कमाना पड़ता है । इसलिए फेसबुक इजी है । 
आदमी कंप्यूटर के सामने बैठकर । रात रात भर जागता है । 

बिंदास बातें करने के लिए । पराई औरतों के पीछे भागता है । 
लेकिन इस प्रकरण से । मेरी समझ में यह बात आई है ।
क़ि जिसे वह बिंदास मॉडल समझ रहा है ।
वह तो किसी की काम वाली बाई है । जिसने कन्फ्यूज़ करने के लिए ।
किसी जवान सुन्दर लड़की की फोटो लगाईं है ।
सारा का सारा मामला लुक पर है । अब तो मेरा कुत्ता भी फेसबुक पर है ।
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ईसाई धर्म में - 1 मसीह । 1 बाइबल । और 1 ही धर्म है । लेकिन मजे कि बात ये कि लैटिन कैथोलिक, सीरियाई कैथोलिक चर्च में प्रवेश नहीं करेगा । ये दोनों मर्थोमा चर्च में प्रवेश नहीं करेगा । ये तीनों Pentecost के चर्च में प्रवेश नहीं करेगा । और ये चारों साल्वेशन आर्मी चर्च में प्रवेश नहीं करेगा । इतना ही नहीं । ये पांचों सातवें दिन Adventist चर्च में प्रवेश नहीं करेगा । ये 6 के 6 रूढ़िवादी चर्च में प्रवेश नहीं करेगा । अब ये सातों जैकोबाइट चर्च में प्रवेश नहीं करेगा ।
और इसी तरह से ईसाई धर्म की 146 जातियां सिर्फ केरल में ही मौजूद हैं । इतना शर्मनाक होने पर भी ये चिल्लाते रहेंगे कि 1 मसीह 1 बाइबिल 1 धर्म ??
- अब देखिए मुस्लिमों को 1 अल्लाह 1 कुरान 1 नबी । और महान एकता बतलाते हैं ? जबकि मुसलमानों के बीच शिया और सुन्नी सभी मुस्लिम देशों में एक दूसरे को मार रहे हैं । और अधिकांश मुस्लिम देशों में इन दो

संप्रदायों के बीच हमेशा धार्मिक दंगा होता रहता है । इतना ही नहीं शिया को सुन्नी मस्जिद में जाना माना है । इन दोनों को अहमदिया मस्जिद में नहीं जाना है । और ये तीनों सूफी मस्जिद में कभी नहीं जाएँगे । फिर इन चारों का मुजाहिद्दीन मस्जिद में प्रवेश वर्जित है । और इसी प्रकार से मुस्लिमों में भी 13 तरह के मुस्लिम हैं । जो एक दूसरे के खून के प्यासे रहते हैं । और आपस में बमबारी और मारकाट वगैरह मचाते रहते हैं । लेकिन फिर भी भोले भाले लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए ये दिन भर लाउडस्पीकर पर गला फाड़ फाड़कर चिल्लाते रहेंगे कि अल्लाह 1 है । हमारा 1 कुरान है । 1 नबी है । हम अच्छे हैं ।  और ना जाने क्या अंट शंट बोलते रहते हैं ?
