राजीव कुमार जिन्दावाद । हमारा नेता कैसा हो ? राजीव कुमार कुलश्रेष्ठ जैसा हो । तुम जैसे आदमी का ब्लाग पढकर मेरे जैसे ? आदमी के दिमाग में भी सवाल आने लगे हैं ।
Q 1 तन्त्र । मन्त्र । जन्त्र ( यन्त्र ) साधना में कौन सी पावरफ़ुल होती है ? सिर्फ़ जानकारी के लिये पूछा है । जबाब तुमको देना पङेगा । नहीं तो तुमने ब्लाग क्यूँ बनाया ?
ANS - सभी साधनाओं में बहुत प्रकार हो जाते हैं । इसलिये कौन सी पावरफ़ुल है । कैसे कहा जा सकता है । उदाहरण के लिये आप मन्त्र साधना में एक छोटे देवता और छोटी शक्ति के मन्त्र का जाप करते हो । तो उसकी तुलना में अनेक तन्त्र बङे होते हैं । कोई यन्त्र बङा होता है । अतः साधना के अलग अलग प्रकार हो जाते हैं । मन्त्र तन्त्र यन्त्र से मतलब ये नहीं हैं कि इन शीर्षकों से सिर्फ़ एक ही तरह की साधना होती है । एक एक शीर्षक की हजारों छोटी बङी साधनायें होती हैं । लेकिन जैसे बच्चा पहली क्लास से पढाई करता हुआ आगे बङता है । वैसा ही तरीका यहाँ भी है । फ़िर इसकी अनेकों शाखायें हैं ।
Q 2 मैं अगले जन्म में उस पूनम ( बोल्ड एन्ड ब्यूटीफ़ुल गर्ल ) जैसी लङकी से शादी करना चाहता हूँ । जो दिखने में पदमिनी हो । मेरी पत्नी तो सूखी दुबली पतली सी सेक्सलेस है । अगले जन्म में पूनम जैसी सुन्दर और भरे हुये बदन की औरत पाने के लिये मैं इस जन्म में कौन सी साधना करूँ ? कृपया मेरा मार्गदर्शन करें । मैं अपनी कल्पना में सिर्फ़ सुन्दर और सेक्सी औरतों का ही संग करता हूँ ।
ANS - कोई भी साधना । एज धन कमाना । शक्ति प्राप्त करना । और जब आपके पास धन और शक्ति है । तो आप कुछ भी खरीद सकते हो । लेकिन अच्छी औरत प्राप्ति के लिये इसी जन्म या अगले जन्मों के लिये भी उपाय होते हैं । मुख्य बात आपकी चाहत पर निर्भर है । वैसे सबसे सरल सहज परमात्मा की सुरति शब्द योग भक्ति ही है । और इसमें सब कुछ उसी पर छोङ दिया जाता है । छोङ दिया अब जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों में । अब जीत तुम्हारे हाथों में । और हार तुम्हारे हाथों में । और वो सबका बाप है । तुम्हारे मन की हर बात जानता है । इसलिये वो हर बात पूरी भी करेगा । इसी भक्ति के लिये कहा गया है । एकहि साधे सब सधें । सब साधे सब जायँ । रहिमन सींचों मूल को । तो फ़ूलों फ़लो अघाय । मतलब उस एक बाप ( परमात्मा ) को बाप कहने से ही सब काम हो जाँय । तो फ़िर अनेक बाप ( देवता आदि की भक्ति ) बनाने की क्या आवश्यकता ?? ये सब तो उसके दासों के दास की भी हैसियत नहीं रखते ।
Q 3 ये दिव्य साधना तन्त्र मन्त्र एन्ड जन्त्र से पावरफ़ुल है क्या ? एन्ड लेकिन ये दिव्य साधना सुरति शब्द साधना से नीचे की है । तो क्या सुरति शब्द साधना दिव्य साधना वाला लाभ भी देगी ?
