17 दिसंबर 2010

ठगे जाने वाले अन्धे हैं क्या ?


maine aksar suna hai kabhi kabhi log dukhi haalat mein bolte hain ki 'na maaya mili na raam' iska matlab kya hai.

( असमंजस की स्थिति । न दुनियां का ही मजा ले पाय । न ही भक्ति कर सके । दो नाव का सवार । दुविधा ( कनफ़्यूजन ) में दोनों गये । माया मिली न राम । )

1 baar kisi naastik ne mere samne kisi aastik ko mazak kiya tha ki 'bhagat jagat ko thagat' iska matlab kya hai.

( साधारण बात है । ठगने वाले भगत की संख्या ही ज्यादा है । पर ठगे जाने वाले अन्धे हैं क्या ? )

kabir ji and farid ji dono ko bahut uttam sant mana jata hai

( कबीर और फ़रीद में बहुत बडा अंतर था । कबीर मुक्त आत्मा हैं । वो सतलोक से जीवों को हर युग में मुक्त कराने आते हैं । जबकि फ़रीद ने इस ग्यान की साधना की थी । मेरी जानकारी के अनुसार कबीर तो पहले से थे ही । लेकिन रैदास जी और उनकी शिष्या मीरा जी ने अंत तक का ग्यान प्राप्त किया था । रामकृष्ण परमहंस और उनके शिष्य विवेकानन्द जी ने भी इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया था । बाकी संत अपने गुरु और साधना के अनुसार ऊंचाई पर तो पहुंचे । परन्तु अंत तक नहीं । ध्यान दें । मैंने कहा । जितना मैं जानता हूं । )

lekin kabir ji kehte hain ki 'mera raam to mere bahut nazdeek hai itna nazdeek koi nahi'

( जाहिर है कि उनका घर ही वही है । वे तो सिर्फ़ टूर पर आते हैं । )

but farid ji kehte the ki 'mere rabb tu mujhe kab darshan dega mere to naina taras gaye tere deedar ko' is par aap roshni daaliye.

( जबकि फ़रीद अपने घर से बिछुडे और घर का एड्रेस भूल चुके थे । इसलिये ऐसा कहते थे । दूसरी बात स्थिति की होती है । 10th में पढने वाला कहता है कि मैं 10th में पढ रहा हूं । और B.A वाला कहता है कि मैं ग्रेजुएट हूं ।10th वाला अपने आपको ग्रेजुएट नहीं कह सकता ना । )

and ye sufism kya hota hai means sufi log.

( सूफ़ी । संत या फ़कीर एक ही बात है । ये लोग आत्मग्यानी होते हैं । एक परमात्मा के ही उपासक होते हैं । ये जगत प्रपंच के रहस्य को जानते हैं । ये देवी देवता ईश्वर आदि की पूजा नहीं करते । उल्टे देवी देवता आदि महा आत्माएं इनके दर्शन और सेवा करके खुद को धन्य समझते हैं । )

meri padosan ko 1 aurat milne ayi thi wo waise to professor hai. lekin spiritilism mein bhi interest rakhti hai uska kehna tha ki is physical body mein 7 suksham bodies aur hain(uske according yog ya dhyaan mein dheere dheere un saat suksham bodies ya un 7 avasthaon ko jaana ya experience kiya jata hai) ye 7 suksham avastayein kya hain?.

( मेरे हिसाब से तो छह हैं । छह तो बहुत दूर । तीन तक को जानने वाले बहुत कम हो पाते हैं । मैंने कहा । मरना पडता है । और मरने को बहुत कम ही तैयार होते हैं । )

jaise apne samjhaya tha ki 84 yoniyan sirf earth par hain

( जी हां । )

to kya is itne bade universe mein baki yoniyan jinko bahut log nahi jante unki ginti to countless hogi means asankhya.

( बाकी योनियां तो गिनी चुनी ही हैं । हजारों कहा जाय । तो भी ज्यादा है । )

and kya universe bhi countless hain?

