ये दोस्ती हम नहीं छोडेंगे ।
राजीव राजा ! जैसे तेरी और मेरी दोस्ती इस ब्लाग जगत में मशहूर है । इसी तरह आजकल अन्ना हजारे मशहूर है । कल मैं सुबह जब ताजी ठण्डी हवा में सैर करने निकला । तब मुझे दूर से शर्मा आता दिखाई दिया ( शर्मा हमारा पडोसी है । इसके बारे में खुल के फ़िर कभी अलग लेख में बताऊँगा )
शर्मा मेरे पास आकर बोला - त्रिपाठी जी ! नमस्कार । मैंने भी नमस्ते बुलाई ।
शर्मा बोला - त्रिपाठी जी ! आज सुबह सुबह कैसे निकल आये ?
मैंने कहा - शर्मा जी ! मैं तो रोज सुबह सैर करता हूँ । कभी लेट हो जाऊँ । तो शाम को सैर कर लेता हूँ । आप ही हो जो कभी सैर पे आ जाते हो । और कभी नहीं आते ।
खैर.. फ़िर हम दोनों एक साथ सैर करने लगे ।
शर्मा बोला - आज बहुत बडा दिन है ।
मैंने कहा - कैसे ?
शर्मा बोला - आज अन्ना हजारे अनशन करेगा । मैंने मन में कहा - बहन च.. पहले ही हिन्दुस्तान आधा भूखा है । तुम लोग अनशन पर लगे हुए हो ।
शर्मा बोला - बाबा रामदेव जो नहीं कर सका । वो अब होगा ।
मैंने कहा - क्या होगा ?
शर्मा बोला - क्रान्ति ।
मैंने मन में कहा - वाह ।
शर्मा बोला - बाबा रामदेव कोई महान आत्मा है ।
मैंने कहा - वो कैसे ?
शर्मा बोला - बाबा रामदेव शायद महात्मा गान्धी का पुनर्जन्म है । और इस समय जो लोग बाबा रामदेव और अन्ना हजारे का साथ दे रहें है । वो सब वही आत्मायें है । जो 1947 में शहीद हो गये थे ।
मैंने मन में सोचा । अगर बाबा रामदेव गान्धी का पुनर्जन्म है । तो तुम लोग उसकी हर साल जयन्ती क्यूँ मनाते हो ?
इतने में उस मास्टर की पत्नी कुत्ता घुमाती आ गयी । शर्मा ने उसे देखकर अपनी आवाज और तेज कर दी ।
शर्मा कहने लगा - अन्ना हजारे का साथ देना हमारा फ़र्ज है ।
जब मास्टरनी एकदम पास आयी । तो शर्मा फ़टाफ़ट बोला - नमस्कार मैडम जी ! क्या हाल चाल है जी.. ही ही.. ।
मास्टरनी भी हम दोनों को नमस्ते बुलाकर हँसते हुये चली गयी । शर्मा फ़िर
भाषण देने लगा । इतने में सामने से वर्मा जी की बेटी जागिंग करती आ रही थी । तब शर्मा बात तो मेरे से कर रहा था । लेकिन चोर आँख से वर्मा की बेटी को देख रहा था । जब वर्मा की बेटी हमारे पास से गुजरती हुई निकल गयी । तो शर्मा ने अपनी गरदन घुमाकर उस लडकी के पिछवाडे भी गौर से देखा था ।
मैंने कहा - शर्मा जी ! आप कुछ कह रहे थे ? कहिये । मैं आपकी बात ध्यान से सुन रहा हूँ ।
तब शर्मा बोला - हाँ हाँ । मैं सोच रहा था । और देख रहा था कि शायद कोई और अपनी कालोनी का आदमी नजर आ जाये । तो उसे भी साथ ले चलेंगे ।
मैंने कहा - कहाँ पर ?