ANS - दिव्यता की ओर ले जाने वाली किसी भी साधना को दिव्य साधना ही कहते हैं । तन्त्र मन्त्र यन्त्र में भी दिव्यसाधना के पाठयकृम है । ये स्थान स्थान पर अलग अलग शब्दों का प्रयोग ही है । कोई उसी कालेज में पढकर चपरासी बनता है । और कोई प्रिन्सीपल । प्रधानमन्त्री राष्ट्रपति आदि । सुरति शब्द साधना सभी साधनाओं का एकीकरण है । और इससे हर वो लाभ मिलता है । जो विभिन्न कष्टदायी अति मेहनत के बाद कोई एक फ़ल किसी साधना से मिलता है । राम एक तापस तिय तारी । नाम कोटि खल उद्धारी । राम ने सिर्फ़ अहिल्या को तारा था । नाम ( महामन्त्र या परमात्मा का नाम ) से करोङों सुखी होकर तर गये ।
Q 4 यार तुमने बहुत टाइम से कोई प्रेतकथा नहीं पोस्ट की । प्लीज इस बार जल्दी करो । और अगर किसी ने नेक्स्ट जन्म में प्रेत बनना हो । तो उसको क्या करना चाहिये ?
ANS - प्रेतकथा समय मिलने पर ।.. प्रेत बनने के लिये । शमशान आदि में जाकर बैठना । उन्ही के बारे में सोचना । इसी तरह की निकृष्ट तांत्रिक क्रिया आदि करना । और भी बहुत तरीके हैं । कान से प्राण निकलने पर प्रेतयोनि मिलती है ।
Q 5 कोई कहता है । सटरडे को लोहे का सामान मत खरीदो । थर्सडे को बाल मत कटवाओ । या कपङे मत धोओ । कोई छींक आने को अशुभ समझता है । कोई बिल्ली रास्ता काटने को । क्या ये सब बेकार की बातें हैं ? मेरे फ़ैमिली मेम्बर्स साले ये सब अंधविश्वास बहुत मानते हैं । मैं नहीं मानता । इन सबका जबाब भी दे देना । लेकिन आराम से । कोई जल्दवाजी भी नहीं । लेकिन इतनी देर भी मत करना कि मेरी जिन्दगी मेरे से रूठ जाय । डू नाट वरी । बी हैप्पी ओ के । तुम्हारे आंसर का इंतजार रहेगा ।
ANS - ये मिथ्या बातें हैं । जो अग्यानता से फ़ैली है । दरअसल शास्त्र अनुसार कुछ शुभ या विशेष कार्यों में ऐसे ? कुछ नियमों का पालन किया जाता था । जो बाद में इंसान ने अपनी जिन्दगी से ही जोङ लिये ।
( मैंने आज शाम को तुम्हारा आर्टीकल पढा । मैं तो डर गया भाई । जिन लेडीज के बारे में मैं गलत सोचता हूँ । तुमने कहा कि कि )
Q 6 वो अगले जन्म में ?? मेरी बहन बेटी या माँ बनकर गलत आचरण से मेरे से बदला लेंगी । मतलब क्या है कि नेक्स्ट जन्मों में मेरी अश्लील सोच की वजह से मुझे करेक्टरलेस बहन बेटी या माँ मिल सकती है ।ANS - मेरा आशय ये नहीं था । बुरा आचरण किसी भी रूप में हो सकता है । वैसे भी कोई भी इंसान चरित्रहीन बने । या चरित्रवान । उसमें दूसरा कोई कुछ नहीं कर सकता ।
Q 7 दूसरी बात सबके अंदर एक परमात्मा ही है । क्या परमात्मा ही आत्मा बनकर सबके अन्दर बैठा है ? तो मैं कौन हूँ ?? मैं शरीर भी नहीं हूँ । मैं अंतःकरण भी नहीं हूँ । ये भी एक प्रकार का सूक्ष्म शरीर ही है । तो क्या मैं ही वो चेतन तत्व हूँ ? इस शरीर के अन्दर जिसको आत्मा कहा जाता है ।
ANS - इस प्रश्न का उत्तर कई रूपों में मेरे ब्लाग्स में हैं । फ़िर भी इसके लिये अलग से एक बङी पोस्ट बनेगी । जो आगे समय मिलने पर ।
( जहाँ इतना कुछ बता दिया । अब इस बात को बीच में मत छोङना । मैंने शाम को आज जो और क्वेश्चन भेजे थे । उनके साथ ही अब जो और मैसेज लिखा है । इसका भी खुलकर आंसर देकर मेरा भला कर दे बेटा । एक बात और भी आंसर में एड कर देना । वो ये कि )
Q 8 कुन्डलिनी साधना तन्त्र मन्त्र साधना से बङी है या स्माल ? एन्ड क्या कुन्डलिनी साधना दिव्य साधना से बङी है या छोटी ??
