आदरणीय राजीव जी ! अभी कुछ दिनों पहले मैंने डॉ.... दत्त ..ली जी की एक पुस्तक पढ़ी । उसमें सिद्धाश्रम का उल्लेख हैं । क्या सिद्धाश्रम नाम की कोई जगह कही हैं ? सिद्धाश्रम में एक तालाब का वर्णन हैं । जिसमे नहाने से कायाकल्प हो जाता हैं । वहाँ अनेक सिद्ध पुरुष रहते हैं । जिनकी उमृ 1000 - 500 साल बताई हैं । जो वही तपस्या में लीन रहते हैं । और अनेक चमत्कारी बातों का वर्णन हैं । क्या पृथ्वी पर ऐसी कोई जगह या आश्रम हो सकता हैं ? आपके उत्तर का अभिलाषी - प्रेम कुमार
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प्रेम जी डा ...ली एक छोटे स्तर के सिद्ध कुछ तांत्रिक सिद्धियाँ और कुछ तांत्रिक विध्याओं के जानकार थे । वह बहुत से निकृष्ट तांत्रिकों के सम्पर्क में भी रहते थे । ये लोग कभी कभार अपनी तंत्र विध्याओं का एक सम्मेलन सा करते हैं । जिनमें एक दूसरे को नीचा दिखाने की प्रवृति अधिक होती है । ऐसे ही सिद्धों के ठिकाने को ... ली ने सिद्धाश्रम कहा है । बाकी तांत्रिक लोकों सिद्ध लोकों में ऐसे सिद्धाश्रम अवश्य होते हैं । प्रथ्वी पर ऐसा कोई तालाब नहीं हैं । हाँ ऋषियों के समय में अवश्य थे । जैसे च्यवन ऋषि का ओंछा नामक स्थान पर था । जिसका प्रभाव अब समाप्त हो चुका है । कुछ एक जङी बूटियों से युक्त । खनिजों से
युक्त जल वाले तालाब । हिमालय और अन्य जगहों पर अबश्य हैं । जिनसे चर्म रोग गठिया आदि रोगों में कुछ लाभ हो जाता है । बाकी कायाकल्प का अर्थ बहुत बङा है । कुण्डलिनी तंत्र मंत्र विधा में चमत्कार कोई ज्यादा बङी चीज नहीं हैं । बल्कि उपचार की तरह है । वास्तव में व्यक्ति की आवश्यकता क्या है । इस पर निर्भर है । आपको आश्चर्य होगा । .. ली जैसे तांत्रिकों का निश्चित अंजाम नरक और फ़िर तुच्छ तांत्रिक लोक होते हैं । मेरी आपको यही सलाह है । भूलकर भी किसी तांत्रिक से कोई उपचार और सहायता कभी न लें । उसकी अपेक्षा मृत्यु हो जाना अच्छा है । सात्विक भक्तिमय कोई भी उपचार कभी भी ले सकते हैं ।
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आदरणीय राजीव जी ! उत्तर देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद । क्यूंकि ये जिज्ञासा मुझे बहुत दिनों से परेशान कर रही थी कि - क्या ऐसा हो सकता हैं ? पर आपके उत्तर से मुझे बहुत संतुष्टि हुई हैं । मैं आपका आभारी हूँ । एक बार फिर से आपका बहुत बहुत धन्यवाद । और आपको प्रणाम । आपका स्नेहभिलाशी । प्रेम कुमार
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प्रेम जी डा ...ली एक छोटे स्तर के सिद्ध कुछ तांत्रिक सिद्धियाँ और कुछ तांत्रिक विध्याओं के जानकार थे । वह बहुत से निकृष्ट तांत्रिकों के सम्पर्क में भी रहते थे । ये लोग कभी कभार अपनी तंत्र विध्याओं का एक सम्मेलन सा करते हैं । जिनमें एक दूसरे को नीचा दिखाने की प्रवृति अधिक होती है । ऐसे ही सिद्धों के ठिकाने को ... ली ने सिद्धाश्रम कहा है । बाकी तांत्रिक लोकों सिद्ध लोकों में ऐसे सिद्धाश्रम अवश्य होते हैं । प्रथ्वी पर ऐसा कोई तालाब नहीं हैं । हाँ ऋषियों के समय में अवश्य थे । जैसे च्यवन ऋषि का ओंछा नामक स्थान पर था । जिसका प्रभाव अब समाप्त हो चुका है । कुछ एक जङी बूटियों से युक्त । खनिजों से
युक्त जल वाले तालाब । हिमालय और अन्य जगहों पर अबश्य हैं । जिनसे चर्म रोग गठिया आदि रोगों में कुछ लाभ हो जाता है । बाकी कायाकल्प का अर्थ बहुत बङा है । कुण्डलिनी तंत्र मंत्र विधा में चमत्कार कोई ज्यादा बङी चीज नहीं हैं । बल्कि उपचार की तरह है । वास्तव में व्यक्ति की आवश्यकता क्या है । इस पर निर्भर है । आपको आश्चर्य होगा । .. ली जैसे तांत्रिकों का निश्चित अंजाम नरक और फ़िर तुच्छ तांत्रिक लोक होते हैं । मेरी आपको यही सलाह है । भूलकर भी किसी तांत्रिक से कोई उपचार और सहायता कभी न लें । उसकी अपेक्षा मृत्यु हो जाना अच्छा है । सात्विक भक्तिमय कोई भी उपचार कभी भी ले सकते हैं ।