शर्मा बोला - त्रिपाठी जी ! आज शाम को 1 प्राइवेट सँस्था में मीटिंग है । अन्ना हजारे के फ़ेवर में । आप भी वहाँ पहुँच जाना ।
मैंने कहा - जरुर पहुचूँगा । तुम देखना ।
खैर.. उसके बाद मैं घर आ गया । आज कालेज की छुट्टी थी । अक्सर 15 अगस्त के बाद 1 दिन की छुट्टी और होती है । लेकिन जब सुबह टी वी देखा । तो पता चला । अन्ना हजारे को पुलिस ने पकड कर तिहाड जेल में डाल दिया ।
फ़िर शाम हुई । लेकिन मैं किसी मीटिंग में नहीं गया । शाम को 8 बजे मैं । मेरा बाप । और नौकर पाण्डु शराब पीते हुये टी वी देखने लगे । मैंने सोचा । फ़िल्म तो रोज ही देखते है । जरा आज नेशनल खबरें देखी जायें । जब खबरें लगायी । तो मेरा बाप और नौकर शोर मचाने लगे कि - ये साला क्या लगा दिया ?
मैंने कहा - रुको यार ! जरा शान्ति रखो । आज थोडी देर खबरें देखने दो । बाद में फ़िल्म लगा दूँगा ।
मैंने खबरें लगा दी । मेरा बाप किसी नाराज प्रेमिका की तरह मुँह फ़ुलाकर बैठ गया । नौकर पाण्डु किसी रूठे हुये बच्चे की तरह चुप हो गया ।
लेकिन मैंने खबरों की तरफ़ ध्यान दिया । बाबा रामदेव का कोई खास प्रोग्राम चल रहा था । अन्ना हजारे की गिरफ़तारी के उपर । बाबा रामदेव बोल रहा था - अत्याचार को हटाओ । भृष्टाचार को मिटाओ । महिलाओं को बलात्कार से छुङाओ ।
बाबा रामदेव चीख चीखकर बोल रहा था । फ़िर जब बाबा रामदेव बोलते बोलते थोङा हाँफ़ गया । तब बोला - अरे इस तरह की सरकारों ने तो राम और कृष्ण जैसों को नहीं छोङा । इसलिये मुझे भी नहीं छोङेंगे । लेकिन इन भृष्ट नेताओं ने अगर माँ का दूध पिया है । तो साबित करके बताओ कि सन्यासी बाबा रामदेव ने कभी पूरे जीवन में 1 रुपये का भी घपला
किया हो तो । कहो सरकार से । है उनमें हिम्मत । बाबा रामदेव की इस बात से पूरा हाल जोरदार तालियों से गूँज पङा । और बाबा रामदेव के चेहरे पर सकून भरी मुस्कान आ गयी । तभी मेरा नौकर थोडा झुँझलाकर बोल पडा - अरे साहब जी ! हटाओ इस ब....को । कोई फ़िल्म विल्म लगाओ ।
साथ की साथ मेरा बाप भी बोल पङा - यार ! क्या थूक में भजिया तलने चले हो । कोई बढिया सा गाना लगाओ ।
मैंने कहा - अरे रुको । बस थोडी देर और ।
फ़िर बाबा रामदेव बोला - इस सरकार ने षङयंत्र रचकर बालकृष्ण जी को फ़ँसाया । उन पर आरोप लगाया कि उनके दवाई के ट्रकों में नशे का कच्चा सामान आ रहा था । बाबा रामदेव फ़िर बोला - लेकिन हम
चुप रहे । क्योंकि हम सन्यासी है । हिंसा हमारा काम नहीं है । और आज देश भी जाग चुका है । बच्चा बच्चा हमारे साथ है । भारत की 121 करोड आबादी हमारे साथ है । अब जनता जाग चुकी है । वो दिन दूर नहीं । जब हर छोटा बडा फ़ैसला जनता लेगी ।
इतने में मेरे बाप ने मेरी पीठ पर हाथ मारा । और इशारा किया ( उसके इशारे का मतलब था कि - हटाओ इसको ) मैंने भी साथ की साथ उसे हल्का सा इशारा किया ( मेरे इशारे का मतलब था कि - बस कुछ मिनट और ) बाबा रामदेव बोला - अहिंसा ही सबसे बडी शक्ति है । गान्धी जी के पास क्या था ? अहिंसा की शक्ति थी । जिस तरह उन्होंने अहिंसा से देश को विदेशियों से छुडाकर वापिस
भारतियों को सौंपा था । ठीक उसी तरह अब हम भी अहिंसा के बल से देश को भृष्टाचार से छुडायेंगे ।
मेरा नौकर धीरे से बोल पडा - ग...मारो देश को ।
मैंने कहा - बाबा रामदेव अन्ना हजारे की फ़ेवर में बोल रहा है ।
मेरा बाप बोला थोडा गुस्से में बोला - म....अ..वे अन्ना हजारे को छोङ । यार तू फ़िल्म लगा ।