अब आईये । जरा हम अपने हिन्दू/सनातन धर्म को भी देखते हैं ।
हमारी 1280 धार्मिक पुस्तकें हैं । जिसकी 10,000 से भी ज्यादा टिप्पणियां और १,00.000 से भी अधिक उप टिप्पणियों मौजूद हैं । 1 भगवान के अनगिनत प्रस्तुतियों की विविधता, अनेकों आचार्य तथा हजारों ऋषि मुनि हैं । जिन्होंने अनेक भाषाओँ में उपदेश दिया है ।
फिर भी हम सभी मंदिरों में जाते हैं । इतना ही नहीं । हम इतने शांति पूर्ण और सहिष्णु लोग हैं कि सब लोग 1 साथ मिलकर सभी मंदिरों और सभी भगवानों की पूजा करते हैं । और तो और पिछले 10 000 साल में धर्म के नाम पर हिंदुओं में कभी झगड़ा नहीं हुआ । Sachinder Verma
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चलो आपका Mind Test करते हैं । देखते हैं । कितने  टैलेंटेड लोग हैं ? तो बताओ मित्रो ! एक पीपल के पेड़ के नीचे 5 लोग बैठे थे ।
1 पहला ब्यक्ति बोल नहीं सकता l
2 दूसरा ब्यक्ति आँखों से देख नहीं सकता l

3 तीसरा ब्यक्ति कानों से सुन नहीं सकता l
4 चौथे ब्यक्ति के दोनों हाथ नहीं थे l
5 पाँचवें ब्यक्ति के दोनों पैर नहीं थे l
ऊपर से एक आम गिरा । तो बताओ पहले किसने उठाया होगा ? कुमार दीपू
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अमंत्रं अक्षरं नास्ति, नास्ति मूलं अनौषधं ।
अयोग्यः पुरुषः नास्ति, योजकः तत्र दुर्लभ: ।
कोई अक्षर ऐसा नहीं है । जिससे ( कोई ) मन्त्र न शुरु होता हो । कोई ऐसा मूल ( जड़ ) नही है । जिससे कोई औषधि न बनती हो । और कोई भी आदमी अयोग्य नहीं होता । उसको काम में लेने वाले ( मैनेजर ) ही दुर्लभ हैं । शुक्राचार्य
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तेरी नेकी का लिबास ही । तेरा बदन ढकेगा बंदे ।
सुना है ऊपर वाले के घर । कपड़ों की दुकान नहीं होती ।
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शूद्रो: ब्राह्मण तामेति ब्राह्मण श्चेति शुद्रानाम ।
क्षत्रियअज्जात्मेवनतु विधयाद वैश्य: तथैवच । मनुस्मृति ।
कोई भी व्यक्ति शूद्र कुल में जन्म लेकर ब्राह्मण व्यापारी अथवा क्षत्रिय के समान ( अर्जित किये गए गुण विद्या एवं शास्त्र शस्त्र या व्यापारिक शिक्षा उपरान्त ) गुण कर्म स्वभाव रखता हो । तो वह शूद्र कुल में जन्मा व्यक्ति ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य माना जाता है ( हो जाता है )
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हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता । गावहिं वेद पुरान श्रुति सन्ता ।
नाना भांति राम अवतारा । रामायन सत कोटि अपारा ।
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और ये हैं - फ़ेसबुक पर पूछे गये प्रश्नों के टिप्पणी रूप उत्तर ।
नौ द्वारों से आशय दो आँखें दो कान दो नासिका छिद्र एक मुँह और मल मूत्र द्वारों से है । ये बहिर्मुख हैं । जबकि

दसवां द्वार अंतर्मुख है । ये लगभग मस्तिष्क के मध्य ध्वनि रूप है । अजपा जाप से सुरति जब सूक्ष्म और लगभग निर्विकारी सी हो जाती है । तब ये ध्वनि रूपी द्वार चुम्बकत्व द्वारा खींचता है । और फ़िर सुरति इसमें से प्रवेश होकर बृह्मांड में निकल जाती है । लेकिन यह सब सिद्धांत समझने से नहीं होता । किसी समर्थ गुरु के शरणागति होने से यह आसानी से हो जाता है । राजीव कुलश्रेष्ठ
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गो गोचर जहाँ लगि मन जाई । सो सब माया जानों भाई ।