( ऐसा नहीं है । पर अनगिनत अवश्य है । प्रथ्वी के एक एक इंच टुकडे का हिसाब अदृश्य सत्ता के पास रहता है । इसी तरह यूनिवर्स के हर छोटे से छोटे हिस्से का हिसाब उसके पास रहता है । पर मनुष्य आदि के लिये तो काउन्टलैस ही है । )

and brahmkumaris ne kaha tha ki aatma apne asli shudh roop mein 1 andaakaar jyoti jaisi hoti hai jisko dekha nahi ja sakta.

( ये दोनों ही बातें एकदम गलत है । ज्योति पर सभी योनियों के शरीर बनते हैं । पर वह आत्मा नहीं होती । अगर आत्मा को देखा नहीं जा सकता । तो फ़िर किसने उन्हें बताया कि वो अण्डाकार होती है ? वैसे आत्मा का अण्डाकार होना मनगढन्त बात है । असली बात कुछ और है)

to kya moksh mein aatma saare suksham bodies ko bhi chor deti hai means utaar deti hai and apne very real form mein aa jati hai.

( किसी हद तक सच है । पर अक्सर लोग सुनी पढी बात करते हैं । उससे क्या फ़ायदा होगा ? कबीर ने कहा है । कहन सुनन की बात नहीं । देखा देखी बात । दुल्हा (परमात्मा ) दुल्हन ( आत्मा ) मिल गये फ़ीकी पडी बारात । )

and rajeev ji ye raaj yog jo hai kya ye surat shabad yog hi raaj yog hi hai.

( एक ही बात होती है । पर आजकल तो राजयोग जाने किस किसको बता देते हैं । यहां राज का अर्थ मिस्ट्री है । हमारे यहां गुरु को महाराज जी कहते हैं । यानी महा रहस्य को जानने वाले । )

 shivyog wale baba keh rahe the ki 2012 mein hamari earth fourth dimension(mandal) mein enter hone ja rahi hai. wo isko pralay ki bajayee 1 badi chanage keh rahe the.

( वो ऐसा क्यों कह रहे । मुझे नहीं पता । पर ये आंशिक प्रलय होगी । 4 D के बारे में बात करना । हंसी खेल नहीं होता । बडा चेंज होने जा रहा है । ये सत्य है । पर 4 D किस एंगल से कहा । मेरी समझ से बाहर है । )

ye mandal kya hote hain(zara khul kar batayein

( किसी भी एक सत्ता से जुडे लोक को मंडल कहते हैं । जैसे प्रथ्वी का मंडल । स्वर्ग का मंडल । ब्रह्म आदि लोकों का मंडल आदि)

ye jo words hain jaise waheguru,

( अक्षररूपी गुरु । सूक्ष्म । ) alla-hoo ( लाइट या नूर )

inka matlab kya hai means inke arth kya hain. and sanatan ( लगातार । ) aur shaashvat ( जिसमें कोई चेंज न हो । परमात्मा । ) ke arth bhi batayein. meri padosan ne 1 baar mujhe ye bhi kaha tha ki 'tu jo itne sawaal puchti hai ye bhi teri pichli kamaii ho sakti hai shayad tu pichle janam mein bhi koi sadhna karti rahi ho, ( हो सकता है । ) jis kaaran tujhe dobara maanav janam mila' (to kya agar maine pichle janam mein bhi aatm gyaan ki sadhna ki hui hai to kya main exactly 84 mein se nahi ayi.

( ये जरूरी नहीं आत्मग्यान की ही साधना की हो । अक्सर अप्सरा आदि को भी शाप के कारण ये मलमूत्र का शरीर ज्वाइन करना होता है । बहुत रहस्य का खेल है ये । )

kya ye possible hai? ( बीती ताहि बिसार दे । आगे की सुध लेय । इन बातों से क्या फ़ायदा होगा । सिवाय टेंशन के । हम अभी क्या हैं । यह इम्पोर्टेंट है । हरेक जीव कभी न कभी प्रभु भक्ति करता रहा है । )

maine 1 baar apni padosan ke ghar 1 puaran article padha tha ki 'ram krishan param hans' jo the unhone 1 hi jeevan mein advait and dwait ki sadhna ki (wo mahakaali devi ke bhi upasak the) kuch batayein.

