05 अक्तूबर 2013

50% लडकियां बेवकूफ नहीं होती हैं

1 बार अकबर ने बीरबल से पूछा - तुम्हारे भगवान और हमारे खुदा में बहुत फर्क है । हमारा खुदा तो अपना पैगम्बर भेजता है । जबकि तुम्हारा भगवान बारबार आता है । यह क्या बात है ? 
बीरबल - जहाँपनाह ! इस बात का कभी व्यवहारिक तौर पर अनुभव करवा दूँगा । आप जरा थोड़े दिनों की मोहलत दीजिए । 4-5 दिन बीत गये । बीरबल ने 1 आयोजन किया । अकबर को यमुना में नौका विहार कराने ले गये । कुछ नावों की व्यवस्था पहले से ही करवा दी थी । उस समय यमुना छिछली न थीं । उनमें अथाह जल था । बीरबल ने 1 युक्ति की कि जिस नाव में अकबर बैठा था । उसी नाव में 1 दासी को अकबर के नवजात शिशु के साथ बैठा दिया गया । सचमुच में वह नवजात शिशु नहीं था । मोम का बालक पुतला बनाकर उसे राजसी वस्त्र पहनाये गये थे । ताकि वह अकबर का बेटा लगे 

। दासी को सब कुछ सिखा दिया गया था । नाव जब बीच मझधार में पहुँची । और हिलने लगी । तब - अरे..रे..रे..ओ..ओ. कहकर दासी ने स्त्री चरित्र करके बच्चे को पानी में गिरा दिया । और रोने बिलखने लगी । अपने बालक को बचाने खोजने के लिए अकबर धड़ाम से यमुना में कूद पड़ा । खूब इधर उधर गोते मारकर बड़ी मुश्किल से उसने बच्चे को पानी में से निकाला । वह बच्चा तो क्या था । मोम का पुतला था । अकबर कहने लगा - बीरबल ! यह सारी शरारत तुम्हारी है । तुमने मेरी बेइज्जती करवाने के लिए ही ऐसा किया ।
बीरबल - जहांपनाह ! आपकी बेइज्जती के लिए नहीं । बल्कि आपके प्रश्न का उत्तर देने के लिए ऐसा किया गया था । आप इसे अपना शिशु समझकर नदी में कूद पड़े । उस समय आपको पता तो था ही । इन सब नावों में कई तैराक बैठे थे । नाविक भी बैठे थे । और हम भी तो थे । आपने हमको आदेश क्यों नहीं दिया ? हम कूदकर आपके बेटे की रक्षा करते ।
अकबर - बीरबल ! यदि अपना बेटा डूबता हो । तो अपने मंत्रियों को या तैराकों को कहने की फुरसत कहाँ रहती है ? खुद ही कूदा जाता है । बीरबल - जैसे अपने बेटे की रक्षा के लिए आप खुद कूद पड़े । ऐसे ही हमारे भगवान जब 

अपने बालकों को संसार एवं संसार की मुसीबतों में डूबता हुआ देखते हैं । तो वे पैगम्बर वैगम्बर को नहीं भेजते । वह खुद ही प्रगट होते हैं । वे अपने बेटों की रक्षा के लिए आप ही अवतार ग्रहण करते हैं । और संसार को आनंद तथा प्रेम के प्रसाद से धन्य करते हैं ।
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उसको नींदें मुझको सपने बांट गया । वक्त भी कैसे कैसे तोहफे बांट गया ।
एक ही दर पर सर झुकाने से सकून मिलता है ।
भटक जाते हैं वो लोग जिनके हजारों खुदा होते हैं । दर्शन कौर धनोय । 
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कभी कभी दिल चाहता है कुछ ऐसा हो जाये ।
पेपर हो पर रिजल्ट न आये । क्लास हो पर टीचर न आये ।
बस में बैठे पर कालेज न आये । पिकनिक जाये और वापिस न आये । हफ़्ते में 3 दिन हों और फ़िर सन डे आये ।
सोते रहें दिन भर फ़िर शाम को घूमने जाये । 
हम बिलकुल न पढें और पास हो जाये । 

