अभी पिछले दिनों हमारे एक परिचित ने किन्हीं सदगुरु डॉ. जयंत अठावले के बारे में बताया । नेट से प्राप्त सूत्रों के अनुसार जिनका भगवा संगठन ‘सनातन संस्था’ के नाम से है । डॉ. जयंत अठावले की शिष्या तनुजा ठाकुर के अनुसार डॉ. जयंत अठावले ने कुछ धार्मिक विषयों पर पुस्तकें भी लिखी हैं । जो भी जानकारी प्राप्त हुयी । वह सत्यकीखोज के पाठकों के लिये पेश है ।
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गोवा बम विस्फोट के 6 महीने बाद राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ( N I A ) ने भगवा संगठन ‘सनातन संस्था’ के प्रमुख से पूछताछ की । और आश्रम पर छापा भी मारा । संस्था के प्रमुख जयंत अठावले से N I A ने उनके रामनाथी आश्रम स्थित आवास पर पूछताछ की । संस्था के मुखपत्र ‘सनातन प्रभात’ ने दावा किया है कि - N I A के 1 दल ने सनातन संस्था के संस्थापक डॉ. जयंत अठावले से उनके आवास पर पूछताछ की ।
हालाँकि इस मामले में पुष्टि के लिए N I A का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था । लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस दल में धनंजय अष्टेकर भी मौजूद था । जो इस मामले के 4 आरोपियों में से 1 है । ( भाषा )
साभार - हिन्दी बेव दुनिया से । लिंक पर क्लिक करें ।
http://hindi.webdunia.com/news/news/regional/1004/12/1100412010_1.htm
डॉक्टर जयंत बालाजी अठावले की शिष्या - तनुजा ठाकुर का लेख ।
पिछले 1 वर्ष से हमारे कुछ मित्र हमें पुस्तक लिखने के लिए बारबार कह रहे हैं । वस्तुतः पिछले 14 वर्षों से पूर्ण समय आध्यत्मिक जीवन जीने के कारण यदि कुछ लिख भी सकी । तो इसी विषय पर लिखूंगी । परन्तु मेरे श्रीगुरु ने ऐसा कोई विषय छोड़ा ही नहीं है कि - मैं कुछ लिख सकूँ । जैसे कहा जाता है कि महर्षि व्यास के उपरान्त यदि कोई कुछ भी लिखेगा । तो व्यासोच्छिष्टं ही कहलायेगा । उसी प्रकार मैं कुछ भी लिखने का प्रयास करूँ । तो वह मेरे श्रीगुरु का उच्छिष्ट ही होगा । तभी मन में विचार आया कि श्री गुरु ने जो भी कुछ सिखाया । क्यों न उसे ही पहले शब्दों में पिरो कर उनके चरणों में अर्पण करूँ । इस बात का अच्छे से भान है कि लिखने के लिए मेरे मित्रों द्वारा बोलने वाले भी वही हैं । और आगे जो भी लेखन कार्य होगा । वह भी उन्हीं की प्रेरणा से होगा ।
बात जुलाई 1997 की है । जब हमारे 1 परिचित ने बताया कि उनकी मित्र मंडली शिरडी जा रही है । और वह मुझे जाने के लिए आग्रह करने लगे । परन्तु आश्चर्य । मैंने उन्हें मना कर दिया । मुझे शिरडी के साईं बाबा के दर्शन करने की इच्छा कुछ दिनों पहले तक थी । और मैंने उन्हें यह बात बताई भी थी । परन्तु अचानक ही वहाँ जाने की इच्छा पूर्णतः समाप्त हो चुकी थी । मैंने उन्हें कहा - अब मुझे किसी तीर्थ क्षेत्र जाने की आवश्यकता नहीं । कारण । मुझे मेरे गुरु के दर्शन हो गए हैं । अब मेरे सारे तीर्थ मेरे श्रीगुरु के चरणों में ही है । ( 2 महीने पूर्व ही मुझे परम पूज्य गुरुदेव डॉक्टर जयंत बालाजी अठावले के दर्शन हुए थे ) मैंने जब यह कहा । तब कोई अपराध बोध नहीं था । और एक आत्म तृप्ति का भाव था । कुछ समय पश्चात मैंने सनातन संस्था के ग्रन्थ ( बाबा की सीख ) में पढ़ा कि - 1 बार बाबा ( परम पूज्य भक्तराज महाराज ) ने प्रवास के दौरान परम पूज्य गुरुदेव ( डा. जयंत अठावले ) से कहा कि - सामने 1 शिव का मंदिर है । वहाँ जाकर बेल पत्र चढ़ा दो । उन्होंने उसे बाबा के ऊपर चढ़ा दिया । और कहा कि - अब आप ही मेरे शिव हैं । कुछ समय पश्चात परम पूज्य गुरुदेव ने बाबा से पूछा कि - क्या उनकी वह कृति सही थी । बाबा ने मुस्कुराते हुए हामी भरी । सच तो यही है कि 1 बार शिष्य को सदगुरु के दर्शन हो जाये । तो उसे अपने गुरु के चरणों के सिवा कुछ भी दिखाई नहीं देता । और न ही किसी के दर्शन करने की इच्छा शेष रह जाती है । मई 1997 के पश्चात मुझे किसी - देवता । संत । गुरु । तीर्थ क्षेत्र के दर्शन करने की तीवृ इच्छा नहीं हुई । दर्शन शब्द के तृप्ति का बोध हुआ ।
तनुजा ठाकुर के लेख का लिंक - क्लिक करें ।
http://www.facebook.com/notes/tanuja-thakur/%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%81-%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%B0%E0%A4%A3-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%97-%E0%A5%A7/199014486781871?comment_id=2725446&offset=0&total_comments=4
मडगाव धमाके में सनातन संस्था प्रमुख से पूछताछ Apr 11, 11:30 pm
पणजी । गोवा बम धमाके के करीब 6 महीने बाद मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी [ N I A ] ने हिंदू संगठन सनातन संस्था के प्रमुख डा. जयंत अठावले से पूछताछ की । और संस्था के आश्रम पर छापे मारे । पिछले साल 16 OCT को मडगाव में हुए इस धमाके में 2 लोग मारे गए थे ।
N I A के जांच दल ने अठावले से शनिवार को रामनाथी आश्रम में स्थित उनके घर पर पूछताछ की । संस्था के मुख पत्र 'सनातन प्रभात' में रविवार को इस बारे में जानकारी दी गई । हालांकि जांच एजेंसी के किसी अधिकारी का इस बारे में कोई बयान नहीं आया है । सूत्रों के मुताबिक जांच दल ने इस मामले में गिरफ्तार संस्था के प्रबंध ट्रस्टी धनंजय अस्तेकर से भी पूछताछ की है । पुलिस ने इस मामले में अस्तेकर समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है । N I A टीम ने संस्था के आश्रम पर छापा मार कर वहां से कुछ सामान अपने कब्जे में लिया है ।
साभार जागरण याहू . काम से । लिंक पर क्लिक करें ।
http://in.jagran.yahoo.com/news/national/general/5_1_6329167.html
सभी जानकारी के स्रोत नेट लिंको से साभार ।
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