गो - इन्द्रियां और गोचर - इन्द्रियों के विचरने का स्थान, यह सब माया ही है । अतः अमन स्थिति का बोध और स्थायित्व जब तक नहीं होता । तब तक कोई भी अपने " अहम रूप " से वशीभूत स्वाभाविक ही अनर्गल या असत्य बोलने को बाध्य सा ही है । क्योंकि नमक ( माया ) और मिश्री ( ज्ञान ) में बेहद अन्तर है । राजीव कुलश्रेष्ठ
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कोमा कई तरह का होता है । भले ही डाक्टर उसे सुविधा हेतु अलग अलग शब्द दे देते हैं । जैसे याददाश्त खो जाना भी कोमा है । और सदमा की स्थिति भी कोमा ही है । किसी ऊँचाई आदि विशेष स्थिति से डर भी कोमा ही है । दरअसल किसी एक या दो तीन चीजों के प्रति शून्यता या कोई विशेष प्रतिक्रिया कोमा ही है ।
एक योगी का कोमा से कोई लेना देना नहीं होता । समाधि जङ और चेतन दो प्रकार की होती है । लेकिन आपने 

उनमनी अवस्था में जिस अटकाव की बात कही है । वैसा कभी नहीं होता । ये विस्तार का विषय है । अन्यथा मैं उनमनी को स्पष्ट कर देता । राजीव कुलश्रेष्ठ
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दरअसल सैद्धांतिक ज्ञान और व्यवहारिक प्रयोगात्मक ज्ञान में जमीन आसमान का अन्तर है । क्योंकि जङ, चेतन दोनों समाधि मेरे प्रयोग विषय रह चुके हैं । अतः मैं इसे आसानी से समझ सकता हूँ । राजीव कुलश्रेष्ठ
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डाक्टर या वैज्ञानिक अभौतिक को लगभग नहीं जानते हैं । वे तो ये भी नहीं जानते । कोमा क्यों ? और उसका निदान क्या ? जबकि आध्यात्म ज्ञानी ऐसी चीजों को सिर्फ़ दूरस्थ चेतना और गुण से ठीक कर सकते हैं । परन्तु अक्सर मनुष्य डाक्टर के सामने बकरा और सन्तों के सामने सयानापन दिखाता है । राजीव कुलश्रेष्ठ
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इंटरनेट के बङे बङे ज्ञानियों की ऐसे सार्थक मुद्दों पर बोलती क्यों बन्द हो जाती है । मेरी समझ में नहीं आता । क्या ज्ञान का अर्थ लगभग अशिक्षित औरतों जैसी व्यर्थ विषयों पर तू तू मैं मैं ही होता है ? राजीव कुलश्रेष्ठ
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एक बार किसी ने मुझसे पूछा - आप क्रिकेट के बारे में क्या जानते हैं ।
मैंने कहा - सब कुछ । उसमें होता ही क्या है । एक ओवर में छह गेंद फ़ेंकी जाती हैं । बस - राजीव कुलश्रेष्ठ
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इस M का तो मुझे पता नहीं । पर बचपन में एक M नाम वाले को जानता था । M नाम का लङका था । ९० रुपये कमाता था । ४४ अपने पिता को ४४ अपनी माँ को देता था । और २ रुपये खुद के खर्चे हेतु रखता था । उसका फ़ोटो मेरे पास है । लगा रहा हूँ । राजीव कुलश्रेष्ठ
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लेकिन ये ( विदेशी ) लोग नारी ( प्रकृति ) और पुरुष ( चेतन ) के वास्तविक स्वरूप को समझने की कोशिश करें । तो भी बहुत कुछ उद्धार हो जाये । राजीव कुलश्रेष्ठ
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बङे भाग मानुष तन पावा । सुर दुर्लभ सद ग्रन्थन गावा ।
साधन धाम मोक्ष करि द्वारा । जेहि न पाय परलोक संवारा ।
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रोहन - मैं ट को हमेशा ट बोलता हूँ ।
श्याम - अरे ! तो ट को सभी ट ही बोलते हैं । ठ कौन बोलता है ?
रोहन - श्याम जी ! लगटा है । बाट टुम्हारी समझ में नहीं आयी ।

24 अक्टूबर 2013

थोडे गुस्से से काम नही बनेगा