खैर.. फ़िर मैंने जनता की जोरदार माँग पर केबल टी वी पर आ रही धर्मेंन्द्र की कोई पुरानी एक्शन मूवी लगा दी । खैर उसके बाद जब खाना खाकर सब सो गये । तो मैंने चुपके से टी वी फ़िर लगा लिया । और अलग अलग चैनल्स की खबरें देखने लगा ।
मैंने देखा कि अलग अलग राज्यों में लोग अपने अपने राज्यों में तरह तरह के प्रदर्शन करने में लगे हुये हैं । सब लोग जोरदार नारेबाजी कर रहे हैं । मैंने 1
बात नोट की । प्रदर्शनकारियों की भीड में बहुत से नौजवान मुस्टण्डे ऐसे थे । जो बडे बन ठन कर आये हुये थे । कान में बाली । आँखों पर रंगीन चश्मा । रंग बिरंगे टी शर्ट । कसी हुई जींस । बडी फ़ैन्सी किस्म की बेल्ट । आजकल के ऊटपटाँग हेयर स्टायल । उन कुत्तों की शक्ल देखकर मैं समझ तो गया था कि ये अपना कुछ और भी उल्लू सीधा करने आये हैं । साले शक्ल से ही हरामी लग रहे थे । वहाँ भीड में बहुत सी नव युवतियाँ और महिलायें थी । जिनमें से कुछ सुन्दर भी थी । देश के नाम पर बहुत से लोग शराफ़त का नकाब पहने उन्हें ही देखने आये थे । अधिकतर मुस्टण्डे काम काज न करने वाले लफ़ण्डर और लफ़ाडिया किस्म के ही थे । बस भीड में अपनी शो दिखाई दी । इस उम्मीद से नारे लगा दिये । शायद कोई लडकी या भाभी टायप औरत पट जाये ।
साथ में टीवी पर आने का सुनहरा मौका भी मिल गया । उन सालों के लिये तो ये टाइम पास मनोरंजन है ।
उधर बेचारे अन्ना हजारे के पुलिस... सेक देगी । बुढापे में कोई हड्डी चटक गयी । तो शोले का ठाकुर बलदेव सिंह बनकर बाकी जिन्दगी गुजारनी पडेगी । फ़िर मुझे याद आया कि जब बाबा रामदेव रामलीला मैदान ( दिल्ली ) में अपनी .. बचाकर भागा था । तब वहाँ महिला पुलिस ने भी वहाँ औरतों के डण्डों से सेक दिये थे । मुझे सोचकर हँसी आयी कि ये महिला पुलिस भी बहुत चालू और ट्रेण्ड होती है । उन लोगों ने निशाना लगा लगाकर जोर जोर से औरतों पर डण्डों की बरसात की होगी । जिस जिस औरत पर अच्छी तरह बरसात हुई होगी । वो तो बेचारी अगले दिन तक अपना बाँया दाँया कूल्हा पकड कर सोचती होगी हाय..अभी तक दर्द हो कर रहा है ।
खैर... राजीव राजा ! अब तुम भी अपने भारतीय होने का फ़र्ज निभाओ । और अपने पाठकों को थूक लगाओ । मेरा मतलब तुम भी अन्ना हजारे के रोके हुये राशन पर भाषण दे डालो । क्योंकि 1 बार 1 बाबा रामदेव जैसा लडका रेलवे लाइन पर टट्टी करने के बाद वहीं पर बैठा अपने हाथों से अपने ..तङ धो रहा था ।
तभी वहाँ 1 अन्ना हजारे जैसा आदमी आया । और उस लडके से बोला - बेटा ! रेलवे लाइन के उपर बैठे अपने हाथों से अपने ..तङ धो रहे हो । अगर पीछे से ट्रेन आ गयी । तो तुम अपने ..तङों से ही हाथ धो बैठोगे ।
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सभी चित्र और लेख के प्रस्तुतकर्ता - श्री विनोद त्रिपाठी । प्रोफ़ेसर । लाला लाजपत राय नगर । भोपाल । मध्य प्रदेश । ई मेल से ।
- त्रिपाठी जी ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद । त्रिपाठी जी अभी मैं थोङा अलग स्थिति में हूँ । इसलिये अपना कोई व्यू नहीं जोङ रहा ।
राजीव राजा ! जैसे तेरी और मेरी दोस्ती इस ब्लाग जगत में मशहूर है । इसी तरह आजकल अन्ना हजारे मशहूर है । कल मैं सुबह जब ताजी ठण्डी हवा में सैर करने निकला । तब मुझे दूर से शर्मा आता दिखाई दिया ( शर्मा हमारा पडोसी है । इसके बारे में खुल के फ़िर कभी अलग लेख में बताऊँगा )
शर्मा मेरे पास आकर बोला - त्रिपाठी जी ! नमस्कार । मैंने भी नमस्ते बुलाई ।
शर्मा बोला - त्रिपाठी जी ! आज सुबह सुबह कैसे निकल आये ?
