एक आदमी राजस्थान के किसी शहर में रहता था । वह ग्रेजुएट था । और एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था । पर वो अपनी ज़िन्दगी से खुश नहीं था । हर समय वो किसी न किसी समस्या से परेशान रहता था । और उसी के बारे में सोचता रहता था ।
एक बार शहर से कुछ दूरी पर एक एक महात्मा का काफिला रुका हुआ था । शहर में चारों और उन्ही की चर्चा थी । बहुत से लोग अपनी समस्याएं लेकर उनके पास पहुँचने लगे । उस आदमी को भी इस बारे में पता चला । और उसने भी महात्मा के दर्शन करने का निश्चय किया ।
छुट्टी के दिन सुबह सुबह ही उनके काफिले तक पहुंचा । वहाँ सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटी हुई थी । बहुत इंतज़ार के बाद उसका नंबर आया ।
वह बाबा से बोला - बाबा, मैं अपने जीवन से बहुत दुखी हूँ । हर समय समस्याएं मुझे घेरी रहती हैं । कभी आफिस की टेंशन रहती है । तो कभी घर पर अनबन हो जाती है । और कभी अपने सेहत को लेकर परेशान रहता हूँ । बाबा कोई ऐसा उपाय बताइये कि मेरे जीवन से सभी समस्याएं ख़त्म हो जाएं । और मैं चैन से जी सकूँ ?
बाबा मुस्कुराये और बोले - पुत्र, आज बहुत देर हो गयी है । मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर कल सुबह दूंगा । लेकिन क्या तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे ?
- ज़रूर करूँगा । वो आदमी उत्साह के साथ बोला ।
- देखो बेटा । हमारे काफिले में सौ ऊंट हैं । और इनकी देखभाल करने वाला आज बीमार पड़ गया है । मैं चाहता हूँ कि आज रात तुम इनका खयाल रखो । और जब सौ के सौ ऊंट बैठ जाएं । तो तुम भी सो जाना ।
ऐसा कहते हुए महात्मा अपने तम्बू में चले गए ।
अगली सुबह महात्मा उस आदमी से मिले । और पूछा - कहो बेटा, नींद अच्छी आई ।
- कहाँ बाबा । मैं तो एक पल भी नहीं सो पाया । मैंने बहुत कोशिश की । पर मैं सभी ऊंटों को नहीं बैठा पाया । कोई न कोई ऊंट खड़ा हो ही जाता । वो दुखी होते हुए बोला ।
- मैं जानता था । यही होगा । आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ है कि ये सारे ऊंट एक साथ बैठ जाएं ।
बाबा बोले ।
आदमी नाराज़गी के स्वर में बोला - तो फिर आपने मुझे ऐसा करने को क्यों कहा ?
बाबा बोले - बेटा, कल रात तुमने क्या अनुभव किया ? यही ना कि चाहे कितनी भी कोशिश कर लो । सारे ऊंट एक साथ नहीं बैठ सकते । तुम एक को बैठाओगे । तो कहीं और कोई दूसरा खड़ा हो जाएगा । इसी तरह तुम एक समस्या का समाधान करोगे । तो किसी कारणवश दूसरी खड़ी हो जाएगी । पुत्र जब तक जीवन है । ये समस्याएं तो बनी ही रहती हैं । कभी कम तो कभी ज्यादा ।
- तो हमें क्या करना चाहिए ? आदमी ने जिज्ञासावश पूछा ।
- इन समस्याओं के बावजूद जीवन का आनंद लेना सीखो । कल रात क्या हुआ । कई ऊंट रात होते होते खुद ही बैठ गए । कई तुमने अपने प्रयास से बैठा दिए । पर बहुत से ऊंट तुम्हारे प्रयास के बाद भी नहीं बैठे । और जब बाद में तुमने देखा तो पाया कि तुम्हारे जाने के बाद उनमें से कुछ खुद ही बैठ गए । कुछ समझे …। समस्याएं भी ऐसी ही होती हैं । कुछ तो अपने आप ही ख़त्म हो जाती हैं ।
कुछ को तुम अपने प्रयास से हल कर लेते हो । और कुछ तुम्हारे बहुत कोशिश करने पर भी हल नहीं होतीं । ऐसी समस्याओं को समय पर छोड़ दो । उचित समय पर वे खुद ही ख़त्म हो जाती हैं । और जैसा कि मैंने पहले कहा..जीवन है । तो कुछ समस्याएं रहेंगी ही रहेंगी । पर इसका ये मतलब नहीं कि तुम दिन रात उन्ही के बारे में सोचते रहो । ऐसा होता । तो ऊंटों की देखभाल करने वाला कभी सो नहीं पाता । समस्याओं को एक तरफ रखो । और जीवन का आनंद लो । चैन की नींद सोओ ।
जब उनका समय आएगा । वो खुद ही हल हो जाएँगी ।
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यह प्रेरणादायक दृष्टांत किसी बेवपेज से साझा किया है । जिसका मूल स्रोत ‘अज्ञात’ है । अतः मूल का उल्लेख न कर सकने का खेद है ।
एक बार शहर से कुछ दूरी पर एक एक महात्मा का काफिला रुका हुआ था । शहर में चारों और उन्ही की चर्चा थी । बहुत से लोग अपनी समस्याएं लेकर उनके पास पहुँचने लगे । उस आदमी को भी इस बारे में पता चला । और उसने भी महात्मा के दर्शन करने का निश्चय किया ।
छुट्टी के दिन सुबह सुबह ही उनके काफिले तक पहुंचा । वहाँ सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटी हुई थी । बहुत इंतज़ार के बाद उसका नंबर आया ।
वह बाबा से बोला - बाबा, मैं अपने जीवन से बहुत दुखी हूँ । हर समय समस्याएं मुझे घेरी रहती हैं । कभी आफिस की टेंशन रहती है । तो कभी घर पर अनबन हो जाती है । और कभी अपने सेहत को लेकर परेशान रहता हूँ । बाबा कोई ऐसा उपाय बताइये कि मेरे जीवन से सभी समस्याएं ख़त्म हो जाएं । और मैं चैन से जी सकूँ ?