गिनीपिग - आप कभी बीमार पडे । और डाक्टर की केबिन में बैठे हैं । तब कोई ब्लू शर्ट और टाई पहना हुआ आदमी आता है । और लाइन तोडते हुए डाक्टर की केबिन में घुस जाता है । आपको गुस्सा आता है । आप सोचते हो । उस दवाई की कंपनी के सेल्समेन ने आपका समय खराब किया । लेकिन आपका गुस्सा बहुत ज्यादा होना चाहिए । थोडे से गुस्से से काम नही बनेगा । क्योंकि उसने आपका समय ही नहीं । आपकी सेहत भी खराब की है । जेब की खराबी तो भूल जाओ । वो तो हर जगह होनी है । दानव समुदाय की मल्टीनेशनल दवाई कंपनियों के लिए भारत एक टेस्टिंग सेन्टर बन गया है । जहाँ गरीब जनता का अमानवीय नैदानिक परीक्षण हेतु एक गिनीपिग की तरह उपयोग किया जा रहा है । आखिर में सुप्रिम कोर्ट

ने भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय से कहा है कि भारत में 162 वैश्विक नैदानिक परीक्षणों की स्वीकृति देने का औचित्य साबित करो । क्योंकि भारत एक उभरता हुआ देश है । और ढीले ढाले नियामक प्रोटोकॉल के कारण दुनियां की चिकित्सा प्रणालियों पर हावी होने की अपनी कभी न खत्म होने वाली दवा कार्टेल की नीति का एक प्राथमिक लक्ष्य भारत भी बन जायेगा । प्रमुख दवा कंपनियां भारत सरकार को मनाने में काफी हद तक सफल हो गई हैं । और जिन क्षेत्रों में स्वाथ्य सेवा का अभाव है । उन गरीब समुदायों में ग्रामीण भारतीयों पर परीक्षण किया गया है । जिनमें से कई NCEs , नई रासायनिक इकाई  New chemical entity शामिल हैं । और भी सभी प्रकार के परीक्षण के लिए मंजूरी पा ली है । परिस्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि मजबूरन मानवतावादी एक्टिविस्टों को आगे आना पडा है । और कानून का सहारा लेना पडा है । और सरकारी आफिसरों के खिलाफ शिकायत करनी पडी है । सुप्रीम कोर्ट ने शिकायत को सुना । और हाल ही में एक सुनवाई में सरकार से इन परीक्षणों को दी गई मंजूरी के पीछे का वैज्ञानिक सबूत प्रदान करने के लिए कहा गया है । स्वास्थ्य मंत्रालय के पास इस आदेश का पालन करने के लिए सिर्फ दो सप्ताह है । कंपनियां गरीबों का लाभ उठाये बिना उचित प्रोटोकॉल के NCEs  के क्लीनिकल परीक्षण आयोजित किये जा रही हैं । स्वास्थ्य अधिकार मंच की कोर्डिनेटर अमूल्य निधि का कहना है - भारत में अवैध और अनैतिक दवा परीक्षणों को समाप्त करना जरूरी है । संगठन की वेबसाइट में कहा गया है कि भारत में नैदानिक परीक्षण बडी तेजी के साथ बढ रहे हैं । और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक जोखम कारक बना गया है । क्लिनिकल परीक्षण के दौरान सिर्फ 2010 और 2012 के वर्ष के बीच १५०० नागरिक को अपनी जान देनी पडी है । सरकार अगर बहुत मोटा वित्तीय लाभ पाने का

लालच नही छोडेगी । बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों को नही रोकेगी । तो और भी हजारों नागरिक उन बदनसीब नागरिकों के पिछे चल देंगे । केमिस्ट्री वर्ल्ड  में दिन्शा साचन लिखते हैं - NCEs का परीक्षण विवादित हो गया है । क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में भारत में हुई मौत का आंकडा बहुत ऊँचा है । स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार - नैदानिक परीक्षणों में 1,542 लोगों की मृत्यु 2010 और 2012 के बीच हो गई है । Monthly Index of Medical Specialties के एडिटर सी. एम. गुलाटी ने अपने देश के आम लोगों की ओर से संवाददाताओं से कहा कि - भारत में NCEs का परीक्षण देश की मदद नहीं करता है । इसके विपरीत, यह केवल बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों को ही मदद करता है । लागत में कटौती और मुआवजे के भुगतान से बचने के लिए भारत में किया जाता है । दूसरे देशों में दरदी ? की जान जाने पर बडा भारी मुआवजा चुकाना पडता है ।  