( यह सच है । मैंने पहले भी कहा था । अक्सर पहले इंसान साधारण पूजा पाठ करता है । फ़िर उसे द्वैत का गुरु मिलता है । इसके बाद सतगुरु । तुलसीदास को भी पहले द्वैत गुरु और बाद में सतगुरु मिले थे । रामकृष्ण जी पिछले जन्म के साधक थे । महाकाली की बची साधना पूरी करने के बाद उन्हें तोतापुरी नामक संत मिले । जिन्होंने उन्हें आत्मग्यान दिया । यही तोतापुरी अद्वैतानन्द जी के भी गुरु थे । जिनके आश्रम आनन्दपुर ग्वालियर और नंगली साहिब मेरठ और दिल्ली आदि में बने हैं । अद्वैतानन्द जी और इनके शिष्य स्वरूपानन्द जी काफ़ी पहले शरीर त्याग चुके हैं । )

aur ye jo bade osho the means pehle wale (rajneesh ji) inke bare mein kuch batayein.

( हिंदी और अंग्रेजी में ओशो टायप करके गूगल में सर्च करें । बहुत मैटर मिल जायेगा । )

log kehte hain ki jo aaj kal bahut famous aashram hain bade bade in ke pass bahut paisa and property hai,

( ये सच है । )

inke pass beshumaar dhan aata kahan se hai, log jo daan inko dete hai us se?.

( कुछ दान से कुछ 80 G के खेल से । जिसमें ब्लेक मनी वाइट हो जाता है)

kehte hain ki aatma ka vaastvik sawroop 'sat-chit-anand' it means 'sat' ka arth jo sat hai sada rehne wala sat hai, 'chit' ka arth chetanaya hai and 'anand' ka arth aise sukh se hai (jaise kushi ka opposite word gum hai and sukh ka opposite dukh hai but 'anand' ka opposite nahi hai) jiska opposite nahi hai?

(आत्मा की एक स्थिति सच्चिदानन्द भी है । पर बात इतनी ही नहीं । इससे भी बहुत आगे जाती है)

maine 1 article mein padha tha ki 'bhagwat geeta' aisi uttam pustak ki jisko padh lene(means padh kar theek se samajh lene) ke baad jeevan mein kuch aur vishesh jan na baki nahi rehta. is it true?

(यह लगभग सत्य ही है । लेकिन जैसा कि आपने खुद ही लिख दिया जीवन में । न कि आत्मग्यान में । सभी वेद पुराण गीता रामायण और धार्मिक ग्रन्थ पूरा ग्यान ( थ्योरी ) बताने के बाद असहाय भाव से कहते हैं । नेति नेति । यानी जितनी हमारी सामर्थ्य थी । हमने बताया । लेकिन वास्तविकता और असली अनुभव के लिये तुम्हें किसी पहुंचे हुये संत या सच्चे गुरु सतगुरु के पास जाना ही होगा । गीता में भी श्रीकृष्ण ने कहा । अर्जुन । जो मैंने कहा । उसको जानने के लिये तू समय ( यानी प्रजेंट टाइम ) के सतगुरु की शरण में जा । उनको दण्डवत प्रणाम कर । वही तुझे सत्य का अनुभव करा सकते हैं । )