मैंने कहा - शर्मा जी ! मैं तो रोज सुबह सैर करता हूँ । कभी लेट हो जाऊँ । तो शाम को सैर कर लेता हूँ । आप ही हो जो कभी सैर पे आ जाते हो । और कभी नहीं आते ।
खैर.. फ़िर हम दोनों एक साथ सैर करने लगे ।
शर्मा बोला - आज बहुत बडा दिन है ।
मैंने कहा - कैसे ?
शर्मा बोला - आज अन्ना हजारे अनशन करेगा । मैंने मन में कहा - बहन च.. पहले ही हिन्दुस्तान आधा भूखा है । तुम लोग अनशन पर लगे हुए हो ।
शर्मा बोला - बाबा रामदेव जो नहीं कर सका । वो अब होगा ।
मैंने कहा - क्या होगा ?
शर्मा बोला - क्रान्ति ।
मैंने मन में कहा - वाह ।
शर्मा बोला - बाबा रामदेव कोई महान आत्मा है ।
मैंने कहा - वो कैसे ?
शर्मा बोला - बाबा रामदेव शायद महात्मा गान्धी का पुनर्जन्म है । और इस समय जो लोग बाबा रामदेव और अन्ना हजारे का साथ दे रहें है । वो सब वही आत्मायें है । जो 1947 में शहीद हो गये थे ।
मैंने मन में सोचा । अगर बाबा रामदेव गान्धी का पुनर्जन्म है । तो तुम लोग उसकी हर साल जयन्ती क्यूँ मनाते हो ?
इतने में उस मास्टर की पत्नी कुत्ता घुमाती आ गयी । शर्मा ने उसे देखकर अपनी आवाज और तेज कर दी ।
शर्मा कहने लगा - अन्ना हजारे का साथ देना हमारा फ़र्ज है ।
जब मास्टरनी एकदम पास आयी । तो शर्मा फ़टाफ़ट बोला - नमस्कार मैडम जी ! क्या हाल चाल है जी.. ही ही.. ।
मास्टरनी भी हम दोनों को नमस्ते बुलाकर हँसते हुये चली गयी । शर्मा फ़िर
भाषण देने लगा । इतने में सामने से वर्मा जी की बेटी जागिंग करती आ रही थी । तब शर्मा बात तो मेरे से कर रहा था । लेकिन चोर आँख से वर्मा की बेटी को देख रहा था । जब वर्मा की बेटी हमारे पास से गुजरती हुई निकल गयी । तो शर्मा ने अपनी गरदन घुमाकर उस लडकी के पिछवाडे भी गौर से देखा था ।
मैंने कहा - शर्मा जी ! आप कुछ कह रहे थे ? कहिये । मैं आपकी बात ध्यान से सुन रहा हूँ ।
तब शर्मा बोला - हाँ हाँ । मैं सोच रहा था । और देख रहा था कि शायद कोई और अपनी कालोनी का आदमी नजर आ जाये । तो उसे भी साथ ले चलेंगे ।
मैंने कहा - कहाँ पर ?
शर्मा बोला - त्रिपाठी जी ! आज शाम को 1 प्राइवेट सँस्था में मीटिंग है । अन्ना हजारे के फ़ेवर में । आप भी वहाँ पहुँच जाना ।
मैंने कहा - जरुर पहुचूँगा । तुम देखना ।
खैर.. उसके बाद मैं घर आ गया । आज कालेज की छुट्टी थी । अक्सर 15 अगस्त के बाद 1 दिन की छुट्टी और होती है । लेकिन जब सुबह टी वी देखा । तो पता चला । अन्ना हजारे को पुलिस ने पकड कर तिहाड जेल में डाल दिया ।
फ़िर शाम हुई । लेकिन मैं किसी मीटिंग में नहीं गया । शाम को 8 बजे मैं । मेरा बाप । और नौकर पाण्डु शराब पीते हुये टी वी देखने लगे । मैंने सोचा । फ़िल्म तो रोज ही देखते है । जरा आज नेशनल खबरें देखी जायें । जब खबरें लगायी । तो मेरा बाप और नौकर शोर मचाने लगे कि - ये साला क्या लगा दिया ?