The non-profit organization  Low Cost Standard Therapeutics  के चीनु श्रीनिवासन इस बात से सहमत हैं । उन्होंने संवाददाताओं से कहा - NCEs के नैदानिक परीक्षण के फेज-२ और फेज-३ की भी अनुमति भारत में मिली हुई है । अपने देश की सामाजिक और राजनीतिक संरचना के साथ अनुकुल नही हैं । कई अन्य लोगों की तरह, श्रीनिवासन को भी भारत का मौजूदा नियामक ढांचा गंभीर रूप से कमजोर लगता है । जो नैतिक रूप से दिवालिया बनी हुई दवा कंपनियों को सिस्टम का व्यापक दुरुपयोग करने देने की सुविधा देता है । अपने संगठन के अभियान के उद्देश्य के बारे में निधि कहती हैं - हम जानते हैं । चिंतित हैं । और लोगों के हितों के लिए

प्रतिबद्ध हैं । ध्यान देने योग्य बात है कि  एक बेहतर विनियामक ढांचे के परिणाम से नागरिकों की जान बचती है । तो बड़ी बड़ी फार्मा कंपनियों को कितना भी नुकसान उठाना पडे । हमें कोई परवाह नही । डाक्टर की केबिन में घुसकर दवा सेल्समेन डाक्टर से क्या क्या व्यापारिक परीक्षण करवाता है । और उस से दरदी ? को क्या नुकसान जाता है । उस पर भी थोडा बता दिया होता । तो अच्छा था । निधि जी ! हमें तो अंदाजित नुकसान का पता है । जरूरत ना होने पर भी दवा लिख दी जाती है । या जरूरत की दवा के बदले दूसरी दवा लिख दी जाती है । Siddharth Bharodiya
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विश्व में अनेकों धर्म और संप्रदाय प्रचलित हैं । लेकिन इस्लाम केवल अपनी मान्यताओं और विश्वास को ही 

प्रमाण मानता है । और दूसरों को मनवाने का प्रयास करता रहता है । इस्लामी परिभाषा में इस विश्वास को ही ईमान कहा जाता है । भले ही ऐसा विश्वास या मान्यता तर्क सम्मत नहीं हो । मुसलमान उसे सही मानते हैं । साधारण लोग इस्लाम के सुन्नी और शिया समुदाय के बारे में जानते हैं । और उनकी अधिक संख्या होने के कारण उन्हीं को इस्लाम का सही रूप समझ लेते हैं । क्योंकि इन दोनों फिरकों का मुख्य आधार अल्लाह और कुरआन ही है । और बाकी मान्यताएं जैसे - रसूल, जन्नत जहन्नम, कयामत, कलमा और नमाज आदि इन दोनों से सम्बंधित है । मुसलमान अल्लाह को साबित करने के लिए तर्क देते हैं कि - ऐसा कुरआन में लिखा है । और जब कुरआन की प्रमाणिकता की बात आती है । तो कहते हैं । यह अल्लाह की किताब है । जबकि यह दोनों बातें एक दूसरे पर आधारित हैं । लेकिन बहुत लोगों को नहीं पता होगा कि मुसलमानों का एक ऐसा काफी बड़ा फिरका भी है । जो अल्लाह और कुरआन के अलावा अन्य बातों के बारे में बिलकुल विपरीत विचार रखता है । इस इस्लामी समुदाय को " अलवी  علوية ” मुसलमान कहा जाता है । इनके बारे में इसलिए बताना जरुरी है । क्योंकि इन्हीं के साथ अल्लाह की मौत का रहस्य भी जुड़ा हुआ है । इसलिए इस लेख को ध्यान से पढ़िए । http://hindurashtra.wordpress.com/2012/08/06/133/
© ® #Hindurashtra
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पति  पत्नी रात में बिस्तर पर खामोशी से लेटे हुए । आपस में कोई बात नहीं । पत्नी के मन की चिंताएं - 1 ये मुझसे बात क्यों नहीं कर रहे ?
2 क्या अब मैं पहले जैसी खूबसूरत नहीं रही ?
3 कहीं मेरा वजन तो नही बढ़ गया ?
4 कहीं मेरे चेहरे की झुर्रियों पर इनका ध्यान ना गया हो ?
5 कहीं इनके जीवन में कोई और तो नहीं आ गई ?
6 कहीं ये मेरी रोज की कच कच से तंग तो नहीं आ गये ? 