बाबा मुस्कुराये और बोले - पुत्र, आज बहुत देर हो गयी है । मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर कल सुबह दूंगा । लेकिन क्या तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे ?
- ज़रूर करूँगा । वो आदमी उत्साह के साथ बोला ।
- देखो बेटा । हमारे काफिले में सौ ऊंट हैं । और इनकी देखभाल करने वाला आज बीमार पड़ गया है । मैं चाहता हूँ कि आज रात तुम इनका खयाल रखो । और जब सौ के सौ ऊंट बैठ जाएं । तो तुम भी सो जाना ।
ऐसा कहते हुए महात्मा अपने तम्बू में चले गए ।
अगली सुबह महात्मा उस आदमी से मिले । और पूछा - कहो बेटा, नींद अच्छी आई ।
- कहाँ बाबा । मैं तो एक पल भी नहीं सो पाया । मैंने बहुत कोशिश की । पर मैं सभी ऊंटों को नहीं बैठा पाया । कोई न कोई ऊंट खड़ा हो ही जाता । वो दुखी होते हुए बोला ।
- मैं जानता था । यही होगा । आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ है कि ये सारे ऊंट एक साथ बैठ जाएं ।
बाबा बोले ।
आदमी नाराज़गी के स्वर में बोला - तो फिर आपने मुझे ऐसा करने को क्यों कहा ?
बाबा बोले - बेटा, कल रात तुमने क्या अनुभव किया ? यही ना कि चाहे कितनी भी कोशिश कर लो । सारे ऊंट एक साथ नहीं बैठ सकते । तुम एक को बैठाओगे । तो कहीं और कोई दूसरा खड़ा हो जाएगा । इसी तरह तुम एक समस्या का समाधान करोगे । तो किसी कारणवश दूसरी खड़ी हो जाएगी । पुत्र जब तक जीवन है । ये समस्याएं तो बनी ही रहती हैं । कभी कम तो कभी ज्यादा ।
- तो हमें क्या करना चाहिए ? आदमी ने जिज्ञासावश पूछा ।
- इन समस्याओं के बावजूद जीवन का आनंद लेना सीखो । कल रात क्या हुआ । कई ऊंट रात होते होते खुद ही बैठ गए । कई तुमने अपने प्रयास से बैठा दिए । पर बहुत से ऊंट तुम्हारे प्रयास के बाद भी नहीं बैठे । और जब बाद में तुमने देखा तो पाया कि तुम्हारे जाने के बाद उनमें से कुछ खुद ही बैठ गए । कुछ समझे …। समस्याएं भी ऐसी ही होती हैं । कुछ तो अपने आप ही ख़त्म हो जाती हैं ।
कुछ को तुम अपने प्रयास से हल कर लेते हो । और कुछ तुम्हारे बहुत कोशिश करने पर भी हल नहीं होतीं । ऐसी समस्याओं को समय पर छोड़ दो । उचित समय पर वे खुद ही ख़त्म हो जाती हैं । और जैसा कि मैंने पहले कहा..जीवन है । तो कुछ समस्याएं रहेंगी ही रहेंगी । पर इसका ये मतलब नहीं कि तुम दिन रात उन्ही के बारे में सोचते रहो । ऐसा होता । तो ऊंटों की देखभाल करने वाला कभी सो नहीं पाता । समस्याओं को एक तरफ रखो । और जीवन का आनंद लो । चैन की नींद सोओ ।
जब उनका समय आएगा । वो खुद ही हल हो जाएँगी ।
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यह प्रेरणादायक दृष्टांत किसी बेवपेज से साझा किया है । जिसका मूल स्रोत ‘अज्ञात’ है । अतः मूल का उल्लेख न कर सकने का खेद है ।
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