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आदरणीय राजीव जी ! उत्तर देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद । क्यूंकि ये जिज्ञासा मुझे बहुत दिनों से परेशान कर रही थी कि - क्या ऐसा हो सकता हैं ? पर आपके उत्तर से मुझे बहुत संतुष्टि हुई हैं । मैं आपका आभारी हूँ । एक बार फिर से आपका बहुत बहुत धन्यवाद । और आपको प्रणाम । आपका स्नेहभिलाशी । प्रेम कुमार
4 टिप्पणियां:
प्रिय बंधुवर आपने जिस प्रकार से सिद्धाश्रम के अस्तित्व को नकारा है, हमें आपकी समझ पर दुःख हो रहा है! क्या आपमें वो क्षमता है कि आप वहाँ जा सके और उन योगियों से मिल सके!आप अपनी प्रसंसा के लिए दूसरों का अपमान ना करे...आपकी बातों से बहुतो की भावना आहत हो रही है...इसलिए बिना किसी की आलोचना के आप अपना कार्य करे, नहीं तो संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है!
आपका--स्वामी प्रेम आनन्द निखिल शिष्य
Prem Anand ji - पूरे विश्व के लोग मुझसे सत्य जानने की भावना से प्रश्न करते हैं । यह प्रमाण यहीं ब्लाग पर है । उनको सत्य बताना मेरा फ़र्ज है । प्रथ्वी पर ऐसे कोई सिद्धाश्रम नहीं है । हाँ कुछ तांत्रिक मांत्रिक अपनी साधना स्थलियों को ऐसा कोई नाम व्यक्तिगत रूप से देते हों । वह अलग बात है । मुझे आज 25 वर्ष से अधिक द्वैत अद्वैत साधनाओं में हो गये । शायद आप नये नये इस ब्लाग को पढ रहे हैं । सत्यकीखोज ब्लाग का भी विस्त्रत अध्ययन करें । आपको पता चल जायेगा । जहाँ तक अलौकिक सिद्धाश्रम जैसी छोटी जगहों पर जाने योगियों से मिलने की बात है । वह मेरे लिये बहुत पुरानी बातें हैं । बेहतर है । अधिक जानकारी के लिये आप मुझसे फ़ोन पर बात कर लेना । मेरे रजि. आश्रम वगैरह की डिटेल आपको सत्यकीखोज पर मिल जायेगी । फ़ोन न. इसी ब्लाग पर भी मौजूद है ।
rajiv g aap sahi he to phir wo jo guru bana phir raha he sant aasaram wo bhee sahi he is duniya me sidh aasram to he hi nai ye to bilkul sachnai he sach to aap he wo sant aasaram bapu he kyu rajiv g
Sir,namaste.kafi din hue aapka aashirwad nahin le saka,is k liye kshamaprarthi hun.aage news ye hai ki ye shrimali saheb inka main pichle 2 months se kafi study kar raha hun.Kundalini jagran ke different processes ke chakkar main inka saamna hua. net pe inki khasi fajihat hui hai. Fraud or cheat the.Ab mujhe ye to nahin pata ki acche level ka tantric kaun ho sakta hai,but yahan maine kisi tarah 3 tantric dhundhe jo shrimali saheb se bhut naraz hain.or soorat se ye tantric log kafi senior bhi hain.ye shriman ji foto or 5000 rs ke sath diksha kar diya karte the jo inke gang k log ab bhi kar rahey hain.tantra k bare main bhrantiyan failane ka poora nahin to bhi 70/80% credit inhi ko jata hai.Ek sutra se bhi pata chala hai ki banares ki KINARAM aghora shakha se inhe dhakke mar ke nikal diya gaya tha. ab baqi to understood he hai.or bhi bhut se kuvichar inhone failaye hain jo common sense he false sabit ho sakte hain. ashirwad banaye rakhiye,apka nalayak chela,akash.
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