23 जुलाई 2010

सोना बनाने के रहस्यमय नुस्खे 3

लेखकीय -- कुछ दिनों पहले मैंने " पारस पत्थर का रहस्य " नामक लेख प्रकाशित किया था । जिसमें सोना बनाने का हल्का सा जिक्र आया था । जिसकी मेरे तमाम पाठकों पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुयी और उन्होंने
फ़ोन । ई मेल । sms । आदि के द्वारा इस विषय पर विस्तार से लिखने को कहा । हांलाकि मैं आप लोगों की जिग्यासा पूर्ति हेतु लिख अवश्य रहा हूं । पर ये सब क्रियायें बेहद कठिन हैं और इनके लिये विशेष साधन विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है । जिसमें सबसे मुश्किल तेज ताप की गलाने वाली भट्टी की ही आती है । फ़िर भी इनके छोटे प्रयोग कोई करना चाहें और वांछित वस्तुओं के वर्तमान नाम जानने की दिक्कत आये । तो किसी " आयुर्वेद " की मूल पुस्तक और संस्कृत के शब्दकोष का सहारा लें । वैसे पुराने विद्वान । और वैध लोग इन नामों को अक्सर जानते हैं । ये प्रयोग विशेष रुचि वालो के लिये । शोधकर्ताओं के लिये ही लाभदायक हैं । साधारण आदमी द्वारा ये प्रयोग करना समय और पैसे की बरबादी के अलावा कुछ नही है । लेख प्रकाशित करने का उद्देश्य पाठकों को भारत की महान प्राचीन ग्यान परम्परा से अवगत कराना है । " सोना बनाने के रहस्यमय नुस्खे " तीन भागों में प्रकाशित है । जो एक साथ ही प्रकाशित हो चुके हैं । कृपया लेख में दिये गये खाने के नुस्खे का प्रयोग कतई न करें । अन्यथा " मृत्यु " हो सकती है ।
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तैलकन्द नाम का कमलकन्द के समान प्रसिद्ध कन्द है । इसके पत्ते कमल जैसे होते हैं । इस कन्द से सदा तेल
चूता रहता है । पानी में दस हाथ की दूरी तक ये तेल फ़ैला रहता है । इसके नीचे हमेशा एक महाविषधर रहता है । इस कन्द की पहचान ये है कि इसमें लोहे की सुई प्रविष्ट करायें तो सुई तुरन्त घुल जाती है । इस कन्द को लाकर तीन बार शुद्ध पारे के साथ खरल में पीसो । फ़िर इसका तेल मिला दो । फ़िर मूसा में रखकर बांस के कोंपलो की आग में तपाओ । ऐसा करने से पारा मर जाता है । और उसमें लक्ष वेधी गुण आ जाते हैं । अर्थात साधारण धातु के एक लाख भाग और ऐसे पारे का एक भाग हो । इसको खाने से भूख और नींद पर विजय प्राप्त हो जाती है ।
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शुद्ध हरताल ( orpiment ) लेकर उस कन्द तेल के साथ 20 दिन तक खरल में पीसे । तो वह हरताल मर जायेगी । और निश्चय ही निर्धूम हो जायेगी । याने गरम करने पर उडेगी नहीं । इसे फ़िर आग में डाल दें । आठ धातुओं में से किसी को गला लें । गलित धातु में मरी हरताल मिलाये । तो सर्व वेधी का कार्य करेगी । मरी हरताल और तांबा मिलाने पर सोना बन जायेगा । मरी हरताल के साथ रांगा या कांसा मिलाने पर चांदी बन जायेगी । मरी हरताल के साथ लोहा । पीतल ।चांदी मिलाने से सोना बन जायेगा ।
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वज्रमूषा में यदि पारा और लौह सूचीद्राव रस लिया जाय और आग में साबधानी के साथ तपाया जाय । तो पारा मर जायेगा । इस मरे पारे को किसी धातु से मिलायें । तो वह सोना बन जायेगी । इस मरे पारे को खाने से अमरत्व की प्राप्ति हो सकती है । इसे खाने वाले के मलमूत्र से तांबा सोने में बदल जायेगा ।
चेतावनी -- खाने वाला कोई प्रयोग न करें । मेरी आंखों के सामने ही बुझा पारा खाकर अमरता प्राप्त करने की चाहत रखने वाले एक व्यक्ति की एक साल तक बेहद कष्ट भुगतने के बाद दर्दनाक मृत्यु हुयी है । इस व्यक्ति के शरीर की सभी नसें नीली और हरी हो गयीं थी । और ये हर समय ठन्डे पानी में बैठा रहता था । फ़िर भी इसे गरमी लगती रहती थी । दरअसल ये उच्च स्तर के साधु संतो का ग्यान है । जन साधारण को खाने वाले प्रयोग कदापि नहीं करने चाहिये । अन्यथा परिणामस्वरूप " मृत्यु " भी साधारण बात है । अतः खाने वाला प्रयोग किसी भी अनजानी चीज का कभी न करें । बल्कि करें ही न तो बेहतर है ।
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शूद्ध तूतिया लें जो पीले गन्धक से उत्पन्न हुआ हो । और आक के दूध के साथ खरल में भावना देकर यत्नपूर्वक एक पहर तक अच्छी तरह घोंटे । इसमें सीसा के समान धातु मिलाने पर सोना बन जाता है ।
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सीसा और तांबे के मिलने से बने दृव्य के मध्य में मेलापन क्रिया करें । उसमें से कुम्पिका उत्पन्न होती है । उसमें तीन बार यत्नपूर्वक सीसा गलायें । तो कुम्पिका के बीच में निर्मल स्वर्ण प्राप्त होता है ।
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" जाकी रही भावना जैसी । हरि मूरत देखी तिन तैसी । "
" सुखी मीन जहाँ नीर अगाधा । जिम हरि शरण न एक हू बाधा । "
विशेष--अगर आप किसी प्रकार की साधना कर रहे हैं । और साधना मार्ग में कोई परेशानी आ रही है । या फ़िर आपके सामने कोई ऐसा प्रश्न है । जिसका उत्तर आपको न मिला हो । या आप किसी विशेष उद्देश्य हेतु कोई साधना करना चाहते हैं । और आपको ऐसा लगता है कि यहाँ आपके प्रश्नों का उत्तर मिल सकता है । तो आप निसंकोच सम्पर्क कर सकते हैं । सम्पर्क.. 09837364129

8 टिप्‍पणियां:

siddharth ने कहा…

Shriman ji ko sat sat vandan...mai janana chahta hu ki kya aap kinhi aise mahan jivit atama ke bare me bata sakte hai jo is vidya me prayog me ane wale padartho ki sahi prapti sthano ke bare me bata sake.

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

सिद्धार्थ जी कृपया अपना उत्तर इसी ब्लाग के नये लेख - क्या आप वाकई पौरुषत्व क्षमता वाले हैं । में पढें ।

Unknown ने कहा…

गुरू जीकिया सोना बन सकता है

Unknown ने कहा…

Ha

Unknown ने कहा…

Yes ban sakta h sona sona banaya hi

Unknown ने कहा…

Gi guru gi sach ban sakta hi good

Unknown ने कहा…

Gi guru gi sach ban sakta hi good

बेनामी ने कहा…

मैने ट्राई किया मगर अलग धातु बन गया मेरी कमी की वजह से