14 सितंबर 2013

मैं खुद से खफा थी तुमसे नहीं

तो हम करें क्या ? ध्यान के लिए हम करें क्या ? यही शायद तुमने पूछना चाहा है कि ध्यान क्या है ? कैसे करें ? 
ध्यान के लिए हम इतना ही कर सकते हैं कि अपने को शिथिल करें । दौड़ धूप से थोड़ी देर के लिए रुक जाएं । घड़ी भर को 24 घंटे में सब आपाधापी छोड़ दें । लेकर तकिया निकल गए । लेट गए लान पर । टिक गए वृक्ष के साथ । आंखें बंद कर लीं । पहुँच गए नदी तट पर । लेट गए रेत में । सुनने लगे नदी की कलकल । मंदिर मस्जिद जाने को मैं कह ही नहीं रहा हूँ । क्योंकि पत्थरों में कहाँ ध्यान ? तुम जीवंत प्रकृति को खोजो ।
इसलिए बुद्ध ने अपने शिष्यों को कहा - जंगल चले जाओ । वहाँ प्रकृति नाचती चारों तरफ । 24 घंटे वहाँ रहोगे । कितनी देर तक बचोगे । कभी न कभी । तुम्हारे बावजूद । किसी क्षण में अनायास प्रकृति तुम्हें पकड़ लेगी । 1 क्षण को संस्पर्श हो जाए । 1 क्षण को द्वार खुल जाएं । 1 क्षण को पर्दा हट जाए । तो ध्यान का पहला अनुभव हुआ ।
और पहले अनुभव के बाद । फिर अनुभव आसान हो जाते हैं । आसान इसलिए हो जाते हैं कि तब तुम्हें 1 बात समझ में आ जाती है कि सीधे सीधे ध्यान को पाने का कोई उपाय नहीं है । परोक्ष मार्ग है । तुम शिथिल रहो । आहिस्ता से चलो । आपाधापी छोड़ो । 1 घंटे के लिए कम से कम 24 घंटे में लीन हो जाओ । प्रकृति में संगीत सुनो कि पक्षियों के गीत सुनो । कुछ न हो करने को । आँख बंद कर लो । अपनी सांस सुनो ।
बुद्ध ने तो इस पर बहुत जोर दिया । अपनी सांस को ही देखते रहो । आयी । गयी । आयी । गयी । इसकी माला बना लो । इससे बेहतर कोई माला नहीं है । हाथ में माला लेकर

फेरोगे । वह तो बहुत जड़ माला है । यहाँ जीवित श्वास चल रही है । श्वास की माला फेरी जा रही है । श्वास भीतर आयी । बाहर गयी । श्वास भीतर आयी । बाहर गयी । यह जो भीतर चक्र चल रहा है । मंडल श्वास का । इसको ही देखते रहो । शांत । मौन से इस पर ही टकटकी बांधे रहो । और तुम हैरान हो जाओगे । किसी बहुमूल्य मुहूर्त में कभी ताल बैठ जाता है । अचानक सब 1 हो जाता है । तुम मिट गए । संसार मिट गया ।
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PM ने जैसे ही शुरू किया भाषण । लोग उठकर जाने लगे ।
Source  दैनिक जागरण Updated on  Sat, 14 Sep 2013 03:14 PM ( IST ) चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो । प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह स्लम पुनर्वास योजना के उदघाटन के मौके पर पीएम को वहाँ मौजूद लोगों का विरोध झेलना पड़ा । वह धनास में बने..
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तरसी हूँ मैं । ता उम्र एक पल । जीने के लिए । ( पर )
कैसे समेटूं । दिल का दर्द मैं । चन्द बातों में ।
बीते वो पल । जिसमें खुशियां थी । और तुम भी । ( अब )

मेरा नसीब । कुछ भी तो नही है । अब दर्द के सिवा ।
यूँ समझो कि । मैं खुद से खफा थी । तुमसे नहीं । ( अब )
जीने के लिए । बस तू ही चाहिए । और न कुछ ।
साभार - प्रीति सुराना
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कस्तूरी कुण्डल बसे मृग ढूँढे बन मांहि ।
ऐसे प्रभु अंतर बसे मूरख बाहर जांहि ।
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U.P के बागपत लोकसभा सीट से नमाजवादी ( समाजवादी ) पार्टी के प्रत्याशी सोमपाल शास्त्री ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है । लोगोँ के रुख से ही सपा को हार नजर आने लगी है । सोमपाल शास्त्री ने दंगों के लिए अपनी पार्टी की सरकार को जिम्मेदार बताया । और दूसरी तरफ बागपत से सपा के पूर्व विधायक रतनलाल पंवार ने भी अपनी पार्टी को दंगो के लिए जिम्मेदार बताते हुए इस्तीफा दे दिया है ।
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फ़ेसबुक पर 1 कमेंट - शराब एवं शबाब में डूबे रहने वाले कांग्रेसी सरकार में अय्याश मंत्री शशि थरूर ने स्वामी विवेकानंद को कहा - शराबी ।
http://www.thehindu.com/news/national/kerala/rajagopal-flays-tharoor-remark-on-swami-vivekananda/article5127906.ece
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ताजा सर्वेक्षण में अकेले गूगल पर 1 दिन में मोदी को 1 अरब से ज्यादा लोगों ने सर्च किया । ये अपने आपमें 1

ही व्यक्ति का 1 दिन का अनोखा रिकार्ड है । जिसने ओबामा के गिनीज बुक रिकार्ड 9877532 को तोड़कर 1000077332 के रिकार्ड को छुआ है । पूरे विश्व की निगाहें आज भारत की ओर हैं । लोगों का मानना है कि - मोदी के समर्थ नेतृत्व में जल्द ही भारत 1 महाशक्ति के रूप में उभरेगा ।
Narendra Modi most searched person on Google, Earlier this record was on the name of Barack Obama
www.saharasamay.com/nation-news/politics-news/676537093/narendra-modi-most-searched-person-on-google.html

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