पति के मन की चिंता - ये स्साला धोनी ने इशांत शर्मा को ओवर क्यों दिया...Bs Pabla
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वो सोच रहा है मैं जागूं तो वो कुछ कहे ।  मैं सोचता हूँ कि मैं सोया ही कब हूँ ।
Rajeev Thepra
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This is the most meaningful msg Man asked God - Give me everything to enjoy life . God replied - I have given you life to enjoy everything.Prem Lohana
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आज करवा चौथ है । भूखी प्यासी रहेगी पत्नी । और उम्र लंबी होगी पति की । ये तो वही बात हो गई कि मोबाइल चार्जिंग पर लगा है पत्नी का । और बैटरी फुल हो रही है पति की । Naresh Lokwani
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यजुर्वेद में वृत की बहुत सुन्दर परिभाषा दी गई है - अग्ने वृतपते वृतं चरिष्यामि, तच्छकेयं तन्मे राध्यताम । इदं अहं अनृतात सत्यम उपैमि । यजु. 1/5 अर्थात - हे अग्नि स्वरूप वृतपते सत्यवृत पारायण साधक पुरूषों के पालन पोषक परम पिता परमेश्वर ! मैं भी व्रत धारण करना चाहता हूँ । आपकी कृपा से मैं अपने उस व्रत का पालन कर सकूँ । मेरा यह व्रत सफल सिद्ध हो । मेरा व्रत है कि मैं मिथ्याचारों को छोड़कर सत्य को प्राप्त करता हूँ । इस वेद मंत्र में परम पिता परमेश्वर को व्रतपते कहा गया । अर्थात सत्याचरण करने वाले सदाचारियों का पालक पोषक रक्षक कहा गया । सत्य स्वरूप ईश्वर सत्य के व्रत को धारण करने वाले साधकों व्रतियों का अर्थात ईश्वर के सत्य स्वरूप को जान मानकर पालन करने वालों का पालक पोषक रक्षक है । अतः व्रत धारण करने वाला मनुष्य असत्य को छोड़कर सत्य को धारण करने का संकल्प ले । इसी का नाम व्रत है ।
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निकाह के बाद दूल्हा मौलवी साहब से बोला - मौलवी साहब ! आपकी फीस ? मौलवी - जनाब ! बेगम की ख़ूबसूरती के मुताबिक दे दो ।
मौलवी की बात सुनकर दूल्हे ने अपनी जेब में हाथ डाला । और चुपचाप 10 रूपए का नोट मौलवी साहब के हाथ में थमाकर उठकर जाने लगा । तभी अचानक हवा से दुल्हन का घूँघट उठ गया । मौलवी - अमां मियाँ ! बाकी के पैसे तो लेते जाओ ।
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1378 में भारत से 1 हिस्सा अलग हुआ । इस्लामिक मुल्क बना । नाम हुआ - ईरान । 1761 में भारत से 1 हिस्सा अलग हुआ । इस्लामिक मुल्क बना । नाम हुआ - अफगानिस्तान । 1947 में भारत से 1 हिस्सा अलग हुआ । इस्लामिक मुल्क बना । नाम हुआ - पाकिस्तान । 1971 में 1 नया इस्लामिक मुल्क बना । जो कभी भारत का हिस्सा था । नाम हुआ - बांग्लादेश । 1952 से 1990 के बीच भारत का 1 राज्य इस्लामिक हो गया । नाम है - कश्मीर । और अब उत्तर प्रदेश, असम और केरल इस्लामिक राज्य बनने की कगार पर हैं । और यदि हम हिंदुओं को जगाने का काम करते हैं । सच्चाई बताते हैं । तो कुछ लोग हमें RSS  और VHP वाला कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं । कितना बदनाम कर दिया है । काँग्रेस ने इन राष्ट्रवादी संगठनो को । मर जाओ चिल्ला चिल्लाकर । लेकिन हिंदू नहीं जागेंगे । Hindurashtra
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भाई लोग ! फटाफट पहले ये वीडियो सुन लो l फिर मेरी बात समझ आएगी l फोटो में दिख रहा होगा कि लड़ाई किसके किसके बीच की है ? एक तरफ इलुमिनाटी के दानव हैं । दूसरी तरफ हमारे संत l
https://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=lvkq75IBuiw 
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एक पिता अपने बेटे के साथ पहाड़ों की सैर पर निकला । अचानक बेटा गिर गया । चोट लगने पर उसके मुंह से निकला - आह !
तुरंत पहाड़ों में से कहीं - से आवाज आई -  आह !  बेटा अचरज में रह गया । उसने फौरन पूछा - तुम कौन हो ? 