5 टिप्‍पणियां:

pappu ने कहा…

rajeev ji, aapne kaha tha ki krishan ji and raam ji kaalpurush ka avtaar the.but krishan ji yogi bhi the and unhone arjun se kaha tha ki 'tere mere bahut se janam ho chuke hain jinhe sirf main jaanta hun' krishan ji yogi bhi the and kaal purush bhi? and raam ji ke baad kaalpurush ne sidha krishan ji ka avtaar liya tha and kya kaal purush ko bhi karm bandhan padhta hai. rajeev ji, jaisa ki aapne kaha ki universe ki baki yoniyan(earth ki 84 ko chor kar) sirf gini chuni hai to please unke naam batayein(agar bata sakein) and kya wo bhi mathun yoniyan hain means unke bhi bacche etc hote hain and agar wo kisi maanav se sambandh banaye to kya tab bhi bacche honge (jaise vishwamitra and apsara) tab wo bacche kya kehlayenge.maanav body 5 elements ki bani hai lekin ye universal yoniyan jo hain inki body kitne elements ki hoti hai.and inki age kitni kitni hoti hai.kya in yoniyon ki apne apne lok mein poora karm siddhant hai(karm bandhan)and kya ye lok apni earth se bade hain.devtaon ki age kitni hoti hai and pret logon ki kitni and baki jo aur yoniyan hain yakshini and apsara etc inki age kitni hoti hai. and kya really apsara and yakshini etc bahut sundar hoti hain itni sundar human lady nahi ho sakti? aapke articles mein yakshini sadhna and apsara sadhna ke bare mein bhi likha hua hai.and jo aatmayein devi yoni mein hain means deviyaan kya wo bhi bahut sundar hoti hain.rajeev ji, satyug mein treta mein and dwapar mein maanav ki kitni kitni age thi and kya kalyug mein maanav age maximum 125 saal hai. and alp ayu aur deergh ayu kise kehte hain. and sab se zada ayu kis yoni ki hoti hai in universe(earth ki 84 ko chor kar).and ab jo kalyug ke baad satyug aane wala hai ismein maanav ki age kya hogi?

pappu ने कहा…

rajeev ji, ye jo jain and budh dharam hai kya ye paramatma mein vishwaas nahi rakhte sirf aatma ko hi maante hai. mahatma budh and mahaveer ko inke dharam ke log bhagwan maante hain. budh ne kaha tha ki paramatma nirakaar hai jiska koi sign,rang,roop etc kuch nahi.please kuch batayein. rajeev ji ye jesus asal mein kya the koi avtaar the kya the? and islaam dharam ki gehraai kahan tak hai? rajeev ji ye sai baba kaun the sant the kya? rajeev ji paarsi dharam zada popular nahi hua and yahudi dharam bhi ab kam hai inke bare mein kuch batayein beshaq too the point hi batayein lekin kuch batayein. rajeev ji, anthkaran ke 4 parts hain (mann,budhi,chit and ahankaar) mann means vichar shakti,budhi means nirnayak shakti, chit ka kya matlab hota hai 'mood' and ye 4 parts ka rukh agar 1 taraf ho jaye to usko surati kehte hain? kya ye aatma ke gunn hain ya suksham body ke and kya moksh jaane wali aatma anthkaran ko bhi tyaag deti hai. aur kya souls anant hain countless and kya jab ye duniya bani thi tab ek saath wahan se jitni utaar li gayi is time utni hi aa ja rahi hain ya wahan se ab bhi utaari ja rahi hain? rajeev ji, jaise daily life mein hamare pairon ke neeche aa kar insects etc mar bhi jaate hain jinka kabhi kabhi humein pata nahi chalta to kya ye bhi hamare paap mein ata hai and agar koi surat shabad yog ka sadhak ho to kya usko anjaane se mare insect ka paap lagega. ya fir karm siddhant ke hisaab se hum us waqt us insect ki maut ke namit kewal hon. agar koi apna paap karm bhog raha hai uski mental ya physical problem ka jo kaaran bana hua hai wo namit kehlata hai and kya namit nirdosh hua? sikh dharam mein baal katwana mana hai. kya baal katwana paap hai in reality? man lady hun beauty parlour jati hun.eyebrows par threading karwati hun. rajeev ji, meri padosan ne radha soami's se panch naam liya hua hai(humne is barein mein pehle bhi baat ki thi) us padosan ne kaha tha ki main tere ko bhi ye naam dilwa dungi.aap batayein kya ye naam kalyaankaari hai?kya is se next janam maanav ka pakka hai?kyun ki har mantra ya shabad ya naam ki apni apni 1 seema rekha hoti hai.kya mere liye ye radha soami ka panch naam theek rahega and kya ye surat shabad yog hi kehlata hai.kuch sadhu log non-veg and sharab ko mana karte hain lekin wo kabhi kabhi cigerrette pite dekhe gaye hain. kya cigerrette paap nahi hai?