सब दोस्त साथ रहें और छुट्टियां मनायें । 
जिसे चाहते हैं दिल से वो अपना हो जाये । 
बारिश में भीगें और जोर से गाना गायें ।
दुनियां भूल जायें और फ़िर बच्चे बन जायें ।
भीङ से दूर नई दुनियां बनायें । सारी जिन्दगी बस यूँ ही कट जाये । काश ! ये सारे सपने सच हो जायें ।
कभी कभी दिल चाहता है कुछ ऐसा हो जाये ।
Ranjeet Singh Bittu Ahuja
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1 बार कुछ बदमाश लड़कों ने Collage के नोटिस बोर्ड पर लिख दिया - 50% लडकियां बेवकूफ होती हैं । लड़कियों ने ये देखा । तो उन्हें बहुत बुरा लगा । उन्होंने collage में हंगामा खड़ा कर दिया । कालेज प्रबंधन ने तुरंत उस नोटिस को निकलवाया । और उसकी जगह नया नोटिस लगवाया - 50% लडकियां बेवकूफ नहीं होती हैं । तब जाकर लडकियों का गुस्सा शांत हुआ ।
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Osho on the Suffering of Jesus 
http://t.co/Obn4bGWkz8
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फेसबुक पर किसी की एक पोस्ट पर गरमागरम बहस के दौरान एक बु्द्धिजीवी ने मुझसे पूछा - आपकी नजर में एक वैश्या और एक फिल्म
एक्ट्रेस में क्या अन्तर है ??
मैंने जवाब दिया - वैश्या वो है । जो देश के 80% बलात्कारियों से हमारी बहन बेटी की सुरक्षा करती है । उन भूखे 

