
भक्ति क्या है ?
भक्ति स्वतंत्र सकल सुख खानी
बिनु सत्संग न पावहिं प्राणी .
भक्ति शब्द का अर्थ जाने भक्ति कौन करता है
भक्ति करने वाले को भक्त कहते है भक्त याने जुदा हुआ भक्त शब्द संस्कृत भाषा का है थोडा सा भी अधिक पड़े लोग जानते होंगे के विभक्त का अर्थ अलग होना है भक्त जुड़ा विभक्त अलग
सीधी सी बात है के भक्ति समस्त सुखों को देने वाली है परन्तु विना सत्संग के इसको प्राप्त नहीं किया जा सकता है . सत्संग का अर्थ है सत्य का संग और सत्य केवल परमात्मा ही है रामायण मैं स्पष्ट लिखा है
ब्रह्माण्ड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति वेद कहे .
मंदोदरी भी कहती है
सुन रावण ब्रह्माण्ड निकाया पाय जासु बल विचरत माया
अर्थात ये समस्त ब्रह्माण्ड आदि माया से निर्मित है यानी बनावटी है और परमात्मा सत्य है उसी सत्य का संग करने से भक्ति होती है अगर कोई प्रश्न हो तो ०९८३७३६४१२९ पर संपर्क करें .
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