मैंने कहा - रुको यार ! जरा शान्ति रखो । आज थोडी देर खबरें देखने दो । बाद में फ़िल्म लगा दूँगा ।
मैंने खबरें लगा दी । मेरा बाप किसी नाराज प्रेमिका की तरह मुँह फ़ुलाकर बैठ गया । नौकर पाण्डु किसी रूठे हुये बच्चे की तरह चुप हो गया ।
लेकिन मैंने खबरों की तरफ़ ध्यान दिया । बाबा रामदेव का कोई खास प्रोग्राम चल रहा था । अन्ना हजारे की गिरफ़तारी के उपर । बाबा रामदेव बोल रहा था - अत्याचार को हटाओ । भृष्टाचार को मिटाओ । महिलाओं को बलात्कार से छुङाओ ।
बाबा रामदेव चीख चीखकर बोल रहा था । फ़िर जब बाबा रामदेव बोलते बोलते थोङा हाँफ़ गया । तब बोला - अरे इस तरह की सरकारों ने तो राम और कृष्ण जैसों को नहीं छोङा । इसलिये मुझे भी नहीं छोङेंगे । लेकिन इन भृष्ट नेताओं ने अगर माँ का दूध पिया है । तो साबित करके बताओ कि सन्यासी बाबा रामदेव ने कभी पूरे जीवन में 1 रुपये का भी घपला
किया हो तो । कहो सरकार से । है उनमें हिम्मत । बाबा रामदेव की इस बात से पूरा हाल जोरदार तालियों से गूँज पङा । और बाबा रामदेव के चेहरे पर सकून भरी मुस्कान आ गयी । तभी मेरा नौकर थोडा झुँझलाकर बोल पडा - अरे साहब जी ! हटाओ इस ब....को । कोई फ़िल्म विल्म लगाओ ।
साथ की साथ मेरा बाप भी बोल पङा - यार ! क्या थूक में भजिया तलने चले हो । कोई बढिया सा गाना लगाओ ।
मैंने कहा - अरे रुको । बस थोडी देर और ।
फ़िर बाबा रामदेव बोला - इस सरकार ने षङयंत्र रचकर बालकृष्ण जी को फ़ँसाया । उन पर आरोप लगाया कि उनके दवाई के ट्रकों में नशे का कच्चा सामान आ रहा था । बाबा रामदेव फ़िर बोला - लेकिन हम
चुप रहे । क्योंकि हम सन्यासी है । हिंसा हमारा काम नहीं है । और आज देश भी जाग चुका है । बच्चा बच्चा हमारे साथ है । भारत की 121 करोड आबादी हमारे साथ है । अब जनता जाग चुकी है । वो दिन दूर नहीं । जब हर छोटा बडा फ़ैसला जनता लेगी ।
इतने में मेरे बाप ने मेरी पीठ पर हाथ मारा । और इशारा किया ( उसके इशारे का मतलब था कि - हटाओ इसको ) मैंने भी साथ की साथ उसे हल्का सा इशारा किया ( मेरे इशारे का मतलब था कि - बस कुछ मिनट और ) बाबा रामदेव बोला - अहिंसा ही सबसे बडी शक्ति है । गान्धी जी के पास क्या था ? अहिंसा की शक्ति थी । जिस तरह उन्होंने अहिंसा से देश को विदेशियों से छुडाकर वापिस
भारतियों को सौंपा था । ठीक उसी तरह अब हम भी अहिंसा के बल से देश को भृष्टाचार से छुडायेंगे ।
मेरा नौकर धीरे से बोल पडा - ग...मारो देश को ।
मैंने कहा - बाबा रामदेव अन्ना हजारे की फ़ेवर में बोल रहा है ।
मेरा बाप बोला थोडा गुस्से में बोला - म....अ..वे अन्ना हजारे को छोङ । यार तू फ़िल्म लगा ।
खैर.. फ़िर मैंने जनता की जोरदार माँग पर केबल टी वी पर आ रही धर्मेंन्द्र की कोई पुरानी एक्शन मूवी लगा दी । खैर उसके बाद जब खाना खाकर सब सो गये । तो मैंने चुपके से टी वी फ़िर लगा लिया । और अलग अलग चैनल्स की खबरें देखने लगा ।