सामने से वही सवाल आया - तुम कौन हो ? बेटा चिल्लाया - मैं तुम्हारी तारीफ करता हूँ ।
पहाड़ों से जवाब आया - मैं तुम्हारी तारीफ करता हूँ ।
अपनी बात की नकल करते देखकर बेटा गुस्से में चिल्लाया - डरपोक ।
जवाब मिला - डरपोक । उसने पिता की ओर देखा । और पूछा - यह क्या हो रहा है ? पिता ने मुस्कुराते हुए कहा - बेटा ! जरा ध्यान दो ।
इसके बाद पिता चिल्लाया - तुम चैंपियन हो । जवाब मिला - तुम चैंपियन हो । बेटे को हैरानी हुई । लेकिन वह कुछ समझ नहीं सका ।
इस पर पिता ने उसे समझाया - लोग इसे गूंज ( इको ) कहते हैं । लेकिन वास्तव में यह जिंदगी है ।
यह आपको हर चीज़ वापस लौटाती है । जो आप कहते हैं । या करते हैं । हमारी जिंदगी हमारे कामों का ही प्रतिबिंब है । अगर आप दुनिया में
ज्यादा प्यार पाना चाहते हैं । तो अपने दिल में ज्यादा प्यार पैदा करें ।
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आपने कभी सोचा है कि आपको मानसिक या सही अर्थों में आत्मिक उर्जा किससे मिलती है ? गहरी निद्रा में हुये चेतना संयोग से । इसका थोङा ही गहन परीक्षण करने पर आपको पता चलेगा । शरीर के लिये उर्जा भोजन से तथा चेतन उर्जा किसी अज्ञात स्रोत से मिलती है । राजीव कुलश्रेष्ठ
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यदि आप अष्टांग योग में कंठ, तत्व आदि पर संयम के बारे में जानेंगे । तो जल तत्व ( से पानी की पूर्ति ) और खेचरी आदि को सिद्ध करने से कई चीजों की पूर्ति होती है । कहने का अर्थ शरीर से किये परिश्रम के आधार पर ही तदनुसार भोजन की आवश्कयता है । और अच्छे योगी को इसके विकल्प कई योगों से प्राप्त हो जाते हैं । राजीव कुलश्रेष्ठ
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अपामार्ग के एक मुठ्ठी से भी कम बीजों की खीर खाने से एक सप्ताह भूख और शौच की समस्या खत्म हो जाती है । राजीव कुलश्रेष्ठ
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प्रह्लाद जानी जैसे केसों को ऐसी ही यौगिक दुर्घटना कहा जा सकता है । जिसके बारे में व्यक्ति को खुद भी नही मालूम होता है । मेरे कहने का अर्थ है । योग में कर्मशील रहते हुये इससे अच्छी स्थितियां होती हैं । वह व्यक्ति भरपूर श्रम भी करता है । और बिना खाये भी उसकी उर्जा का जरा भी हास नहीं होता । राजीव कुलश्रेष्ठ
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अगर आप अपनी मर्जी से ध्यान की सही खुराक लेने की स्थिति में आ जायें । तो आपको आराम हेतु सोने की आवश्यकता नहीं होगी । जबकि स्फ़ूर्ति सामान्य से कई गुना अधिक होगी । भोजन और पानी की भी विशेष आवश्यकता नहीं होगी । और ये तो मैं ही सिखा दूँगा । राजीव कुलश्रेष्ठ
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21 oct  के बारे में आप देख सकते हैं । वह मेरा लिखा नहीं है । नेट का लिंक है । जहाँ तक मेरे तथ्यों में किसी तारीख का जिक्र है । वह सिर्फ़ आगामी अगस्त माह में विस्फ़ोट को लेकर है । जहाँ तक 2012 की बात है । वह मेरे अनुभव के बजाय विभिन्न सन्तों की भविष्यवाणियों पर अधिक आधारित था । फ़िर भी कुछ साक्षात भी थे । वास्तव में उनमें से कई ( 2012 ) संकेत रूप हुये भी । जैसे सागर का जल खौलना । भूगर्भीय ज्वलनशील तेलों का एकदम सतह पर आ जाना आदि । यह प्रलय जो वहीं से शुरूआत थी । कुछ समय के लिये विभिन्न शक्तियों के हस्तक्षेप से टल गयी । कारण ऊपरी प्रशासन में नियुक्त अधिपतियों में बदलाव भी होना था । राजीव कुलश्रेष्ठ
