नाम रूप दुइ ईस उपाधी । अकथ अनादि सुसामुझि साधी ।
रूप बिशेष नाम बिनु जानें । करतल गत न परहिं पहिचानें ।
नाम जीह जपि जागहिं जोगी । बिरति बिरंचि प्रपंच बियोगी ।
बृह्म सुखहि अनुभवहि अनूपा । अकथ अनामय नाम न रूपा ।
साधक नाम जपहि लय लाए । होहि सिद्ध अनिमादिक पाए ।
चहु जुग चहु श्रुति नाम प्रभाऊ । कलि बिशेषि नहिं आन उपाऊ । ?
ब्यापक एक बृह्म अबिनाशी । सत चेतन घन आंनद रासी ।
नाम सप्रेम जपत अनयासा । भगत होहिं मुद मंगल बासा ।
राम एक तापस तिय तारी । नाम कोटि खल कुमति सुधारी । नाम की ताकत
नाम गरीब अनेक नेवाजे । लोक बेद बर बिरिद बिराजे । नाम की ताकत
फिरत सनेह मगन सुख अपने । नाम प्रसाद सोच नहिं सपने ।
बृह्म राम ते नामु बड़ बर दायक बर दानि । रामचरित सत कोटि मह लिय महेश जिय जानि ।
नाम प्रसाद शंभु अबिनाशी । साजु अमंगल मंगल रासी ।
ध्रुव सगलानि जपेउ हरि नांऊ । पायउ अचल अनूपम ठांऊ ।
चहुं जुग तीनि काल तिहु लोका । भए नाम जपि जीव बिसोका ।
देखिअहिं रूप नाम आधीना । रूप ज्ञान नहिं नाम बिहीना । ?
नाम रूप गति अकथ कहानी । समुझत सुखद न परति बखानी ।
बृह्म सुखहि अनुभवहि अनूपा । अकथ अनामय नाम न रूपा ।
साधक नाम जपहि लय लाए । होहि सिद्ध अनिमादिक पाए ।
चहू चतुर कहु नाम अधारा । ज्ञानी प्रभुहि बिशेषि पिआरा ।
मोरें मत बड़ नामु दुहू तें । किए जेहिं जुग निज बस निज बूतें । ? यह कौन सा नाम है
निरगुन ते एहि भांति बड़ । नाम प्रभाउ अपार । कहंउ नामु बड़ राम ते । निज बिचार अनुसार । ?
राम एक तापस तिय तारी । नाम कोटि खल कुमति सुधारी । नाम की ताकत
नाम गरीब अनेक नेवाजे । लोक बेद बर बिरिद बिराजे । नाम की ताकत
नामु लेत भव सिंधु सुखाहीं । करहु बिचारु सुजन मन माहीं ।
बृह्म राम ते नामु बड़ बर दायक बर दानि । रामचरित सत कोटि मह लिय महेश जिय जानि ।
नाम प्रसाद शंभु अबिनाशी । साजु अमंगल मंगल रासी ।
नारद जानेउ नाम प्रतापू । जग प्रिय हरि हरि हर प्रिय आपू ।
कहौं कहाँ लगि नाम बड़ाई । रामु न सकहिं नाम गुन गाई । ??
नाम कामतरु काल कराला । सुमिरत समन सकल जग जाला ।
डा. संजय चिंताहरण आश्रम से दीक्षा प्राप्ति के बाद लौटकर । इसका विवरण अलग से लेख में प्रकाशित होगा । आपका बहुत बहुत आभार संजय जी ।
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