pappu ने कहा…

jab hum suksham body ke dwara kahin hote hain tab humein koi dekh nahi sakta(aam aadmi)lekin hum apni marzi se usko apne hone ka ehsaas karwa sakte hain kya? ya koi cheez utha sakte hain ya touch kar sakte hain? and kya kutte billi jaise jaanwar usko dekh lete hain. rajeev ji gurbaani mein Sach Khand ka jikar aya hai. kya sach khand sat lok ya amar lok ko hi bolte hain. and ye line aati hai 'sach khand vase nirankar' NIRANKAR' ka arth batayein. i think nirakaar and nirankaar mein meaning ka farq hai? rajeev ji, kya guru nanak dev ji avataar the ya sant and baki guru kya the. guru gobind singh ji ko bhi avataar kaha jata hai. rajeev ji, agar atma anaadi, ajanami,ajar,amar,abinaashi hai to moksh avastha kya hoti hai. koi kehta hai ki paramatma mein samaa jaati hai ya vileen ho jaati hai.ye vileen ho jana ya samaa jana to lagta hai ki mitt jana hai, agar mitt gayi to amar and abinaashi kaise hui? ya iske kuch aur gehre arth hain? jaise samaa jana means uska sakshatkaar kar lena and vileen ho jana ya mitt jana means dehi(physical body) bhaav ka mitt jana ya iccha ka mitt jana etc. kya moksh ja chuki aatmi fir apni marzi se waapas a ja sakti hai? kya moksh mein aatma pooran chetan and jaagrat avastha mein hoti hai? rajeev ji, log kuch log kehte hain ki egg vegetarian diet hai kuch kehte hain ki egg non-veg diet hai. aap sach batyein? and gurbaani mein alag alag bhakt logon ka jikar aya hai unmein se 1 bhagat sadhnaa ji bhi the lekin wo profession se kasai the. iske bare mein kuch kahen.rajeev ji, meri dooor ke jaan pehchaan ki rishedaari mein kisi ne 1 new colony mein new bana banaya ghar kharida hai last year. wo kehte hain ki jab bhi wahan koi akela member hota hai chahe raat ho ya dupeher unko kisi ke aur ke bhi hone ki presence mehsoos hoti hai. and 1 din unka ladka jo teenager hai apne 1st floor wale bedroom mein akela baitha tha on computer achanak jab uska dhyaan fan ki taraf gaya tab usne sirf kuch second ke liye wahan jaise koi laash latakati hai aisa scene dekha and wo wahan se bhaag liya.ab un logon ne purane makaan(pehle wale) mein shift kar liya and ye new ghar sale par laga diya.iske bare mein kuch kahein

