जामुन के फ़ल पूरी तरह पकने के बाद चार दिन में असार हो जाते हैं । एक महीने के बाद कटहल असार हो जाता है । छह माह के बाद खजूर बेकार हो जाता है । नारियल फ़ोडने के बाद एक दिन रात में असार हो जाता है । परन्तु सूखे नारियल और खजूर में यह दोष नहीं होता । एक वर्ष के बाद सुपाडी । एक घडी यानी 24 मिनट के बाद ताम्बूल ( पान ) तीन घन्टे के बाद पका हुआ अन्न । तीन पक्ष के बाद तेल में पकाया गया पदार्थ । बारह घन्टे के बाद घी में पकाया हुआ पदार्थ असार हो जाता है । नौ घन्टे के बाद शाक निसार हो जाता है । जम्बीरी नीबू । श्रंगबेर । आंवला । कपूर तथा आम एक वर्ष बाद सार रहित हो जाते हैं । लेकिन तुलसी सदा सार युक्त रहती है । एकादशी के दिन गीली या सूखी या फ़िर जल के साथ तुलसी का सेवन करना चाहिये । एकादशी के दिन अन्न सारहीन हो जाता है । एकादशी के दिन हरि भक्ति बेहद सार होती है । आषाड महीने में शाक । भादों में दही । आश्विन महीने में दूध निःस्सार हो जाता है । इसी तरह प्रभु के नाम का उच्चारण न करने वाला मुख । और प्रभु को नैवेध रूप में बिना अर्पित किये हुये बना हुआ समस्त भोजन निःस्सार हो जाता है । तीन दिन में अलसी का फ़ूल । एक पहर में मल्लिका । आधे पहर के बाद चमेली सार रहित हो जाती है । तीन वर्ष के बाद केसर । दस वर्ष के बाद कस्तूरी । तथा एक वर्ष के बाद कपूर सारहीन हो जाता है । लेकिन चन्दन सदैव सारवान रहता है ।
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" जाकी रही भावना जैसी । हरि मूरत देखी तिन तैसी । "
" सुखी मीन जहाँ नीर अगाधा । जिम हरि शरण न एक हू बाधा । "
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