ANS - कुन्डलिनी महाशक्ति ही संसार को चला रही है । और ये सुरति शब्द साधना से छोटी लेकिन बाकी सभी साधनाओं से बङी है । सभी साधनायें किसी न किसी रूप में इसी से शक्ति लेती हैं । ये सभी साधनाओं का ट्रेजरी आफ़िस है ।
Q 1 तन्त्र । मन्त्र । जन्त्र ( यन्त्र ) साधना में कौन सी पावरफ़ुल होती है ? सिर्फ़ जानकारी के लिये पूछा है । जबाब तुमको देना पङेगा । नहीं तो तुमने ब्लाग क्यूँ बनाया ?
ANS - सभी साधनाओं में बहुत प्रकार हो जाते हैं । इसलिये कौन सी पावरफ़ुल है । कैसे कहा जा सकता है । उदाहरण के लिये आप मन्त्र साधना में एक छोटे देवता और छोटी शक्ति के मन्त्र का जाप करते हो । तो उसकी तुलना में अनेक तन्त्र बङे होते हैं । कोई यन्त्र बङा होता है । अतः साधना के अलग अलग प्रकार हो जाते हैं । मन्त्र तन्त्र यन्त्र से मतलब ये नहीं हैं कि इन शीर्षकों से सिर्फ़ एक ही तरह की साधना होती है । एक एक शीर्षक की हजारों छोटी बङी साधनायें होती हैं । लेकिन जैसे बच्चा पहली क्लास से पढाई करता हुआ आगे बङता है । वैसा ही तरीका यहाँ भी है । फ़िर इसकी अनेकों शाखायें हैं ।
Q 2 मैं अगले जन्म में उस पूनम ( बोल्ड एन्ड ब्यूटीफ़ुल गर्ल ) जैसी लङकी से शादी करना चाहता हूँ । जो दिखने में पदमिनी हो । मेरी पत्नी तो सूखी दुबली पतली सी सेक्सलेस है । अगले जन्म में पूनम जैसी सुन्दर और भरे हुये बदन की औरत पाने के लिये मैं इस जन्म में कौन सी साधना करूँ ? कृपया मेरा मार्गदर्शन करें । मैं अपनी कल्पना में सिर्फ़ सुन्दर और सेक्सी औरतों का ही संग करता हूँ ।
ANS - कोई भी साधना । एज धन कमाना । शक्ति प्राप्त करना । और जब आपके पास धन और शक्ति है । तो आप कुछ भी खरीद सकते हो । लेकिन अच्छी औरत प्राप्ति के लिये इसी जन्म या अगले जन्मों के लिये भी उपाय होते हैं । मुख्य बात आपकी चाहत पर निर्भर है । वैसे सबसे सरल सहज परमात्मा की सुरति शब्द योग भक्ति ही है । और इसमें सब कुछ उसी पर छोङ दिया जाता है । छोङ दिया अब जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों में । अब जीत तुम्हारे हाथों में । और हार तुम्हारे हाथों में । और वो सबका बाप है । तुम्हारे मन की हर बात जानता है । इसलिये वो हर बात पूरी भी करेगा । इसी भक्ति के लिये कहा गया है । एकहि साधे सब सधें । सब साधे सब जायँ । रहिमन सींचों मूल को । तो फ़ूलों फ़लो अघाय । मतलब उस एक बाप ( परमात्मा ) को बाप कहने से ही सब काम हो जाँय । तो फ़िर अनेक बाप ( देवता आदि की भक्ति ) बनाने की क्या आवश्यकता ?? ये सब तो उसके दासों के दास की भी हैसियत नहीं रखते ।
Q 3 ये दिव्य साधना तन्त्र मन्त्र एन्ड जन्त्र से पावरफ़ुल है क्या ? एन्ड लेकिन ये दिव्य साधना सुरति शब्द साधना से नीचे की है । तो क्या सुरति शब्द साधना दिव्य साधना वाला लाभ भी देगी ?
ANS - दिव्यता की ओर ले जाने वाली किसी भी साधना को दिव्य साधना ही कहते हैं । तन्त्र मन्त्र यन्त्र में भी दिव्यसाधना के पाठयकृम है । ये स्थान स्थान पर अलग अलग शब्दों का प्रयोग ही है । कोई उसी कालेज में पढकर चपरासी बनता है । और कोई प्रिन्सीपल । प्रधानमन्त्री राष्ट्रपति आदि । सुरति शब्द साधना सभी साधनाओं का एकीकरण है । और इससे हर वो लाभ मिलता है । जो विभिन्न कष्टदायी अति मेहनत के बाद कोई एक फ़ल किसी साधना से मिलता है । राम एक तापस तिय तारी । नाम कोटि खल उद्धारी । राम ने सिर्फ़ अहिल्या को तारा था । नाम ( महामन्त्र या परमात्मा का नाम ) से करोङों सुखी होकर तर गये ।
Q 4 यार तुमने बहुत टाइम से कोई प्रेतकथा नहीं पोस्ट की । प्लीज इस बार जल्दी करो । और अगर किसी ने नेक्स्ट जन्म में प्रेत बनना हो । तो उसको क्या करना चाहिये ?