pappu ने कहा…

rajeev ji ye shaitaan ya devil ka astitav hai kya? rajeev ji, hum gharon mein dekhte hain ki agar maa baap aastik hain to bacche naastik hain.agar maa baap naastik hain to koi baccha aastik paida ho jata hai.to kya wo sirf karm sanjog se 1 dusre ke rishtedaar bante hain present life mein. aapne kaha tha ki aad shakti brahma,vishnu and mahesh ki maa hai. to kya devi shakti devtaon se badkar hai means more powerful. rajeev ji, kya suksham body light year ki speed se chalti hai jaise abhi 1 pal mein india to dusre pal america bhi ho sakti hai? and suna hai ki paap punya ka bhi byaaz lagta hai.is it true? kuch log ye bhi kehte hain ki seperate narak nahi hai. yahan (earth) ka accha bura kiya yahin par bhogna padhta hai. shiv yog wale baba kehte the ki hum log (souls)is 5 element ke brahmand mein 5 element ka physical body le kar isko anubhav karne hi aate hain. rajeev ji, jo baki ke brahmands hain kya 5 se kam ya zada elements ke hain. and kya baki brahmands apne brahmand se bade ya small bhi hain. and kya apni earth is poore universe mein bilkul centre mein hai to agar universes aur bhi hain to kya hamara universe kis sathaan par hai unke muqable. rajeev ji, jaise divya sadhna mein ya surat shabad sadhna mein suksham body universe ke alag places par ja kar waapas aa jati hai ya is brahmand se nikal kar kisi aur brahmnad mein bhi chali jati hai and fir waapas aa jati hai. it means wahan tak to modern science ka supre rocket bhi nahi pahunch sakta. rajeev ji, jesus ne param atama ko point of light kaha tha to kya atma bhi point of light hi hai? and ye aatma and param atma dono Anaadi hain kya in do ke ilawa aur kuch bhi Anaadi nahi?

pappu ने कहा…

rajeev ji, agar hum surat shabad yog ki sadhna lagataar mean daily karne lag jayen to agar humein kisi aise ghar mein kabhi rukna padhe jaise ye upper wala case tha and humko pata na ho ki wahan kya hai ya nahi to kya wahan rukna dangerous hai? rajeev ji, jaisa aapne bataya ki surat shabad yog amrit wele mein karna chahiye to kya us time room mein andhera rakhna chahiye ya koi light jala leni chahiye. and please batayein exactly amrit vela kitne se kitne baje tak hota hai.rajeev ji, agar humein ya kisi ko bhi surat shabad yog ki sadhna karte hue 10 saal se upper ho jayein to kya (jaisa apne pehle bhi bataya tha ki time ki piche ja kar beeta hua incident bhi dekh sakte hain ) so is tarah aane wala time bhi dekh sakte hain.it means dheere dheere sadhna se hamari drishti trikaal drishti ho jati hai.is tarah to hum apna pichla janam bhi dekh sakte hain and dusre ka future bhi dekh sakte hai and kya kisi ke mann ki baat bhi jaan sakte hain? rajeev ji, previous article mein aapne likha tha ki sab yoniyan jyoti par hi banti hain to ye jyoti kya hai aapne ye bhi likha tha ki wo jyoti aatma nahi hai to fir aatma ka real sawroop kya hai. please is bare mein zaroor batayein and main sochti hu ki har aatma apne real sawroop ko bhul jati hai janam lete waqt and dheere dheere apne ko physical body hi samjhane lag jati hai. jis kaaran usko raag dvesh utpan hota hai nahi to asal mein to ye duniya aatma ke liye musafir khana hai and ye physical body 1 kiraye ka ghar(haan wo baat alag hai ki ye maanav body bahut important hai)rajeev ji, hum janam lete waqt grabh(pregnancy ke kis period mein enter karte hai ya hamare garbh mein jaane se hi aurat (shaddishuda and sexually active lady) pregnant hoti hai. kyun ki koi kehta hai ki garbh ke pehle second mein aatma (janam lene wali) enter kar jati hai and koi kehta hai ki meeting point ke time enter karti hai.is ke bare mein bhi batayein and janam lene se pehle kya aatma ko pata hota hai thoda time pehle ki main kahan (kis ghar mein and kis aurat ke) janam lene ja raha hun ya ja rahi hun. rajev ji, ye jo maanav janam hai iske 2 main parts hain man and woman lekin hijda bhi hota hai to us aatma ne aisa kaunsa paap kiya hota hai previously jo usko hijda ke roop mein janam milta hai? in the end rajeev ji, main ye baat waise hi puch rahi hun bura mat maaniyega is time aapki age kya hai (agar aap batana chahen to) mujhe aapke answers ka besabri se intezaar rahega.bye.