मैंने देखा कि अलग अलग राज्यों में लोग अपने अपने राज्यों में तरह तरह के प्रदर्शन करने में लगे हुये हैं । सब लोग जोरदार नारेबाजी कर रहे हैं । मैंने 1
बात नोट की । प्रदर्शनकारियों की भीड में बहुत से नौजवान मुस्टण्डे ऐसे थे । जो बडे बन ठन कर आये हुये थे । कान में बाली । आँखों पर रंगीन चश्मा । रंग बिरंगे टी शर्ट । कसी हुई जींस । बडी फ़ैन्सी किस्म की बेल्ट । आजकल के ऊटपटाँग हेयर स्टायल । उन कुत्तों की शक्ल देखकर मैं समझ तो गया था कि ये अपना कुछ और भी उल्लू सीधा करने आये हैं । साले शक्ल से ही हरामी लग रहे थे । वहाँ भीड में बहुत सी नव युवतियाँ और महिलायें थी । जिनमें से कुछ सुन्दर भी थी । देश के नाम पर बहुत से लोग शराफ़त का नकाब पहने उन्हें ही देखने आये थे । अधिकतर मुस्टण्डे काम काज न करने वाले लफ़ण्डर और लफ़ाडिया किस्म के ही थे । बस भीड में अपनी शो दिखाई दी । इस उम्मीद से नारे लगा दिये । शायद कोई लडकी या भाभी टायप औरत पट जाये ।
साथ में टीवी पर आने का सुनहरा मौका भी मिल गया । उन सालों के लिये तो ये टाइम पास मनोरंजन है ।
उधर बेचारे अन्ना हजारे के पुलिस... सेक देगी । बुढापे में कोई हड्डी चटक गयी । तो शोले का ठाकुर बलदेव सिंह बनकर बाकी जिन्दगी गुजारनी पडेगी । फ़िर मुझे याद आया कि जब बाबा रामदेव रामलीला मैदान ( दिल्ली ) में अपनी .. बचाकर भागा था । तब वहाँ महिला पुलिस ने भी वहाँ औरतों के डण्डों से सेक दिये थे । मुझे सोचकर हँसी आयी कि ये महिला पुलिस भी बहुत चालू और ट्रेण्ड होती है । उन लोगों ने निशाना लगा लगाकर जोर जोर से औरतों पर डण्डों की बरसात की होगी । जिस जिस औरत पर अच्छी तरह बरसात हुई होगी । वो तो बेचारी अगले दिन तक अपना बाँया दाँया कूल्हा पकड कर सोचती होगी हाय..अभी तक दर्द हो कर रहा है ।
खैर... राजीव राजा ! अब तुम भी अपने भारतीय होने का फ़र्ज निभाओ । और अपने पाठकों को थूक लगाओ । मेरा मतलब तुम भी अन्ना हजारे के रोके हुये राशन पर भाषण दे डालो । क्योंकि 1 बार 1 बाबा रामदेव जैसा लडका रेलवे लाइन पर टट्टी करने के बाद वहीं पर बैठा अपने हाथों से अपने ..तङ धो रहा था ।
तभी वहाँ 1 अन्ना हजारे जैसा आदमी आया । और उस लडके से बोला - बेटा ! रेलवे लाइन के उपर बैठे अपने हाथों से अपने ..तङ धो रहे हो । अगर पीछे से ट्रेन आ गयी । तो तुम अपने ..तङों से ही हाथ धो बैठोगे ।
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सभी चित्र और लेख के प्रस्तुतकर्ता - श्री विनोद त्रिपाठी । प्रोफ़ेसर । लाला लाजपत राय नगर । भोपाल । मध्य प्रदेश । ई मेल से ।
- त्रिपाठी जी ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद । त्रिपाठी जी अभी मैं थोङा अलग स्थिति में हूँ । इसलिये अपना कोई व्यू नहीं जोङ रहा ।
2 टिप्पणियां:
क्या बकवास छापा है ये ?
ha ha ha ha ha ha
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