भेडियों की भूख चन्द सिक्कों के लिये अपना बदन बेचकर मिटाती है । और फिल्म एक्ट्रेस वो बीमारी है । जो देश के 100% बलात्कारियों को जन्म देती है । और अपने बदन की नुमायश करके हमारी बहन बेटियों के लिये असुरक्षा पैदा करती है । 
वो बुद्धिजीवी जवाब सुनकर निरुत्तर था । chauhaN.
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I want a relationship, Where we talk like best friends,  Play like kids,  Argue like husband and wife,  And protect each other like siblings.
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http://www.therapyandspirituality.com/
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Three things cannot be hidden long: the sun, the moon, and the truth - Buddha
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हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई या विश्व का कोई भी अन्य धर्म क्यों न हो । आज सबका उद्देश्य एक ही है - मानवता की हत्या कर दानवता को पोसना - राजीव कुलश्रेष्ठ ।
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I Am Police Officer - You Are Under Arrrrest
क्योंकि जितने प्यारे आप हो । उतना प्यारा होना कानूनन जुर्म है । इसलिये आपको दिल की जेल में उमृ भर दोस्ती की सजा दी जाती है
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अज्ञानी आस्तिकों का एक बहुप्रचलित झूठा तर्क - तर्क वितर्क में भगवान नहीं है ।
फ़िर आप सिर्फ़ बातों से जो सिद्ध करना चाहते हो । वह भी तर्क नहीं तो और क्या है ? - राजीव कुलश्रेष्ठ ।
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संभवतः सङे गले बदबूदार सभी मौजूदा धर्मों से आप वैसे ही उकताये हुये होंगे । फ़िर उनके वणिक वृति ठेकेदारों, जो मन्दिर मस्जिद चर्च गुरुद्वारों एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर बैठे हैं, से तो आपको निश्चय ही घोर नफ़रत ही होगी । लेकिन इसी जमात में एक एकदम नयी फ़सल " मुफ़्तस्थली अंतर्जाल स्वयंभू धर्मवेत्ता " ( ओं ) की यकायक विकसित हुयी है । और पौलीथिन प्रदूषण की भांति तेजी से फ़ैल रही है । ये तो आपके लिये अच्छा खासा सिर दर्द ही होंगे । क्योंकि जङता अज्ञान और मूर्खता फ़ैलाने में यह धर्मस्थलों पर बैठे धार्मिक व्यापारियों से भी चार कदम आगे ही हैं । इस बारे में आपके क्या विचार हैं ? - राजीव कुलश्रेष्ठ ।
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कैसा भी जोड़ो का दर्द हो । अगर उस पर अजवाइन का तेल बनाकर लगाया जाए । तो दर्द में बहुत जल्दी राहत मिलती है । 10 ग्राम अजवाइन का तेल 10 ग्राम पिपरमेंट और 20 ग्राम कपूर तीनों को मिलाकर एक बोतल में भर दें । दर्द या कमर दर्द या पसली दर्द, सिर दर्द आदि में तुरंत लाभ पहुंचाने वाली औषधि है । इसकी कुछ बूंदे मलिए । दर्द छूमंतर हो जाएगा । अजवाइन के तेल की मालिश करने से जोड़ों का दर्द । जकडऩ तथा शरीर के अन्य भागों पर भी मलने से दर्द में राहत मिलती है । आयुर्वेद संजीवनी ।
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अमेरिका की बात है । 1 युवक को व्यापार में बहुत नुकसान उठाना पड़ा । उस पर बहुत कर्ज चढ़ गया । तमाम जमीन जायदाद गिरवी रखना पड़ी । दोस्तों ने भी मुंह फेर लिया । जाहिर है । वह बहुत हताश था । कहीं से कोई राह नहीं सूझ रही थी । आशा की कोई किरण दिखाई न देती थी । 1 दिन वह 1 park में बैठा अपनी परिस्थितियों पर चिंता कर रहा था । तभी 1 बुजुर्ग वहाँ पहुँचे । कपड़ों से और चेहरे से वे काफी अमीर लग रहे थे । बुजुर्ग ने चिंता का कारण पूछा । तो उसने अपनी सारी कहानी बता दी । बुजुर्ग बोले - चिंता मत करो । मेरा नाम John D. Rockefeller है । मैं तुम्हे नहीं जानता । पर तुम मुझे सच्चे और ईमानदार लग रहे हो । इसलिए मैं तुम्हे 10 लाख डालर का कर्ज देने को तैयार हूँ । फिर जेब से check book निकाल कर उन्होंने रकम दर्ज की । और उस व्यक्ति को देते हुए बोले - नौजवान ! आज से ठीक 1 साल बाद हम ठीक इसी जगह मिलेंगे । तब तुम मेरा कर्ज चुका देना । इतना कहकर वो चले गए । युवक shocked था । Rockefeller तब america के सबसे अमीर व्यक्तियों में से 1 थे । युवक को तो भरोसा ही नहीं हो रहा था कि उसकी लगभग सारी मुश्किल हल हो गयी । उसके पैरो को पंख लग गये । घर पहुँचकर वह अपने कर्जों का हिसाब लगाने लगा । 20वी सदी की शुरुआत में 10 लाख डालर बहुत बड़ी धनराशि होती थी । और आज भी है । अचानक उसके मन में ख्याल आया । उसने सोचा 1 अपरिचित व्यक्ति ने मुझपे भरोसा किया । पर मैं खुद पर भरोसा नहीं कर रहा हूँ । यह ख्याल आते ही उसने चेक को संभाल कर रख लिया । उसने निश्चय कर लिया कि पहले वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेगा, । पूरी मेहनत करेगा कि इस मुश्किल से निकल जाए । उसके बाद भी अगर कोई चारा न बचे । तो वो check use करेगा । उस दिन के बाद युवक ने खुद को झोंक दिया । बस 1 ही धुन थी । किसी तरह सारे कर्ज चुकाकर अपनी प्रतिष्ठा को फिर से पाना है । उसकी कोशिशें रंग लाने लगी । कारोबार उबरने लगा । कर्ज चुकने लगा । साल भर बाद तो वो पहले से भी अच्छी स्थिति में था । निर्धारित दिन ठीक समय वह बगीचे में पहुँच गया । वह चेक लेकर Rockefeller की राह देख रहा था कि वे दूर से आते दिखे । जब वे पास पहुँचे । तो युवक ने बड़ी श्रद्धा से उनका अभिवादन किया । उनकी ओर चेक बढाकर उसने कुछ कहने के लिए मुंह खोल ही था कि 1 नर्स भागते हुए आई । और झपट्टा मारकर वृद्ध को पकड़ लिया । युवक हैरान रह गया । नर्स बोली - यह पागल बार बार पागलखाने से भाग जाता है । और लोगों को जान डी. Rockefeller के रूप में check बाँटता फिरता है । अब वह युवक पहले से भी ज्यादा हैरान रह गया । जिस check के बल पर उसने अपना पूरा डूबता कारोबार फिर से खड़ा किया । वह फर्जी था । पर यह बात जरुर साबित हुई कि वास्तविक जीत हमारे इरादे, हौसले और प्रयास में ही होती है । हम सभी यदि खुद पर विश्वास रखें । तो यक़ीनन किसी भी असुविधा से, situation से निपट सकते हैं । Courtesy - Shrikant Rai ji

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