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अभी के अनुभव संकेत रूप थे । ये स्व चेष्टित ध्यान की अवस्था कम विभिन्न योगियों को समाचार रूप अधिक भेजे गये थे । अगर आप देश विदेश और वैज्ञानिक स्तर पर गतिविधियों की जानकारी रखते हैं । तो सभी कुछ अभी प्रारम्भिक स्तर पर निरन्तर हो रहा है । सूर्य और चन्द्रमा में निरन्तर कुछ न कुछ घट रहा है । कई धूमकेतु कृमशः आ रहे हैं । डेंगू ( हड्डी तोङ ज्वर ) कई जगह फ़ैल रहा है । फ़ैल चुका है । गृहयुद्ध और देशों में युद्ध का माहौल बनता ही जा रहा है । राजीव कुलश्रेष्ठ
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ये संकेत इतनी तेजी से आ रहे थे कि मैं इन सबको भूल जाता । अतः मैंने मध्य प्रदेश अपने शिष्य को बीसियों बार फ़ोन कर बीच बीच में नोट करने को कहा । जिसमें डिस्टर्बेंस फ़ोन न लगना आदि रुकावटें भी आयीं । यदि मैं फ़ोन लगातार कनेक्ट रखता । तो उस दशा में संकेत नहीं आते । अतः कह सकते हैं । संकेत पूर्ण रूपेण स्थिति में ग्रहण न हो सके । राजीव कुलश्रेष्ठ
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यह संकेत पहेलियों की तरह हैं । जिनको मैं काफ़ी हद तक स्पष्ट कर सकता था । पर मैंने इसको आप सभी के चिन्तन हेतु छोङ दिया ।
- फ़ेसबुक ग्रुप पर कई लोग सवाल कर देते हैं । जिसकी वजह से उन्हें ही उत्तर दे पा रहा हूँ । कुछ अन्य रुकावटें भी बन जाती हैं । राजीव कुलश्रेष्ठ   
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कुल मिलाकर मेरी नजर में न यह चमत्कार है । न कोई उपलब्धि । बल्कि एक विशेष दुर्घटना की खास स्थिति है । जो बहुतों के साथ विभिन्न प्रकारों से घटती है । प्रह्लाद का यौगिक इलाज न कराकर एक शापित सा निष्क्रिय जीवन बिता देना मेरे नजरिये से पागलपन से अधिक नहीं । हाँ ऐसा किन कारणों परिस्थितियों में हुआ । वो मैं नहीं जानता । क्योंकि कभी कभी मनुष्य हालात से मजबूर भी हो जाता है
राजीव कुलश्रेष्ठ  
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इस प्रश्न का भी बहुत कुछ सम्बन्ध आपके भूकंप और आध्यात्म में क्या सम्बन्ध ? से जुङा है । जब कोई योगी प्रथ्वी जल आकाश जैसे तत्व भी सिद्ध करता है । तो इस सिद्ध योग के समय यह उन्हें मटर के दाने से भी छोटे नजर आते हैं । उन्हीं पर चेतना की निरन्तर एकाग्रता सम्बन्धित तत्व को सिद्ध कर देती । सिद्ध होने पर यही प्रथ्वी किसी आडियो विजुअल माध्यम की भांति पूर्ण या मनचाहे आंशिक रूप में दिखाई देगी । तब हम प्राप्त सिद्धि के अनुसार नियम के अंतर्गत उसी आडियो विजुअल में जो क्रिया आदि करेंगे । वही इस स्थूल प्रथ्वी में भी हो जायेगी । राजीव कुलश्रेष्ठ  
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हा हा हा हा हा हा हा - मच्छरों की गिनती भी कर ली हा हा हा हा हा हा - जेड सुरक्षा क्या कर रही थी पप्पू भैया ? धर्मवीर शर्मा
25 हजार मच्छरों ने काटा राहुल गांधी को । हम मजाक नहीं कर रहे । ये उन्होंने खुद कहा है । जानें । और क्या क्या बोले राहुल । और कहां काटा उन्हें मच्छरों ने । #rahul25000 #rahulmachcharstory
http://aajtak.intoday.in/story/rahul-said-in-2009-i-toured-budelkhand.-i-was-bitten-by-25000-mosquitoes-1-745408.html
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राहुल को भी पता चल गया कि मोदी ही असली हीरो हैं । रैली उनकी और ज़िंदाबाद के नारे मोदी के । कितना अच्छा और फिल्मी लग रहा होगा । बहुत बडिया ।
http://navbharattimes.indiatimes.com/india/national-india/pro-modi-slogans-at-rahul-gandhi-rally-in-rajasthan/articleshow/24643048.cms
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Rama Setu ( Bridge ) An Engineering Marvel of 5076 BCE ( Hindi )
http://www.youtube.com/watch?v=RlhGEvkBD-Y