ANS - प्रेतकथा समय मिलने पर ।.. प्रेत बनने के लिये । शमशान आदि में जाकर बैठना । उन्ही के बारे में सोचना । इसी तरह की निकृष्ट तांत्रिक क्रिया आदि करना । और भी बहुत तरीके हैं । कान से प्राण निकलने पर प्रेतयोनि मिलती है ।
Q 5 कोई कहता है । सटरडे को लोहे का सामान मत खरीदो । थर्सडे को बाल मत कटवाओ । या कपङे मत धोओ । कोई छींक आने को अशुभ समझता है । कोई बिल्ली रास्ता काटने को । क्या ये सब बेकार की बातें हैं ? मेरे फ़ैमिली मेम्बर्स साले ये सब अंधविश्वास बहुत मानते हैं । मैं नहीं मानता । इन सबका जबाब भी दे देना । लेकिन आराम से । कोई जल्दवाजी भी नहीं । लेकिन इतनी देर भी मत करना कि मेरी जिन्दगी मेरे से रूठ जाय । डू नाट वरी । बी हैप्पी ओ के । तुम्हारे आंसर का इंतजार रहेगा ।
ANS - ये मिथ्या बातें हैं । जो अग्यानता से फ़ैली है । दरअसल शास्त्र अनुसार कुछ शुभ या विशेष कार्यों में ऐसे ? कुछ नियमों का पालन किया जाता था । जो बाद में इंसान ने अपनी जिन्दगी से ही जोङ लिये ।
( मैंने आज शाम को तुम्हारा आर्टीकल पढा । मैं तो डर गया भाई । जिन लेडीज के बारे में मैं गलत सोचता हूँ । तुमने कहा कि कि )
Q 6 वो अगले जन्म में ?? मेरी बहन बेटी या माँ बनकर गलत आचरण से मेरे से बदला लेंगी । मतलब क्या है कि नेक्स्ट जन्मों में मेरी अश्लील सोच की वजह से मुझे करेक्टरलेस बहन बेटी या माँ मिल सकती है ।ANS - मेरा आशय ये नहीं था । बुरा आचरण किसी भी रूप में हो सकता है । वैसे भी कोई भी इंसान चरित्रहीन बने । या चरित्रवान । उसमें दूसरा कोई कुछ नहीं कर सकता ।
Q 7 दूसरी बात सबके अंदर एक परमात्मा ही है । क्या परमात्मा ही आत्मा बनकर सबके अन्दर बैठा है ? तो मैं कौन हूँ ?? मैं शरीर भी नहीं हूँ । मैं अंतःकरण भी नहीं हूँ । ये भी एक प्रकार का सूक्ष्म शरीर ही है । तो क्या मैं ही वो चेतन तत्व हूँ ? इस शरीर के अन्दर जिसको आत्मा कहा जाता है ।
ANS - इस प्रश्न का उत्तर कई रूपों में मेरे ब्लाग्स में हैं । फ़िर भी इसके लिये अलग से एक बङी पोस्ट बनेगी । जो आगे समय मिलने पर ।
( जहाँ इतना कुछ बता दिया । अब इस बात को बीच में मत छोङना । मैंने शाम को आज जो और क्वेश्चन भेजे थे । उनके साथ ही अब जो और मैसेज लिखा है । इसका भी खुलकर आंसर देकर मेरा भला कर दे बेटा । एक बात और भी आंसर में एड कर देना । वो ये कि )
Q 8 कुन्डलिनी साधना तन्त्र मन्त्र साधना से बङी है या स्माल ? एन्ड क्या कुन्डलिनी साधना दिव्य साधना से बङी है या छोटी ??
ANS - कुन्डलिनी महाशक्ति ही संसार को चला रही है । और ये सुरति शब्द साधना से छोटी लेकिन बाकी सभी साधनाओं से बङी है । सभी साधनायें किसी न किसी रूप में इसी से शक्ति लेती हैं । ये सभी साधनाओं का ट्रेजरी आफ़िस है ।